अथर्व और आयुष ने बढ़ाया जिले का मान, नीट 2021 मेडिकल प्रवेश परीक्षा में एमबीबीएस के लिए चयनित

बालाघाट. जिले में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, खनिज और वनसंपदा से परिपूर्ण जिला प्रतिभाओं की खान है. जहां से निकलने वाला हीरा, अपनी चमक से रोशन होता है. बालाघाट की प्रतिभा खान से निकले अथर्व हनवत और आयुष पटले ऐसे ही हीरे है, जिन्होंने न केवल अपने एमबीबीएस के सपने को साकार किया बल्कि परिवार के साथ समाज और जिले को भी गौरान्वित किया है.

अथर्व हनवत, बचपन से कुशाग्र बुद्धि के धनी बालक रहे. जिन्होंने अपना लक्ष्य अपनी पढ़ाई के दौरान ही बना लिया था. स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक अच्छा चिकित्सक बनकर लोगों की सेवा करने के भाव को मन में पाले उनके पिता महेन्द्र हनवत और माता श्रीमती राशि हनवत ने उड़ान दी. रामपायली के सोनझरा के रहने वाला हनवत परिवार वर्तमान में बालाघाट में निवास करता है, जिस परिवार से आने वाले अथर्व हनवत के पिता महेन्द्र हनवत भी स्वास्थ्य क्षेत्र की सेवा दवा से जुड़े है, वे बेटे को डॉ. बनाना चाहते थे, जिनके सपनो को अर्थव ने साकार कर साबित कर दिया कि यदि लक्ष्य तय हो तो उसे भेदने में की जाने वाली मेहनत और लगन कभी व्यर्थ नहीं जाती और यही साबित कर दिखाया है अथर्व ने. अथर्व ने नीट की मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 720 अंक में 640 अंक हासिल कर एमबीबीएस में अपनी सीट सुरक्षित कर ली है. वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरूजनों और दोस्तो को देता है, जिन्होंने हमेशा ही उसे उसके लक्ष्य को भेदने के लिए न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि हर कदम पर उसका हौंसला बढ़ाया.

ऐसी ही कहानी नीट परीक्षा में 720 अंक में 583 अंक लेकर एमबीबीएस की सीट सुरक्षित करने वाले आयुष पटले की भी है, जो उकवा क्षेत्र के पोंडी से आते है. पिता छत्तीसगढ़ के सेल की हिर्री डोलोमाईट माईंस बिलासपुर में कार्यरत है. जकि मां साधारण घरेलु महिला है. अपने बड़े भाई से प्रेरित आयुष पटले ने एमबीबीएस का लक्ष्य तय किया और उसने भी नीट की परीक्षा में सफलता अर्जित कर अपनी एमबीबीएस की सीट सुरक्षित कर ली है. गौरतलब हो कि वर्ष 2020 में आयुष के बड़े भाई पीयूष पटले ने नीट परीक्षा पास कर शासकीय बुदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर में दाखिल लिया है, जहां वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे है. बचपन से कुशाग्र बुद्धि के धनी आयुष पटले ने एमबीबीएस में चयनित होकर यह दिखा दिया कि छोटे जगह से भी लोग बड़े सपने साकार कर सकते है. पोंडी जैसे छोटे अंचल से आने वाले आयुष की इस सफलता पर आज पूरा क्षेत्र और जिला गौरान्वित महसुस कर रहा है. आयुष ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता अशोक पटले, माता किरणलता पटले, दादा टेकेश्वर पटले की प्रेरणा और गुरूजनों के मार्गदर्शन को दिया. उनका कहना है कि किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता पाने के लिए स्वयं में जिद तथा उसे प्राप्त करने के लिए लगन होना चाहिये, जिससे सफलता आसानी से हासिल की जा सकती है. दोनो ही युवाओं को नीट की परीक्षा पास कर एमबीबीएस में चयनित होने पर क्षेत्र और जिले के शुभचिंतकों को बधाई दी है.  


Web Title : ATHARVA AND AYUSH RAISE DISTRICTS VALUE, SELECTED FOR MBBS IN NEET 2021 MEDICAL ENTRANCE EXAM