ईबादत में गुजरी शबे कद्र की रात, मस्जिदों में हुए विभिन्न कार्यक्रम, ईद के चांद के दीदार का इंतजार

बालाघाट. मुस्लिम समाज में 5 फर्जों की अदायगी अनिवार्य है. जिसमें रमजान शरीफ के रोजे रखना भी एक अहम फर्ज है. अपने इसी फर्ज की अदायगी के लिए मुस्लिम समाज के लोगो द्वारा रमजान शरीफ में पूरे माह रोजा रख विशेष इबादत की जाती है. वही रमजान शरीफ के अंतिम अशरे में 26 वां रोजा मुकम्मल कर 27 वीं शब को शबे कद्र मनाई जाती है. जो इस साल शनिवार की रात मनाई गई. शबे कद्र पर मुस्लिम समाज के पुरुष मस्जिदों मदरसो और अन्य इबादतगाहो में जाकर पूरी रात विशेष तिलावत व विशेष नमाजे अदा करते हुए नजर आए,तो वही मुस्लिम महिलाएं घरों में रात भर इबादत कर अपने गुनाहों की माफी मांगती दिखाई दी. इसके अलावा मुस्लिम पुरुष इसी रात अपने पूर्वजों की कब्रगाह में जाकर उन्हें याद करते हुए भी दिखाई दिए. तो वही इबादतगाहों में मिलाद शरीफ, दरूद खानी, कुरआन खानी, नात खानी, तकदीर सहित विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए जो देर रात तक चलते रहे.

इस्लामी मान्यता के अनुसार इसी रात को आसमानी किताब कुरआन मुकम्मल तौर पर धरती पर नाजिल हुआ था. इसी रात को मगफिरतों की रात भी कहा जाता है. इसलिए मुस्लिम समाज के लोग पूरी रात जाग कर इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. मस्जिदों में ईबादतगुजरों की महफिल रही और शबे कद्र के बारे में मजहबी बयानी की गई. इसके अलावा तरावी सुनाने वाले हाफिजों को नजराना स्वरूप पुष्प माला, कपड़े, शाल, नगद राशि, मिठाई आदी भेंट की गई तथा सारी रात लोग ईबादत में मशगूल रहे.

एक महीना तक चलने वाले पवित्र रमजान महीने की अंतिम पड़ाव को लेकर जहां शबे कद्र की खुशी है वहीं दूसरी ओर इस महीने के अलविदा होने का भी गम है. इसी बीच 26 वें रोजे पर शबे कद्र मनाई गई. जिसको लेकर मस्जिदों में आकर्षक रोशनी की गई थी. इबादत गुजार रात भर जाग कर इबादत करते रहे. वही कब्रिस्तान पहुंचकर अपने पूर्वजों को भी याद किया और उनके लिये भी दुआएं की गई. मस्जिदों में विशेष नमाज तरावी में हाफिजो द्वारा कुराने पाक मुकम्मल किया गया है. शहर की जामा मस्जिद,और मस्जिदे आला हजरत जामिया नूरिया मदरसा में शबे कद्र पर विशेष आयोजन किया गया.  

शब-ए-कद्र के बाद से ही ईद करीब आने की वजह से खरीदारी भी तेज हो गई है और लोग ईद की जमकर खरीदी कर रहे है इसी वजह से बाजारों में रौनक दिखाई पड़ रही है हालांकि इस बार ईद की खरीदी पर महंगाई का असर है कई जरूरी चीजों के दाम बीते 2 वर्ष के मुकाबले में तेज है. फिर भी बाजार गुलजार नजर आ रहे है. खास करके कपड़ा सेवइयां मेवे के अलावा टोपी कुर्ता पायजामा इत्र सहित अन्य चीजों की खरीदी खूब हो रही है.  शबे कद्र के ठीक 3 दिन बाद चांद की तस्दीक कर मुस्लिम समाज के लोग ईद का त्यौहार मनाएंगे. जहां 29 वा चांद दिखने पर 10अप्रैल को, तो वहीं 30 वा चांद देखने पर 11 अप्रैल को रमजान ईद मनाई जाएगी जिसकी तैयारियां मुस्लिम समाज द्वारा लगभग पूर्ण कर ली गई है.


Web Title : SHAB E QADR NIGHT SPENT IN PRAYER, VARIOUS PROGRAMS HELD IN MOSQUES, WAITING FOR THE SIGHT OF THE MOON OF EID