बालाघाट. मध्यप्रदेश में घायलों को त्वरित अस्पताल पहुंचाने का दंभ भरने वाली 108 एंबुलेंस खुद बीमार हो गई है. प्रदेश में 108 एंबुलेंस, नई कंपनी जय अम्बे प्रायवेट लिमिटेड और पुरानी कंपनी जिगित्सा हेल्थ केयर के बीच उलझ रह गई है. जिसका सीधा असर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ रहा है.
दरअसल जानकारी अनुसार 108 एम्बुलेंस का संचालन करने वाली नई कंपनी जय अंबे प्रायवेट लिमिटेड ने एक मार्च से एंबुलेंस संचालन में असमर्थता जता कर समय मांगा है. ऐसे में एनएचएम ने मौजूदा कंपनी जिगित्जा हेल्थ केयर को 45 दिन का एक्सटेंशन दिया है. मालूम हो कि जिगित्जा हेल्थ केयर का कार्यकाल दिसंबर में ही पूरा हो चुका है, लेकिन नई कंपनी जय अंबे प्रायवेट लिमिटेड के तैयार ना होने से टेकओवर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. जिस कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किरनापुर के अंतर्गत आने वाले समस्त ग्रामो में एम्बुलेंस सेवा के प्रभावित होने से मरीजो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
एनएचएम से मिली जानकारी के मुताबिक नई कंपनी जय अंबे प्रायवेट लिमिटेड को प्रदेश में 300 नई एंबुलेंस के साथ शुरुआत करनी है लेकिन कंपनी अब तक सिर्फ 100 एंबुलेंस ही तैयार करवा सकी है. ऐसे में कंपनी ने फिलहाल समय मांगा है. बताया जाता है कि 108 इमरजेंसी सर्विस का टेंडर नवंबर 2021 में हो चुका है. जय अंबे ने प्रदेश में एंबुलेंस संचालन का काम ले लिया तो सरकार ने 8 दिसंबर को टेक ओवर का समय दिया लेकिन कंपनी तैयारियां पूरी नहीं कर सकी, लिहाजा समय सीमा 22 दिन बढ़ाकर एक जनवरी की गई. इसके बाद दो बार समय सीमा और बढ़ाई गई.
थानों में खड़ी अधिकांश 108 एंबुलेंस में जब देखा गया तो एंबुलेंस के अंदर रखा स्टेªचर टूटा था और मरीजों के लिए आवश्यकता पड़ने वाली की जैसे ऑक्सीजन, बीपी मशीन, ऐसी अन्य मशीन जो इमरजेंसी में मरीजों को चेक करने के लिए 108 एंबुलेंस में रखी जाती है, उसका आभाव था, जिसके कारण एंबुलेंस सेवा शोपीस बनकर रह गई है, एम्बुलेंस में मरीज को अस्पताल लाने तक के लिए कई सुविधायें होेती है, लेकिन वह सभी बंद है, जागरूक चिकित्सक द्वारा मशीनोें को चेक करके देखा गया तब पता चला कि मशीन बंद पड़ी हुई है. इस विषय पर 108 एंबुलेंस कंपनी के जिला डीएम दीपक सरिया से दूरभाष पर चर्चा करनी चाही गई और कुछ जानकारी पूछना चाहा गया तो डीएम के द्वारा संतोषजनक जवाब न देते हुए गोलमोल जवाब देकर बहाने बाजी करते हुए फोन को काट दिया गया.