इस दिवाली डीए नहीं तो इस दिवाली बिजली नहीं, कंपनी प्रबंधन से नाराज विद्युत कर्मी, शासन की घोषणा का लाभ विद्युत कर्मियो को देने की मांग

बालाघाट. मध्यप्रदेश यूनाइटेड फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स के बैनर तले इस दिवाली डीए नहीं तो इस दिवाली बिजली नहीं थीम के साथ कंपनी प्रबंधन से सीधे लड़ाई लड़ने की मंशा पाले विद्युत अधिकारी, कर्मचारियों ने दिवाली से पहले 1 नवंबर मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस से कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. जिससे दिवाली में अंधेरे का डर लोगों को सता रहा है. फोरम के बैनर तले जहां गत दिवस विद्युत अधिकारी, कर्मचारियों ने गेट मीटिंग की थी. वहीं आंदोलन से एक दिन पूर्व कार्य बहिष्कार आंदोलन को लेकर फोरम जिला संयोजक कार्यपालन यंत्री लक्ष्मणसिंह वलके की मौजूदगी में फोरम से जुड़े अधिकारी, कर्मचारियों ने 1 नवंबर से अपने कार्य बहिष्कार के आंदोलन को शत प्रतिशत सफल करने की रणनीति को लेकर बैठक की.  

विद्युत अधिकारी, कर्मचारी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में प्रदेश के कर्मचारियों को 8 प्रतिशत महंगाई भत्ता और वेतनवृद्धि की 50 प्रतिशत राशि दीपावली के पूर्व अक्टूबर के वेतन में दिये जाने की घोषणा को पालन विद्युत विभाग मतें करवाने की मांग कर रहे है, फोरम का कहना है कि विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन द्वारा इसे विद्युत कर्मियों के लिए लागु नहीं किया गया है. जिससे विद्युत कर्मियों में निराशा और आक्रोश का माहौल है. जबकि विद्युतकर्मी, ठंड हो, बरसात हो या गर्मी, पूरे लगन के साथ उपभोक्ताओं की सेवा में जुटे रहते है. अतिआवश्यक कार्य की तरह पूरे कर्मी दिनरात काम में जुटे रहते है और उन्हें ही कंपनी प्रबंधन शासन की घोषणा का लाभ न देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है. जिससे कल 1 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल किये जाने का निर्णय फोरम ने लिया है. जिसमें जिले में कार्यरत विद्युत विभाग के एक हजार से 12 सौ कर्मी कार्य बहिष्कार आंदोलन में चले जायेंगे. जिससे विद्युत समस्या खड़ी हो जायेगी और ऐन रोशनी के पर्व दिवाली के पहले लोगो को अंधकार का सामना करना पड़ सकता है.

यूनाईटेड फोरम जिला संयोजक कार्यपालन अभियंता लक्ष्मणसिंह वलके ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य के सभी कर्मचारियों को दीपावली पूर्व अक्टूबर के वेतन के साथ 8 प्रतिशत डी. ए एवं इंक्रीमेंट की बकाया राशि का 50 प्रतिशत देनपे की घोषणा को प्रदेश की विद्युत कंपनियों के प्रबंधन द्वारा न मानने के कारण आज दिनांक तक आदेश प्रसारित नहीं किये गये है. जो प्रबंधन की विद्युत कर्मियों के प्रति असंवेदनशीलता एवं हठधर्मिता को प्रदर्शित करता है. इससे अधिकारी, कर्मचारी मानसिक रूप से प्रताड़ित है. उन्होंने बताया कि जिले में एक हजार से 12 सौ कर्मी हड़ताल पर रहेंगे और यह हड़ताल पूरे प्रदेश के 52 जिलो में होगी. इस संबंध में उर्जा मंत्री से गत 26 अक्टूबर एवं कंपनी प्रबंधन से 27 अक्टूबर को चर्चा के बावजूद किसी प्रकार का हल नहीं निकलने के कारण फोरम ने आगामी 1 नवंबर से अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन का निर्णय लिया है. इसके अलावा हमारी अन्य तीन सूत्रीय और मांग है, जिसमें 2004 से भर्ती कर्मियों को एनपीए अंशदान का लाभ देने, संविदा अधिकारी, कर्मचारियों को डीए एवं वेतनवृद्धि का लाभ देने तथा आउटसोर्स कर्मचारियों को बोनस देने की मांग है.  


Web Title : NO ELECTRICITY THIS DIWALI, NO ELECTRICITY THIS DIWALI, POWER WORKERS ANGRY WITH COMPANY MANAGEMENT, DEMAND TO GIVE BENEFITS OF GOVERNMENT ANNOUNCEMENT TO POWER WORKERS