अब ग्रामीण क्षेत्र से दूर जंगल के पास सामुदायिक भवन और सभामंच में लगेगा स्कूल, बिरसा की 25 जर्जर स्कूलों का स्थान बदला

बालाघाट. जिले के बिरसा विकासखंड में 25 जर्जर शालाओं का स्थान परिवर्तित कर दिया गया है. बीईओ बिरसा ने बताया है कि गत टीएल बैठक में कलेक्टर मृणाल मीना ने समस्त बीईओ को निर्देशित किया गया था कि वे ऐसे भवन जो कि जर्जर हो चुके है, जिनकी छत से पानी टपकता है. वहां पर बच्चों की कक्षाएं संचालित न की जाए. साथ ही बीईओ अपने स्तर पर बच्चों की कक्षाएं संचालित करना निर्धारित करे. कलेक्टर मीणा  के आदेश के बाद बिरसा बीईओ द्वारा विकासखण्ड अंतर्गत 25 जर्जर शालाओं का स्थान बदला गया है.  

अब यहां होगा शालाओं का संचालन

25 जर्जर शालाओ के परिवर्तन के बाद अब प्रा. शा. छिंदीटोला (सूजी) का संचालन समुदायिक भवन में ग्रामीण क्षेत्र से दूर जंगल के किनारे स्थापित किया गया है. वहीं प्रा. शा. छापरटोला का संचालन गोंडवाना भवन में किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त प्रा. शा. बड़टोला(माटे) को सभामंच में, एकीकृत मा. शा. लालपुर (प्रा. शा) को मा. शा के अतिरिक्त कक्ष में, प्राशा महाजनटोला(गोवारी) को प्राशा सुकतरा में, प्राशा ढांगाटोला अत्यंत जर्जर स्थिति में, प्राशा छिंदीटोला डाबरी शिक्षक आवास में, प्राशा चौरिया को ग्राम पंचायत भवन में, प्राशा डोहराटोला ग्रामीण के निवास स्थान में, प्राशा गौरझोला भवन के एक कक्ष में, प्राशा मुंडाटोला को सामुदायिक भवन में, प्राशा मुरुम शिक्षक आवास में, प्राशा मठारी, बैगाटोला और सुकुलपाट को ग्रामीण के निवास स्थान पर तथा प्रा. शा पटेलटोला (धोपघट), पिपरदार, कोटबीरकोना, माहुरदल्ली, तुम्मा, किड़गिटोला, बेन्द्रापानी, सेटेलाईट शाला पानावाही, प्राशा धामनगांव एवं खुटाटोला को आंगनबाड़ी भवन में संचालित किया जा रहा है.


Web Title : NOW THE SCHOOL WILL BE SET UP IN A COMMUNITY HALL AND MEETING STAGE NEAR THE FOREST AWAY FROM THE RURAL AREA, 25 DILAPIDATED SCHOOLS OF BIRSA HAVE BEEN RELOCATED