जलसंसाधन मंत्री के गृहजिले में फसल को बचाने नहर के लिए तरसते कृषक, खेती की सिंचाई के लिए राजीव सागर परियोजना के पानी की मांग

बालाघाट. यह विडंबना ही है कि अपने विधानसभा क्षेत्र मंे कृषकों की सिंचाई की व्यवस्था करने वाले जल संसाधन राज्यमंत्री के गृहजिले में एक ऐसा भी क्षेत्र है, जहां नहर नहीं होने से कृषकों को खेती सुखते हुए देखने मजबूर होना पड़ा है, ऐसा भी नहीं है कि कृषकों ने फसल के लिए सिंचाई सुविधा की मांग नहीं उठाई हो. सिंचाई के लिए नहर बनाने की मांग को लेकर वर्ष 2018 में खैरलांजी क्षेत्र के हथोड़ा, सावरगांव, गुडरूघाट, मिरगपुर, मोहगांवघाट, पांढरवानी, टेकाड़ीघाट, येरवाघाट, गर्राबोड़ी, मुरझड़, हेटी, येनागोंदी, भंडारबोड़ी के कृषकों ने सिंचाई के साधन बनाये जाने की मांग को लेकर आंदोलन और चक्काजाम जैसा उग्र प्रदर्शन किया था लेकिन इसके बाद सर्वे के मिले आश्वासन पर वह छले गये, उन्हें विश्वास था कि आज नहीं तो कल शासन और प्रशासन के जिम्मेदारों को जिम्मेदारी याद आयेगी और वह कृषकों की खेती के लिए सिंचाई सुविधा को हल करेंगे लेकिन यह हो ना सका.  

बताया जाता है कि 12 गांवो के किसानों की लगभग 2 हजार हेक्टेयर में लगी वर्तमान में धान की फसल, पानी के अभाव में दम तोड़ रही है, जिसके लिए ग्रामीणो में जनसुनवाई के माध्यम से उन्हें राजीव सागर परियोजना के तहत सिंचाई के लिए पानी देने की मांग की सुनवाई किये जाने की मांग की है. खैरलांजी क्षेत्र के 12 गांवो के किसान, 29 अगस्त को मुख्यालय पहुंचे थे और उन्होंने जनसुनवाई में प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराया और नहर नहीं बनने तक वैकल्पिक माध्यम से पानी पहुंचाये जाने की प्रार्थना की. साथ ही उन्होंने चेताया कि यदि कृषकों की उक्त मांगो पर कोई विचार नहीं किया जाता है तो आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव का गांवो के ग्रामीण अपने मताधिकार का उपयोग नहीं करेंगे.  

पूर्व बीडीसी योगेश्वर क्षीरसागर और ग्राम के वरिष्ठ रेवाराम क्षीरसागर की मानें तो वर्ष 2018 में 12 गांवो के किसानों की खेती के लिए नहर बनाकर पानी पहुंचाये जाने की मांग की गई थी. जिसमें आश्वासन के बाद सर्वे की बात कही गई थी लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी अब तक इस मामले में कोई पहल नहीं की गई, जबकि स्थिति यथावत है. यही नहीं उनकी मानें तो गांव से महज दो से तीन किलोमीटर पर नहर ज रही है, और परसवाड़ा के तहत 337 तक पानी जा रहा है लेकिन 330 टेकाड़ी में पानी नहीं आ पा रहा, ऐसा क्यों हो रहा है यह हमारे समझ के बाहर है. क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य प्रकाश उके का मानना है यह एक गंभीर समस्या है, चूंकि जिला कृषि प्रधान जिला है और क्षेत्र के कृषकों का जीविकोपार्जन, खेती पर टिका है, वर्तमान बारिश के मौसम में क्षेत्र में पानी काफी कम गिरा है, जिससे यह दिक्कत बढ़ गई है. क्षेत्रीय कृषको की मांग है कि इस बार क्षेत्र के 12 ग्रामों के किसानों की समस्या को समझते हुए नहर बनाने के कार्यो को प्रमुखता से कराया जायें, ताकि भविष्य में ऐसी दिक्कत ना हो.


Web Title : FARMERS IN WATER RESOURCES MINISTERS HOME DISTRICT YEARN FOR CANAL TO SAVE CROPS, DEMAND WATER FROM RAJIV SAGAR PROJECT TO IRRIGATE FARMING