गौर विसर्जन के साथ महिलाओं ने तोड़ा निर्जला व्रत,जिले में आस्थापूर्वक मनाया गया हरितालिका तीज पर्व

बालाघाट. भादो मास में हिन्दू धर्मावलंबियों की महिलाओं द्वारा मनाये जाने वाले हरितालिका तीज पर निर्जला व्रत करने वाली सुहागन महिलाओं ने आज प्रातः नगर के सरोवर और वैनगंगा नदी के तीरे गौर का विधिविधान से विसर्जन कर व्रत को तोड़ा. गौर विसर्जन का सिलसिला आज सुबह से प्रारंभ हो गया था, परिवार के साथ पावन जल में गौर का विसर्जन करने पहुंची व्रतधारी महिलाओं ने नदी किनारे गौर को रखकर पूजन, अर्चन किया और आस्था पूर्वक गौर का विसर्जन किया. गौर विसर्जन करने पहुंची महिलाओं की खासी भीड़ मोक्षधाम स्थित घाट और वैनगंगा नदी की अन्य घाटों पर दिखाई दी, नदी में जलभराव के बावजूद महिलाओं ने परिजनों की मदद से आस्था के गौर का विसर्जन किया. हालांकि इस दौरान अपेक्षित सुरक्षा भूरे के ढेर से सुई ढूंढने जैसी नजर आई. बहरहाल भगवान शंकर और माता पार्वती के पूजन से जुड़ा हरितालिका तीज पर्व मुख्यालय सहित जिले में आस्थापूर्वक मनाया गया.

भजन कर महिलाओं ने किया रतजगा

जिले में हरितालिका तीज पूरी आस्था, श्रद्धा और विश्वास के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. जिस घर में भगवान शिव और माता पार्वती के अश्क के रूप में गौर पूजन होता है, उस घर मे पूरी रात रतजगा होता है. हरितालिका तीज की पूरी रात व्रतधारी महिलाओं ने एक दूसरे के घर जाकर भजन किया. यह कार्यक्रम घरों-घर मे पूरी रात चला और महिलाओं ने भक्ति में रतजगा कर रात गुजार दी.

पति की दीर्घायु और वर की मनोकामना को लेकर सुहागन महिलाओं और कुंवारी युवती रखती है निर्जला व्रत

गौरतलब हो कि पति की दीर्घायु और मनोवांछित वर पाने सुहागन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं द्वारा हरितालिका तीज पर निर्जला व्रत रखा जाता है. इस पर्व के शुभ दिन प्रातः पावन सरोवर या कुंये के पास व्रतधारी महिलाओं और युवतियों द्वारा गौरपूजन किया जाता और सायंकाल शुभमुहुर्त पर घर में बांस की कमचियों की बने मंडप के नीचे गौर रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिविधान से पूजा, अर्चना कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा जाता है. यह व्रत वर्ष में एक बार आने वाला कठिन व्रत है, व्रत सभी सौभाग्यवती स्त्रियां निर्जला निराहार रहकर करती है, यह सबसे लंबी अवधि का व्रत माना गया है. जो सूर्योदय से शुरू होकर दूसरे दिन सूर्योदय तक उपासक निराहार निर्जला रहकर व्रत करते हैं रात्रि में जागरण कर चार पहर की पूजा होती है यह व्रत पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा कुंवारी युवतियां भी मनोवांछित वर की मनोकामना लिए यह व्रत करती है.


Web Title : WOMEN BREAK NIRJALA VRAT WITH GAUR VISARJAN, HARITABLE TEEJ PARV CELEBRATED WITH FAITH IN DISTRICT