दुर्गाष्टमी पर मातारानी को चढ़ाया गया अष्टमी का भोग, दुर्गा पंडालो में किया गया हवन, आज नवमी पर होगा नवरात्र का समापन

बालाघाट. शारदेय नवरात्र का पर्व समापन की ओर है, नवरात्रि में मां दुर्गा के नौस्वरूपों की पूजा की जाती है. 3 अक्टूबर को नवरात्रि की अष्टमी मनाई गई. जिसे महाअष्टमी या दुर्गा अष्टमी भी कहा जाता है. नवरात्र की अष्टमी पर मां महागौरी का पूजन किया गया. मान्यता है कि मां महागौरी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उनके बिगड़े कामों को पूरा करती हैं. महा आष्टमी पर धार्मिक परंपरानुसार मां को अष्टमी का भोग लगाया जाता और उनसे मनोकामना पूर्ति और नवरात्र में पूजन या व्रत के दौरान हुई गल्तियों की क्षमा मांगी जाती है. वैसे तो सभी देवी मंदिरो में मां को अष्टमी का भोग लगाया गया, लेकिन नगर के सबसे प्राचीन काली मंदिर में सुबह से ही व्रतधारी महिलायें मां को अष्टमी का भोग चढ़ाने पहुंचने लगी थी. मंदिर में मां को भक्तों ने अष्टमी का भोग लगाकर मां की पूजा अर्चना की और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा.  

ज्योतिषाचार्य के अनुसार नवरात्र में अष्टमी पूजन का विशेष महत्व है, इस दिन मां को व्रतधारी महिलायें अष्टमी का भोग चढ़ाती है और उनसे अपनी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगती है. इस दिन मां महागौरी का पूजन किया जाता है. नवरात्र की अष्टमी पर मां को अठमी चढ़ाने के पीछे मनोकामना पूर्ति के आशीर्वाद के साथ ही यह भी भावना रहती है कि मां नवरात्र के पूजन या व्रत में उनसे कोई गल्ती हुई है तो उसे क्षमा करें. इसके साथ ही शारदेय नवरात्र का पर्व अब समापन की ओर है. कल नवमी पर शारदेय नवरात्र का समापन हो जायेगा और सार्वजनिक दुर्गोत्सव द्वारा विराजित की गई प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला भी प्रारंभ हो जायेगा. वहीं नवमी पर मंदिरो और घरो में रखे जाने वाले ज्योति कलश और ज्वारे का विसर्जन भी किया जायेगा.  

दुर्गोत्सव समितियों और घरों में किया गया हवन

13 अक्टूबर को नवरात्र की अष्टमी पर शहर में दुर्गोत्सव समिति द्वारा विराजित की गई प्रतिमाओं के पंडाल और मंदिरो एवं घरो में हवन किया गया है. जहां विधिविधान से पंडितो द्वारा मंत्रोच्चार के साथ हवन कराया गया. जिसमें भक्तों ने शामिल होकर आहुतियां डाली. वहीं आज नवमी पर कई दुर्गोत्सव समितियों द्वारा हवन पूजन एवं कन्या भोज कराया जायेगा.

घरो में कन्याओं को कराया गया भोज

मां स्वरूप कन्याओं को प्रति नवरात्र में भोज कराया जाता है. जिसका तर्क यह है कि जो प्रसाद मां के लिए बनाया जाता है वह मां स्वरूपा कन्याओं को कराये जाये तो सीधे मां को कराये गये भोजन के रूप में इसका फल मिलता है. जिसके चलते आज सुबह से ही व्रतधारी परिवारों में कन्याओं को भोजन कराया गया. प्रातः से प्रारंभ कन्या भोज का सिलसिला देरशाम तक चलता रहा.  

बस स्टैंड दुर्गोत्सव समिति में किया गया हवन पूजन

विगत कई वर्षो से बस स्टैंड में दुर्गाेत्सव समिति द्वारा मां को भव्य पंडाल मंे विराजित कर उनकी भक्तिभाव से आराधना की जाती है, जहां नौ-दिनों तक मातारानी की विशेष पूजा आराधना के साथ ही विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जात है. जहां अष्टमी पर विधि विधान से समिति द्वारा हवन पूजन किया गया और यज्ञ में आहुति डाली गई. इस दौरान समिति अध्यक्ष, पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे.


Web Title : ASHTAMI BHOG OFFERED TO MATARANI ON DURGASHTAMI, HAVAN PERFORMED IN DURGA PANDALS, NAVRATRI TO END ON NAVAMI TODAY