मृतको के नाम से निकाली राशि,आदिम जाति सहकारी समिति उकवा के दो कर्मियों को सजा

बालाघाट. आरक्षी केन्द्र रूपझर के मामले में मृतक व्यक्तियों के नाम से फर्जी परमिट जारी कर राशि निकालने वाले दो आरोपियों को बैहर न्यायालय के माननीय माननीय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अनुराग खरे की अदालत ने दोषी पाते हुए 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 3-3 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है.   मामले में अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पंजाब सिंह ने पैरवी की थी.  

घटनाक्रम के अनुसार थाना प्रभारी रूपझर को ग्राम पंचायत छपरवाही सरपंच द्वारा लिखित शिकायती आवेदन दिया गया था. जिसमंे शिकायत की गई थी कि आदिम जाति सहकारी समिति उकवा के प्रबंधक तथा अधिनस्थ कर्मचारियों द्वारा ग्राम नारंगी निवासी मेहतर तथा लगमा निवासी प्रेमलाल को ़़ऋण दिया गया है, जबकि उक्त दोनों लोगों की मृत्यु कई वर्ष पहले हो गई है.  

जिसकी जांच के बाद रूपझर पुलिस ने मधुकर राव, त्रिभुवन गिरी, कार्तिक धरड़े के विरूद्ध थाना रूपझर में 409, 467, 471, 34 भा. दं. वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था. विवेचना के दौरान पाया गया कि जिस नाम से प्रबंधक और अधिनस्थ कर्मचारियों ने मिलकर राशि निकाली है, उसमें मेहतर की मृत्यु 16 दिसंबर 1996 तथा प्रेमलाल की मृत्यु 05 मार्च 1994 को हो गई थी. समिति के लेखापाल मधुकर वामनकर द्वारा मेहतर के नाम परमिट क्रमांक 28187, 28911, 28936 वर्ष 1999 में जारी कर राशि निकाली गई है. आरोपी त्रिभुवन द्वारा मेहतर के नाम से 11 नवंबर 1999 को राशि 1141 रूपये का परमिट जारी किया गया. आरोपी कार्तिक घरड़े ने 28 जून 2001 को प्रेमलाल के नाम से 1634 रूपये का परमिट जारी कर राशि निकाली गई थी. विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया. विचारण के दौरान आई साक्ष्य के आधार पर दोनों आरोपीगण को कारावास और अर्थदंड की सजा से दंडित करने का फैसला माननीय न्यायालय ने दिया है. जबकि इस मामले के तीसरे आरोपी त्रिभुवन गिरी की विचारण के दौरान मौत हो गई.


Web Title : TWO EMPLOYEES OF PRIMITIVE CASTE COOPERATIVE SOCIETY UKWA SENTENCED FOR WITHDRAWING MONEY IN THE NAME OF DECEASED