सर्व राजस्थानी महिला मंडल ने मनाया अन्नकूट और दीपावली मिलन समारोह

बालाघाट. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की. जिसे अन्नकूट भी कहा जात है. दिवाली के दूसरे दिन मनाए जाने वाले इस त्योहार का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने देवों के राजा इंद्र का घमंड चूर करने और गोकुल के लोगों की उनके क्रोध से रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण के लिए छप्पन भोग बनाया जाता है. मान्यता है कि माता यशोदा बाल श्रीकृष्ण को एक दिन में आठ बार भोजन कराती थीं. इसलिए सात दिन के लिए आठ पहर के हिसाब से छप्पन तरह के पकवान तैयार किए जाते हैं. जहां आम घरो में दिवाली के दूसरे दिन घर के आंगन में गोबर का पर्वत बनाकर उसकी पूजा की जाती है, वहीं राजस्थानी समाज द्वारा इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग चढ़ाकर उसका प्रसाद बांटा जाता है.  

राजस्थानी संस्कृति में अन्नकूट के त्यौहार के बारे में नई पीढ़ी को अवगत कराने और परंपरा का निर्वहन करने की मंशा से 19 नवंबर को राजस्थानी महिला मंडल द्वारा अन्नकूट और दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया गया. नगरीय क्षेत्र के शंकरघाट मंे स्थित कार्यक्रम में राजस्थानी समाज की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और विधि-विधान से अन्नकूट मनाकर भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाकर उसका प्रसाद ग्रहण किया.  राजस्थानी महिला मंडल सचिव श्रीमती ज्योति जुगल शर्मा और कोषाध्यक्ष पूजा शर्मा ने बताया कि 

सर्व राजस्थानी महिला मंडल द्वारा 19 नवंबर रविवार को महिलाओ द्वारा अन्नकूट और दिवाली मिलन समारोह आयोजित गया. जिसमें भगवान को अन्नकूट के भोजन का भोग लगाकर आरती गई. उन्होंने बताया कि यह पूजन, गोवर्धन पूजा की तरह ही है, जब इंद्र के घमंड को भगवान श्रीकृष्ण ने पर्वत उठाकर तोड़ा, तभी से हम भगवान श्रीकृष्ण को भगवान मानकर, अन्नकूट मनाते है. जिसमें भगवान का विधि-विधान से पूजन कर भगवान 56 भोग प्रसाद अर्पित किया गया. उन्होंने बताया कि समाज की विलुप्त होती जा रही परंपरा को समाज के युवाओं को जानने की मंशा से मनाया गया ताकि वह इन्हें याद रखे और अपनी परंपरा का निर्वहन करें. सचिव श्रीमती ज्योति जुगल शर्मा ने अन्नकूट और दिवाली मिलन समारोह कार्यक्रम में पहुंची सामाजिक महिलाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के हर कार्यक्रमों में इसी तरह की सामाजिक महिलाओं की सहभागिता से समाज एकजुट और सशक्त होगा.


Web Title : SARVA RAJASTHANI MAHILA MANDAL CELEBRATES ANNAKOOT AND DEEPAWALI MILAN