महानवमी: देवी मंदिरो और पंडालो में हवन पूजन के साथ कराया गया कन्या भोज, मंदिरो और घरो में रखे कलशो का किया गया सरोवरो में विसर्जन, कल से शुरू होगा प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला

बालाघाट. शारदेय नवरात्र का 11 अक्टूबर को महानवमी के साथ समापन हो गया है. जिसके बाद मंदिरो और घरों में विराजित किये गए मनोकामना ज्योति कलश और ज्वारों का सरोवरों और नदी के पावन जल मंे विसर्जन किया गया.  इससे पूर्व महानवमी पर मंदिरो और देवी पंडालो में हवन, पूजन और कन्या भोज के साथ मंदिर में प्रज्जलवित मनोकामना ज्योति कलश के विसर्जन के लिए मंदिर से शाम कलश विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई. नवरात्र पर्व के नवमी पर शहर के देवी मंदिरो में रखे गये मनोकामना कलश और घरो में रखे गये ज्वारों सहित शहर के मां कालीपाठ मंदिर, मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर, हनुमान चौक दुर्गा मंदिर सहित अन्य दुर्गा मंदिर में रखे गये मनोकामना कलश का समीपस्थ नदी और सरोवर में विसर्जन किया गया.  

प्रज्जलवित मनोकामना कलश की शोभायात्रा मंदिर परिसर से निकाली गई जो मंदिर से होकर सरोवरो में पहुंची, जहां कलश का विसर्जन किया गया. महानवमी से नवरात्र के समापन के साथ ही प्रतिमाओ के विसर्जन का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा और कल 12 अक्टूबर से सार्वजनिक दुर्गोत्सव समितियो द्वारा विराजित की गई प्रतिमाएं विसर्जित होना शुरू हो जाएगी.


Web Title : MAHANAVAMI: KANYA BHOJ WAS ORGANIZED WITH HAVAN PUJAN IN DEVI TEMPLES AND PANDALS, IMMERSION OF KALSHO KEPT IN TEMPLES AND HOMES IN THE LAKE