महोदय, कम से कम आने-जाने रास्ता को दिला दो, बुजुर्ग महिलाओं ने कलेक्टर से मांगा न्याय

बालाघाट. ना थाने में सुनवाई, ना तहसील में सुनवाई, आखिर बुजुर्ग महिलायें जायेे तो कहां जाये. अब बुजुर्ग महिलाओं ने कलेक्टर से मांग की है कि महोदय, कम से कम उन्हें आने-जाने का रास्ता तो दिला दे.

कलेक्टर के पास लालबर्रा क्षेत्र के छतेरा निवासी तीन बुजुर्ग महिलायें न्याय की आस लेकर पहुंची. चूंकि उनकी सुनवाई ना तो लालबर्रा पुलिस कर रही है और ना ही लालबर्रा तहसील मेें उनकी कोई सुन रहा है. जिसके कारण अब महिलायेें, कलेक्टर को अपना दुःखड़ा सुनाने पहुंची थी.

बुजुर्ग महिला सुशीला सुखदेवे ने बताया कि तीन पीढ़ी से घर के सामने से आवागमन की रास्ता थी, लेकिन जब से विजय उके सामने रहने आया है, तब से परेशानी हो रही है, उसके द्वारा हमारे आवागमन के रास्तेे को बंद कर दिया गया है. जिसके द्वारा शौचालय निर्माण के समय पुलिस और तहसील कार्यालय में आवागमन के रास्ते को बंद करने की सूचना मेरे द्वारा दी गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई.  

आज हालत यह है कि हमारे उसके द्वारा पानी की मोटर चलाये जाने से होनेे वाले कीचड़ मार्ग से होकर घर से बाहर और बाहर से घर आना जाना पड़ रहा हैं. जिसको लेकर जब भी कुछ कहो तो वह मारपीट पर उतारू हो जाता है और एक बार तो उसके द्वारा मुझे मारा भी गया. जिसकी पुलिस में शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई. महिला सुशीला सुखदेवे की मानें तो घर में हम तीन बहनें रहती है, घर से आवागमन के लिए रास्ता सामने निवासरत विजय उके द्वारा रोक लिये जाने से उन्हें भारी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए महोदय को अपनी समस्या सुनाने आई है, कम से कम हमें आवागमन का रास्ता दिला जायें, ताकि हम सुचारू रूप से आवागमन कर सके.


Web Title : SIR, AT LEAST GIVE THE WAY TO AND FROM, THE ELDERLY WOMEN DEMANDED JUSTICE FROM THE COLLECTOR.