आज मनाया जायेगा भाई-बहन के पवित्र बंधन का पर्व रक्षाबंधन, इस वर्ष दो तिथियां में आ रहा त्यौहार, बाजार में रक्षाबंधन खरीदने लगी रही भीड़

बालाघाट. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल रक्षाबंधन का पावन पर्व सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.  

रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह और प्यार का प्रतीक होता है. रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए आरती उतारती हैं. साथ ही भगवान से उनके जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. वहीं भाई प्रेम रूपी धागा बंधवाकर उम्रभर बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं और उन्हें उपहार देते हैं.  

राखी का धागा हमारे भीतर आत्मविश्वास भरने के साथ-साथ रक्षा के संकल्पों को याद भी दिलाता रहता है. हमारी पर्व-संस्कृति में रक्षा-बंधन के पर्व पर बहन द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा है. इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार दो दिन मनाया जा रहा है. दरअसल पूर्णिमा तिथि 11 और 12 दिन होने के साथ और 11 अगस्त को पूरे दिन भद्रा रहने के कारण इस तरह का संयोग बना हुआ है.  

आज रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व अर्थात 10 अगस्त को बाजार में राखियों में दुकानों में भाईयांे की कलाई मंे सजने वाली राखियांे की खरीदी को लेकर खासी भीड़ रही. विगत 25 वर्षो से राखियांे का व्यवसाय कर रहे साकेत नामदेव की मानंे तो मौसम परिवर्तन और राखियांे के महंगी होने से इस वर्ष राखियांे की खरीदी पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष राखियों की कीमत में लगभग 15 से 20 प्रतिशत दरो की वृद्धि है, हालांकि इसे राखियां लेने आने वाली बहनें भी समझ रही कि बढ़ती महंगाई में राखियां भी महंगी हुई है. व्यवसाय को लेकर उन्होंने कहा कि राखियों के लिए अब बाजार लोग कम ही आते है, राखियां आजकल गली-गली में किराना दुकानों की तरह विक्रय होने लगी है, जिसके कारण ग्राहक भी बंट गये है. हालांकि उन्होंने कहा कि इस वर्ष राखियांे का व्यवसाय काफी अच्छा है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार भाईयांे की दांये कलाई पर बहनें अपने पवित्र रिश्ते, स्नेह और प्यार के प्रतिक के रूप में रक्षासूत्र बांधती है और भाई के स्वस्थ्य दीर्घायु जीवन और सुख समृद्धि की कामना करती है तो भाई भी बहन को रक्षासूत्र पर उसकी सुरक्षा का वादा कर उसे भेंट देता है. ऐसा कहा जाता है कि भाईयांे की कलाई पर राखी बांधने वाली बहन, राखी इसमें तीन गांठ जरूर बांध लें. राखी में तीन गांठ बांधकर भाई की कलाई पर बांधना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि तीन गांठ का संबंध भगवानों से जुड़ा हुआ है. राखी में तीन गांठ भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश को समर्पित होती है. पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए, दूसरी गांठ खुद की दीर्घायु के लिए और तीसरी गांठ भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की दीर्घायु के लिए बांधी जाती है.


Web Title : RAKSHA BANDHAN, THE FESTIVAL OF THE SACRED BOND OF BROTHERS AND SISTERS, WILL BE CELEBRATED TODAY, THIS YEAR THE FESTIVAL IS COMING IN TWO DATES, THE CROWD IS BUYING RAKSHABANDHAN IN THE MARKET