सरकार सोचती रही, और आदिवासियों ने अपनी बस्ती में लगा दिया टोटल लॉकडाउन,गांव की सीमा को किया सील, युवा खुद आगे आकर कर रहे निगरानी

बालाघाट. बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी ग्रामों के दर्जनों ग्रामीणों ने जनता कर्फ्यू का पालन करते हुए अपने-अपने गांव में लॉकडाउन लगा दिया है. गांव को संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए बकायदा युवाओं की टीम लगाई गई है. जो हर आने जाने वाले की निगरानी करती है. सीमायें सील करने के लिए बैरिकेड नहीं है तो आदिवासियों ने पेड़ों की टहनियों से ही रास्ते सील कर दिये हैं. पिछड़े क्षेत्र के लोगों कि जागरूकता से भरी यह मुहिम इस संक्रमण काल में इस बात की उम्मीद जगाती है कि खुद को बचाने की जागरूकता अब गांवों तक भी पहुंच गई है.

बालाघाट के आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा क्षेत्र के कुरेण्डा, चीनी, पोण्ङी, खैरलांजी, बड़गांव जैसे गांवों की है इस ईलाके के दर्जनभर गांव ऐसे हैं जिन्होंने खुद ही अपने गांव की सीमाएं सील कर दी हैं. गांव के युवा गांव में आने वाले मार्गों पर पहरेदारी करते हैं, बाहर से आने वाले व्यक्तियों को रोककर पूछताछ के बाद ही गांव के अंदर आने दिया जाता है.  

आदिवासी गांव में लॉकडाउन लगाकर लोग खुद को बचाने के लिए तैयार हैं दुर्गम और पहुंच विहिन क्षेत्र के गांव की यही जागरूकता जहां एक और इन गरीब आदिवासियों को संक्रमण के खतरे से तो बचायेगी वही देश के सामने इस बात की उम्मीद भी जगाती है कि यह जागरूकता जल्दी हमें इस महामारी के खतरे से मुक्ति भी दिलाएगी.

पंचायत के ग्राम सहायक मनीष सैय्याम ने बताया कि बाहर वाले इस इलाके में बहुत घूम रहे हैं बेवजह संक्रमण न फैले, इसलिए हम बाहर वालों को तो रोक ही रहे हैं इसके अलावा बिना मॉस्क के गांव में किसी को प्रवेश करने नहीं देते. लोगों को रोकने के लिए हमने गांव में ही जनता कर्फ्यू लगाया है.

ग्रामीण युवक मनीष कुमार अजित ने बताया कि बाहर से आने वाले हर एक आदमी पर नजर रखते हैं अगर थोड़ा भी संदेह होता है तो उसे गांव में आने नहीं देते पंचायत के स्टाफ के साथ साथ गांव के युवक भी यहां दिन रात पहरेदारी करते हैं.


Web Title : THE GOVERNMENT KEPT THINKING, AND THE TRIBALS PUT UP A TOTAL LOCKDOWN IN THEIR TOWNSHIP, SEALED THE VILLAGE BORDER, THE YOUTH THEMSELVES ARE COMING FORWARD AND MONITORING