नेकियां कमाने और गुनाहों से तौबा करने का पर्व शबे-बारात आज,पढ़ी जाएगी विशेष नमाज, याद किए जाएंगे हजरत उवैस करनी

बालाघाट. उर्दू माह शाबान के महिने में मनाए जाने वाला त्यौहार शबे बारात का पर्व पूरी अकीदत के साथ 25 फरवरी को पूरे जिले में मनाया जाएगा.  धार्मिक मान्यता के अनुसार साल में कुछ खास दिन है, जिसमें बंदा, ईबादत करके लाखो नेकियां कमाता है और अपने गुनाहों से बचने का संकल्प लेता है. इसी में से एक दिन शबे बारात का है. इस पर्व में बंदा, अपने गुनाहों से तौबा करता है, साथ ही अपने खानदान के मरहुमीन के लिए दुआयें, मगफिरत और उनकी याद में धार्मिक अनुष्ठान करता है.  आज शबे बारात की शाम बाद नमाज मगरीब शाबान (शबे बारात) की विशेष नमाज अदा की जाएगी और दुआये मांगी जाएगी. जिसमें पुरूष मस्जिदों और महिलायें घरो में नमाज अदा करेगी.  

शबे बारात की रात में मिलाद की महफिल, कुरान की तिलावत, धर्म गुरूओं का प्रवचन, दरूदो सलाम के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे अर्थात् शबे बारात की पूरी रात धर्मावलंबी ईबादत में मसरूफ रहेंगे.   इस अवसर पर मरहुमीनों की मगफिरत के लिए कब्रिस्तान में दुआयें भी पढ़ी जाएगी.   शबे बारात के अवसर पर मस्जिदों और कब्रिस्तान रोशनी की गई है. शबे बारात पर्व में रोजे रखने का भी धार्मिक मान्यता के अनुसार बड़ा महत्व है.  शबे बारात को लेकर जमात रजा ए मुस्तफा अध्यक्ष फैजान रजा खान ने बताया कि धर्म ग्रंथो में शबे बारात का उल्लेख है. जिसमें अल्लाह के हुक्म से इस रात हर हिकमतवाला काम बांट दिया जाता है, हर बंदे, का पूरे साल का हिसाब लिख दिया जाता हैं, याने बंदे का काम, उसकी रोजी-रोटी, उसकी उम्र, साथ ही साल भर का हर पैदा होने वाला, हर मरने वाला, यह सभी बाते उसके पूर्व वर्ष में किए गए आधार पर तय की जाती है.  

उन्होंने बताया कि शबे बारात को लेकर पैगंबर हजरत मोहम्मद (सल्ल. ) का फरमान है कि शबे बारात का दिन आखिरत की नेमत और रहमत हासिल करने और दुनियावी आफते और मुसीबतें दूर करने और दिली मुराद पाने का दिन है. इसलिए बंदे को चाहिए कि वह परहेजगारी के साथ अपने रब की ईबादत करें. अपने दिल से जलन, हसद को निकाल दे, बंदो के अधिकार, जैसे भी हो, उसको अदा कर दे. तभी तुम रब की रहमत के अधिकारी बनोंगे. साथ ही शबे बारात के दिन अल्लाह के महबुब बंदो को भी याद किया जाता है. जिसमें विशेष रूप से हजरत उवैस करनी को याद किया जाता है. जिन्होंने पूरी दुनिया को अपने मां-बाप की सेवा का उदाहरण पेश किया. साथ ही पूरी दुनिया के मुस्लिम धर्मावलंबियों को नबी के रास्ते पर सच्चाई के साथ चलने का पैगाम दिया. उनके चाहने, मानने वाले शबे बारात के दिन उनके नाम से विशेष व्यंजन बनाकर गरीबों, दोस्तो, अहबाबों को बांटकर उनको याद करते है और उनके माध्यम से अपने लिए दुआए मांगते है.

शबे बारात को लेकर शहर में भी सारी मस्जिदों को सजाया गया है. साथ ही कब्रिस्तान में विशेष रोशनी की व्यवस्था की गई है. जमात रजा ए मुस्तफा अध्यक्ष फैजान रजा खान, रजा एक्शन कमेटी, सुन्नी युथ फोर्स, मुस्लिम वेलफेयर एंड कल्चरल सोसायटी, गुलशने आला हजरत कमेटी के पदाधिकारियों ने प्रशासन से पूरे जिले में शाबान पर्व को लेकर समुचित व्यवस्था किए जाने की अपील की है.


Web Title : SHAB E BARAT, THE FESTIVAL OF EARNING GOOD DEEDS AND REPENTANCE FROM SINS, WILL BE READ TODAY, SPECIAL PRAYERS WILL BE READ, HAZRAT UWAIS KARNI WILL BE REMEMBERED