हजरत पीर सैयद चांदशाह वली का मनाया गया 40 वां उर्स, अकीदतमंदो ने पेश की चादर, कौमी एकता की प्रतिक है दरगाह

बालाघाट. आंवलाझरी स्थित हजरत पीर सैयद चांदशाह वली का दो दिवसीय 40 वां उर्स मनाया गया. जहां 21 मई को दरगाह से निकला संदल, आंवलाझरी का भ्रमण करते हुए दरगाह पहुंचा. जहां चादर पेश की गई. वहीं 22 मई को लंगर और कव्वाली का आयोजन किया गया.

खास बात यह रही कि 22 मई को आसपास के क्षेत्र के साथ ही कई अकीदत मंदो ने पूरे शानौ-शौकत के साथ संदल निकाला और दरगाह पहुंचकर हजरत पीर सैयद चांदशाह वली को चादर पेश की.

गौरतलब हो कि आंवलाझरी स्थित हजरत पीर सैयद चांदशाह वली की दरगाह की खिदमतगार एक महिला है. परमा मोहारे नाम की यह महिला 40 वर्षो से दरगाह की खिदमत कर रही है और प्रतिवर्ष उनके द्वारा हजरत पीर सैयद चांदशाह वली का उर्स शानो-शौकत के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष भी उर्स के दो दिवसीय आयोजन के तहत विभिन्न कार्यक्रम पेश किये गये.  

आज धर्म को लेेकर जहां विवाद की स्थिति देखी जा रही है, मस्जिद और मंदिर को लेेकर लोग दावा ठोंकने में लगे है, वहां आंवलाझरी स्थित हजरत पीर सैयद चांदशाह वली की दरगाह की खिदमत एक हिन्दु महिला द्वारा पूरे अकीदत के साथ किया जाना, ना केवल धर्म के नाम पर लड़ने वालोें के लिए एक प्रेरणा है बल्कि कौमी एकता का एक बड़ी मिसाल है.  

दो दिवसीय हजरत पीर सैयम चांदशाह वली के उर्स के मौके पर नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 4 निवासी शंकर मोटवानी की जानिब से शानो-शौकत के साथ संदल निकाला गया. जिसमें जबलपुर से पहुंची अहमद शहनाई का मधुर संगीत सुनाई दिया.  दादा शंकर मोटवानी ने बताया कि वह विगत कई वर्षो से यह संदल निकाल रहे है, संदल शहर के बैहर चौकी से मरारी मोहल्ला, देवी चौक, शारदा मंदिर चौक से बैहर रोड संविधान चौक होते हुए आंवलाझरी स्थित हजरत पीर सैयद चांदशाल वली के दरगाह पहुंचा. जहां अकीकत के साथ चादर पेश की गई.  दो दिवसीय उर्स में आंवलाझरी स्थित हजरत पीर सैयद चांदशाह वली की दरगाह में दुआयें मांगने के लिए अकीदतमंदो की भीड़ लगी रही. जिन्होंने उर्स आयोजन में शिरकत की.


Web Title : 40TH URS CELEBRATED BY HAZRAT PIR SYED CHANDSHAH WALI, AQEEDATMANDOS CHADAR, A SYMBOL OF QAUMI UNITY IS A SYMBOL OF DARGAH