21 को मनाया जायेगा कुर्बानी का पर्व ईदुल अजहा,मस्जिद और घरो में अदा की जायेगी ईद की नमाज, शांति समिति की बैठक में मुस्लिम संगठन को दिये गये निर्देश

बालाघाट. 21 जुलाई को जिले में कुर्बानी का पर्व ईदुल अजहा बकरीद पूरे अकीदत के साथ मनाया जायेगा. ईद की नमाज शहर की मस्जिदों में कोविड-19़ को लेकर जारी की गई गाईडलाईन के अनुसार अदा की जायेगी. वहीं घर पर भी ईद की नमाज अदा की जायेगी. ईद की नमाज शहर एवं जिले की मस्जिदो में स्थानीय ईमामों द्वारा अदा कराई जायेगी. ईदुल अजहा को लेकर शांति समिति की बैठक में मुस्लिम संगठन पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह धर्मावलंबियों तक यह संदेश पहुंचाये कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के चलते कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए निर्धारित संख्या में मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने के साथ ही घरो में ईद की नमाज अदा करें. वहीं धर्मगुरूओं ने भी धर्मावलंबियों से ईदुल अजहा की नमाज कोरोना गाईडलाईन का पालन करते हुए घरो में अदा किये जाने की अपील की है.

मुस्लिम धर्मग्रंथो के अनुसार ईदुल अजहा का पर्व इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल के अंतिम 12 वें माह की 10 तारीख को मनाया जाता है. ईदुल अजहा पर्व का धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व है. इस पर्व को लेकर धार्मिक ग्रंथो के अनुसार अल्लाह की तरफ से हजरत नबी इब्राहिम को अपने सबसे कीमती चिज अल्लाह की राह में कुर्बान करने का निर्देश मिला था. जिसको लेकर उन्होंने अपनी सारी बहुमूल्य चिजे, अल्लाह की राह में कुर्बान कर दी. तब भी उनकी कुर्बानी अल्लाह की राह में कुबुल नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने अपने सबसे कीमती और हरदिल अजीज पुत्र नबी इब्राहिम को अल्लाह की राह में कुर्बान करना चाहा, लेकिन ऐनवक्त पर अल्लाह की तरफ से उनके बेटे की कुर्बानी के स्थान पर दुम्बा आ गया. तब से हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माईल की याद में ईदुल अजहा पर्व पर मुस्लिम धर्मावलंबी कुर्बानी देते है. धर्म जानकारों की मानें तो कुर्बानी साहिबे निसाब(सक्षम) पर ही फर्ज है और वह कुर्बानी का हिस्सा धार्मिक मान्यता अनुसार जो सक्षम नहीं है, उन तक पहुंचाये. तभी कुर्बानी मुस्तहिक(फायदेमंद) मानी जायेगी.

गौरतलब हो कि कोरोना कॉल के पहले मुस्लिम धर्मावलंबियों में ईदुल अजहा की पूर्व से देखने को मिलती थी. पर्व पर चहल-पहल देखी जाती थी. ईदगाह में नमाज अदा करने को लेकर बेसब्री का माहौल होता था. विशेषकर बच्चो में इसका उत्साह देखा जाता था लेकिन पिछले दो वर्ष से कोरोना महामारी के कारण यह सब नदारद है, पर्व की खुशियां तो है लेकिन वैसा उत्साह नजर नहीं आता है.  

धर्मगुरू अदनान रजा कादरी ने ईदुल अजहा पर्व पर धर्मावलंबियों से अपील की, कि वह कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए घरो में ही ईद की नमाज अदा करें और अल्लाह ताला से दुआ करें कि मानव जीवन को खत्म करने वाली यह महामारी देश से खत्म हो और हर नागरिक सुखी और सेहतमंद रहे, देश में अमन और शांति कायम रहे.

हाजी शोएब खान ने ईदुल अजहा पर्व को लेकर जिलेवासियों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि सभी धर्मावलंबी और जिले के सभी धार्मिक संगठन वे सामाजिक लोगों तक यह संदेश पहुंचाये कि कोरोना महामारी को देखते हुए हम सभी ईदुल अजहा की नमाज घरो में रहकर अदा करें और शासन, प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाईड लाईन का पालन करें. हमारे धर्मगुरू भी हमें यह सीख देते है.  

शांति समिति की हुई बैठक

कलेक्टर कार्यालय में ईदुल अजहा को लेकर शांति समिति की बैठक 20 जुलाई को कलेक्ट्रेट सभाहॉल में आयोजित की गई. जिसमें कलेक्टर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर शिवगोविंद मरकाम, तहसीलदार रामबाबु देवांगन सहित प्रशासनिक महकमे के अन्य अधिकारी और जिले के धार्मिक संगठनो के पदाधिकारी उपस्थित थे.

हाजी शोएब खान ने बताया कि बैठक में प्रशासन ने मुस्लिम संगठनों के उपस्थित जिम्मेदार शख्सियतों से ईदुल अजहा पर्व मनाने को लेकर गुजारिश की है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए हरसंभव प्रयास करें कि सभी लोग ईद की नमाज घरो में अदा करें. जिसके लिए जरूरी कदम उठाये जायें. जिसमें सभी लोगों ने प्रशासन की इस गुजारिश का स्वागत किया और आश्वस्त किया कि वह प्रशासन के साथ है और कोरोना गाईडलाईन का पालन करते हुए ईदुल अजहा की नमाज अदा करेंगे और पर्व को मनायेंगे.  

Web Title : EID PRAYERS TO BE CELEBRATED IN IDUL AZHA, MASJID AND GHARS TO BE CELEBRATED ON 21ST, INSTRUCTIONS GIVEN TO MUSLIM ORGANISATION IN PEACE COMMITTEE MEETING