1 साल से बावनथड़ी नदी पर निर्मित बोनकट्टा पुल पर मालवाहक वाहनों की आवाजाही बंद,टूटे पुल की नहीं हो सकी मरम्मत, भंडारा प्रशासन ने आवागमन पर लगा रखी रोक

कटंगी. मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र इन दो राज्यों को आपस में जोड़ने वाले कटंगी-तुमसर मुख्य सड़क मार्ग पर बोनकट्टा में बावनथड़ी नदी पर निर्मित पुल पर 1 साल से भारी वाहनों की आवाजाही पर भंडारा जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई रोक बरकरार है. दरअसल, विगत वर्ष भंडारा कलेक्टर संदीप कदम ने 27 सितम्बर 2020 को अधिसूचना जारी कर इस पुल से सभी तरह के वाहनों का आवागमन अवरूद्ध कर दिया है. उन्होनें इस पुल का सुपर स्ट्रक्चर क्षतिग्रस्त होने के कारण इससे सभी तरह के वाहनों का आवागमन बंद कराया गया था. मगर, 1 साल बाद भी इस पुल की मरम्मत नहीं हो पाई है. जिस कारण दोनों ही राज्यों की जनता परेशान हो रही है, जिसको लेकर अब जनता में दिन-ब-दिन आक्रोश पनप रहा है. हालांकि विगत दिनों गोबरवाही के कांग्रेस पदाधिकारी की पहल पर पुल से मध्यम प्रकार के वाहनों को आवाजाही को छूट दी गई. जिसके राहगीरों ने राहत की सांस ली, पंरतु आज भी बड़े मालवाहक वाहनों को लंबी दूरी तय कर सफर करना पड़ रहा है. मगर, महाराष्ट्र से लेकर मध्यप्रदेश राज्य के क्षेत्रीय नेताओं द्वारा इस पुल की मरम्मत शीघ्र करवाने को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है.  

इस पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध होने के कारण मालवाहन वाहन परिवर्तित मार्ग मोवाड़-बपेरा-तुमसर से वाहनों का आवागमन कर रहे है. जबकि यात्री बसें मुसाफिरों के जान को जोखिम में डालकर पुल से ही सफर कर रही है. बता दें कि तत्कालीन बालाघाट कलेक्टर दीपक आर्य ने जिले के ट्रांसपोर्टर्स, व्यापारियों, नागरिकों एवं वाहन मालिकों की समस्या को देखते हुए भंडारा कलेक्टर संदीप कदम को उस वक्त एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि बावनथड़ी नदी पुल का तकनीकी परीक्षण करवाकर बावनथड़ी नदी के पुल से अत्यंत धीमी गति से सभी प्रकार के वाहनों का यातायात प्रारंभ करवाने की कार्यवाही करें. पंरतु भंडारा कलेक्टर ने इस पर विचार नहीं किया. हालांकि पुल पर आवागमन बंद होने के करीब 8 माह बाद गोबरवाही के कांग्रेस नेता ने राहगीरों की समस्या को ध्यान में रखते हुए आवागमन शुरू करवाया था.

चूंकि अभी तिरोड़ी से इतवारी (महाराष्ट्र) यात्री ट्रेन का परिचालन बंद है. जिस कारण बड़ी संख्या में राहगीर सड़क मार्ग का उपयोग कर रहे है. पूर्व में बावनथड़ी पुल पर छोटे वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध होने के कारण राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. यह समस्या अब भी बरकरार है. चूंकि भंडारा कलेक्टर ने कहा कि पुल क्षतिग्रस्त है ऐसे में इस पुल पर सफर करते वक्त हादसे का डर बना रहता है किन्तु आवागमन का अन्य कोई विकल्प ना होने के कारण लोग इसी पुल से सफर करने को मजबूर भी है. वर्तमान में पुल लोगों के लिए खतरनाक साबित होते जा रहा हैं. पुल पर पहुंच मार्ग की डामरीकरण अनेक स्थानों से उखड़ा है. दुपहिया वाहन सवारों को हमेशा जान खतरे में लेकर यातायात करना पड़ता है. बारिश के मौसम में, पानी सीधे सीमेंट के खंभों में घुसता है. नतीजतन, पुल के खंभे कमजोर हो गये हैं.   पुल पर बारिश के मौसम में कई जगहों पर पानी जमा रहता है. बताया जाता है कि लोक निर्माण विभाग को पता है कि यह पुल अंतिम सांसें ले रहा हैं. जिसके चलते करीब 8 वर्ष पूर्व तत्कालीन शाखा अभियंता साहू ने महाराष्ट्र सरकार को रिपोर्ट भेजी थी कि पुल का रखरखाव एवं ग्रेसिंग करने की आवश्यकता है. किंतु उस समय की महाराष्ट्र सरकार ने इस रिपोर्ट की अनदेखी की थी. नतीनज आज इसका खामियाजा दोनों ही राज्यों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

उल्लेखनीय है कि बावनथड़ी नदी पर यह पुल 1983 में बनकर तैयार हुआ था. इन 35 सालों में वाहनों की आवाजाही से पुल का सुपर स्ट्रक्चर क्षतिग्रस्त हो गया. मगर, बीते एक सालों में महाराष्ट्र सरकार इस पुल की मरम्मत नहीं करवा पाई है. तुमसर विधायक (आमदार) राजु कारेमोरे ने बताया कि रपटे का टेंडर हो चुका है. शीघ्र ही निर्माण शुरू भी होगा. उन्होनें बताया कि बावनथड़ी नदी पर 55 करोड़ रुपये की लागत से नवीन पुल का निर्माण होना है. नये बजट में इसके लिए राशि स्वीकृत हो जायेगी.


Web Title : MOVEMENT OF GOODS VEHICLES STOPPED ON BONKATTA BRIDGE ON BAWANTHADI RIVER FOR 1 YEAR, BROKEN BRIDGE COULD NOT BE REPAIRED, BHANDARA ADMINISTRATION BANS TRAFFIC