पेट्रोलियम पदार्थ के दामो में फिर बढ़ोत्तरी,10 दिनो में तीन बार बढ़े दाम, पेट्रोल 115.05 पैसे और डीजल 104.10 पैसे बढ़ा

बालाघाट. पेट्रोलियम पदार्थ के दामो में एक बार फिर बढ़ोत्तरी हुई है, बीते 3 अक्टूबर, 7 अक्टूबर और 10 अक्टूबर के बीच पेट्रोलियम पदार्थ के दाम तेजी से बढ़े है, आलम यह है कि अब जिले में पेट्रोल 115. 05 पैसे तो डीजल के दाम 104. 10 पैसे तक पहुंच गये है. जिसको लेकर सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी भी नजर आ रही है, यह अलग बात है कि वह खुलकर नहीं दिखाई दे रही है लेकिन लोगों की मौन नाराजगी अक्सर खतरनाक साबित होती है, संभवतः इसका असर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में भाजपा सरकार को उठाना पड़ सकता है. पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ते दाम से बढ़ रही महंगाई को लेकर भी सत्ताधारी नेताओं के जवाब बेमानी लगता है.

गौरतलब हो कि विगत 3 अक्टूबर को पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ते दाम के बाद पेट्रोल 113. 15 पैसे और डीजल के दाम 101. 83 पैसे था. जबकि 7 अक्टूबर को पेट्रोलियम पदार्थ के दाम बढ़कर पेट्रोल 114. 12 पैसे और डीजल 102. 90 पैसे हो गया था. अभी आम आदमी पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ते दाम से उभरे भी नहीं थे कि एक बार फिर पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ते दाम ने लोगों को नाराज कर दिया. 10 अक्टूबर को जिले में एक बार फिर उपभोक्ताओं ने पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़े दाम के बाद पेट्रोल 115. 05 पैसे और डीजल 104. 10 पैसे की दर पर खरीदा.  

पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दामों से उपभोक्ता परेशान हो रहे है, लेकिन सरकार को आम जनता की कोई परवाह हो, ऐसा समझ नहीं आता है, वहीं जनता की आवाज को सत्ता के समक्ष उठाने वाले विपक्ष भी खामोश बैठा है. जबकि पेट्रोलियम पदार्थ के दाम बढ़ने का असर न केवल आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ रहा है बल्कि लोगों के आशियाने बनाने का सपना भी महंगा हो गया है. पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ते दाम के चलते लोहे से लेकर सीमेंट, रेत और भवन बनाने लगने वाली सामग्री के महंगा होने से आम लोगों का आशियाना बनाने का सपना, सपना बनकर रह गया है.  

पेट्रोलियम पदार्थ, रसोई गैस के अलावा जरूरतों के सामान दाल, अनाज, तेल के भी मनमाने दाम ने न केवल घर का बजट गड़बड़ा दिया है बल्कि महंगाई के कारण आम लोगों की थाली से सेहतमंद खाना भी कम होता जा रहा है. सरकार का महंगाई से राहत दिलाने का वादा, खोखला साबित हो रहा है, बढ़ते दामों से बढ़ती महंगाई ने आम व्यक्ति के कमर के साथ ही पेट पर भी हमला किया है.  

बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थ के दामों से जिलेवासी, परेशान है कि पूरे देश में सबसे ज्यादा महंगा, पेट्रोलियम पदार्थ खरीद रहे है. जिले की जनता सरकार को पेट्रोलियम पदार्थ पर सबसे ज्यादा डायरेक्ट टेक्स दे रही है. सरकारों की बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थ के दामों में अंकुश नहीं लगाने से और बढ़ रही महंगाई को रोकने में नाकाम होने से अब सरकार को लेकर लोगों में गुस्सा भी देखा जा रहा है.  

जनता कहने लगी है कि कोरोना कॉल में सबकुछ लुटा चुके लोग अभी ठीक से खड़े भी नहीं हो पाये थे कि उन्हें फिर से महंगाई बढ़ाकर सरकार ने उभरने का अवसर नहीं दिया. जहां रसोई गैस के दाम बढ़ने से गरीब परिवारों को चूल्हे से निजात दिलाने, दिलाये गये रसोई गैस के सिलेंडर खाली पड़े है, वहीं अब लगता है कि बढ़ते पेट्रोल के दाम से गरीब परिवारांे के वाहन भी घर में खडे़ न हो जायें.  

पूरे देश में बालाघाट जिले में पेट्रोल और डीजल के भाव उच्चतम स्तर पर है. रविवार को एक बार फिर पेट्रोल का दाम बढ़ने से जिले में पूरे देश से सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल 115. 05 पैसे एवं डीजल 104. 10 पैसे हो गया है. बालाघाट शहर में पेट्रोलियम की कीमतें रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गया है. ईंधन की कीमतों में इस रिकॉर्ड तेजी का असर न केवल गाड़ी रखने वालों पर बल्कि नागरिकों पर भी पड़ रहा है. यदि दाम इसी तरह बढ़ते रहे तो लोग वाहनों को छोड़कर सायकिल युग की ओर लौटने लगेगे. पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ते दामों की एक प्रमुख वजह राज्‍य और केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला टैक्‍स है. प्रति लीटर पेट्रोल प्रति लीटर डीजल पर पर प्रदेश में लगने वाली एक्‍साइज ड्यूटी और वैट सबसे ज्यादा है, जिसके चलते प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल को आम जनता को महंगे दामो पर खरीदना पड़ रहा है. जिसको लेकर जनता में गुस्सा देखा जा रहा है. बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थ के दामों से निजी वाहन के साथ ही बस संचालन भी महंगा लगने लगा है.  


Web Title : PETROLEUM PRICES RISE AGAIN, PRICES HIKED THRICE IN 10 DAYS, PETROL BY 115.05 PAISE AND DIESEL BY 104.10 PAISE