बालाघाट. खनिज निगम अध्यक्ष एवं विधायक प्रदीप जायसवाल ने नववर्ष मिलन समारोह के माध्यम से अपने जनमत की ताकत दिखाई. जिसने विरोधियों की चिंता बढ़ा दी है. एक जानकारी के अनुसार विधायक प्रदीप जायसवाल के बुलाये गये नववर्ष मिलन समारोह, बुजुर्ग और ट्रेक्टर से निर्वाचित पंचायत एवं नगरपालिका जनप्रतिनिधि सम्मान समारोह में वारासिवनी-खैरलांजी विधानसभा क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे.
इस दौरान उन्होंने पत्नी स्मिता जायसवाल के साथ बुजुर्गो और जनप्रतिनिधियों को शॉल पहनाकर स्वागत किया. नववर्ष मिलन समारोह को संबोधित करते हुए विधायक प्रदीप जायसवाल ने कहा कि क्षेत्र के लोगों के सम्मान और विकास के लिए उन्होंने सरकार को ट्रेक्टर किराये पर दिया है. यदि नहीं देता तो आज क्षेत्र का विकास के काम के लिए उन्हें बेचारा बनना पड़ता और यह मुझे गवारा नहीं है. मैने समर्थन लेकर सहयोग लिया है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के गिरने पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की बात निर्दलीय और सपा एवं बसपा के विधायकों ने की थी. यही नहीं बल्कि भाजपा अपने 109 विधायकों के साथ उन्हें समर्थन दे रही थी, लेकिन मैने ऐसा नहीं किया. उन्होंने साथ छोड़कर गये साथियों पर तंज कसते हुए कहा कि जो ट्रेक्टर से कूदे और इसे छोड़कर भागे है, वह गद्दार है और उनके हाथ, पांव के साथ दांत भी टूट भी पंचायत और नगरपालिका चुनाव में टूट गये है. वह जनता का भला नहीं बल्कि कांग्रेस से टिकिट मिलने की चाह में हमें छोड़कर गये है.
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ईमानदारी से ट्रेक्टर चला है एक बार बार भी टेक्टर पंचर नहीं हुआ है और आखिरी एक मिनट तक, जो भी क्षेत्र के विकास के काम ला सकते है वह लायेंगे और क्षेत्र को विकास के पथ पर दौड़ायेंगे. उन्होंने जनता से आह्रवान किया कि वह उन पर भरोसा रखे. क्षेत्र के विकास और क्षेत्र की जनता की मान-सम्मान के साथ समझौता नहीं किया जायेगा. हमे अब हाथ पांव जोड़ने की जरूरत नहीं है. वारासिवनी-खैरलांजी किसी के पीछे जाने वाला नहीं है, हम जहां से खड़े होते है लाईन वहीं से शुरू होती है. हमें अपनी ताकत और एकता को बनाये रखना है, आने वाले समय उतार-चढ़ाव का समय है. क्षेत्र की जनता समुद्र में उस तेल की बूंद की तरह जो कभी नहीं डूबती है. उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर रिस्क लिया था. चुनाव हार जाता तो नाम खत्म हो जाता है, हमें उम्मीद नहीं छोड़नी है. मैं कहां से चुनाव लडुंगा, यह अलग विषय है.
उन्होंने आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन पर हमला बोलते हुए कहा कि वह मुझे नहीं जीतने की बात करते है क्या उनके पिताजी का राज है. वह बौखला गये है, वारासिवनी नगर और क्षेत्र का विकास देखकर कि आखिर यह निर्दलीय विधायक इतनी ताकत और राशि कहां से लाता है. हमने वारासिवनी में इंडोर स्टेडियम बनाये. चालीस करोड़ की लागत से जलावर्द्धन योजना का पूरा काम करके हम दोनो वक्त नागरिकों को पानी दे रहे है. जबकि बालाघाट शहर को देखो जहां इंडोर स्टेडियम तो दूर, पानी की टंकी ही दस साल से बन रही है, वारासिवनी जैसी सड़के, मुख्यालय में भी नहीं है. यही देखकर आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन बौखलाहट में मेरे खिलाफ बयानबाजी करते है. लेकिन मुझमें वह हल्कापन नहीं है. हमारा वजन क्या है यह बताता है कि निर्दलीय होने के नाते सरकार को समर्थन देने पर खंडवा पुलिया, जागपुर की पुलिया सहित 24 सड़को का काम हमने लाया. जागपुर पुलिया को लेकर तो 12 साल से आयोग अध्यक्ष घोषणा करते रहे, लेकिन सांसद और मंत्री रहते नहीं बना सके और अब नारियल फोड़ने आ गये. वारासिवनी का ठेका लेने आ गये, क्या यहां हम गोली खेल रहे है.