एचयूआईडी प्रक्रिया को एक साल के लिए किया जायें स्थगित-महेन्द्र सुराना,प्रदेश सराफा एशोसिएशन ने की मांग, निर्धारित समय सीमा को बताया नाकाफी

बालाघाट. भारतीय मानक ब्यूरो अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है. वर्तमान में करीब 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है. देश में उपभोक्ताओं को खरा सोना मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने गोल्ड ज्वेलरी और डिजाइन से 16 जून से हॉलमार्किंग की व्यवस्था शुरू कर दी है. ऐसा मानना है कि सोने पर जरूरी हॉलमार्किंग से लोग धोखाधड़ी से बचेंगे और उन्हें प्योरिटी के लिहाज से वही चीज मिलेगी, जिसके लिए उन्होंने पेमेंट किया है. हॉलमार्किंग कीमती धातु की प्योरिटी का सर्टिफिकेट है. इससे पहले यह व्यवस्था स्वैच्छिक रखी गई थी. पहले 15 जनवरी, 2021 से हॉलमार्किंग जरूरी किए जाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में समयसीमा चार महीने के लिए 1 जून तक बढ़ा दी गई. फिर जौहरियों की तरफ से कोरोना महामारी के चलते समयसीमा आगे बढ़ाए जाने के अनुरोध के बाद बाद इसे 15 जून कर दिया गया. अब सरकार ने 31 अगस्त 2021 तक की समय सीमा पुराने माल की हॉलमाकिंग के लिए निर्धारित की है. इसके अलावा सरकार गहनों के लिए यह यूनीक आईडी बीआईएस के पास रजिस्टर्ड ज्वेलरों और हॉलमार्क सेंटरों द्वारा दिए जाने की योजना है. हॉलमार्किंग को लेकर की जाने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए हम हॉलमार्क वाले सोने के हर आइटम के लिए एक यूनीक आईडी या नंबर हॉलमार्क ज्वेलरी की खरीद के वक्त ग्राहकों को बैंकों के एटीएम कार्ड जैसा एक कार्ड मिलेगा. इसके जरिये उस गहने से संबंधित सारे विवरणों की जानकारी हासिल की जायेगी.  

सरकार की ज्वेलरी खरीदी करने वाले उपभोक्ताओ के लिए हॉलमार्किंग की प्रक्रिया का सराफा जगत ने भी स्वागत किया है, लेकिन कुछ व्यवहारिक परेशानियों के चलते और हॉलमार्क सेंटर की कमी और अत्यधिक संख्या में हॉलमार्क के लिए ज्वेलरो द्वारा कराई गई पंजीयन संख्या को लेकर सराफा व्यवसायी की चिंतित है कि यदि सरकार की 31 अगस्त तक की हॉलमार्किंग प्रकिया को ज्वेलर्स नहीं करवा पाता है तो 1 सितंबर के बाद से क्या वैधानिक रूप से व्यापार संभव हो पायेगा?

जिसको लेकर चितिंत प्रदेश सराफा एशोसिएशन सचिव संतोष सराफ और प्रदेश पदाधिकारी महेन्द्र सुराना ने एचयूआईडी प्रक्रिया को कम से कम एक वर्ष के लिए स्थगित किये जाने का सरकार से अनुरोध किया है. जिसके पीछे पदाधिकारीद्वय का तर्क है कि हॉलमार्किंग की प्रक्रिया काफी धीमी है और जिस संख्या में ज्वेलर्स ने हॉलमार्किंग के लिए पंजीयन किया है, उस संख्या के अनुपात में हॉलमार्क सेंटर की कमी के कारण हॉलमार्किंग सरकार की निर्धारित 31 अगस्त की समय-सीमा तक पूरा होना संभव नहीं है.

पदाधिकारीद्वय का कहना है कि मानक अधिनियम के अनुसार किसी प्रकार की जानकारी मांगने का कोई भी प्रोविजन नहीं है और ना ही समय पर जानकारी देने के पश्चात माल को जप्त करने का कोई कानूनन अधिकार है, जबकि कानून कहता है कि सिर्फ और सिर्फ हॉलमार्किंग का ही माल बेचना है. कानून में कहीं भी प्रोविजन नहीं है कि आप अपने स्टॉक की डिटेल दे. जिसके लिए सरकार समय दे, समय बगैर किसी काननून प्रोविजन की जानकारी मांगना कानूनन अधिकृत नहीं है.

पदाधिकारीद्वय प्रदेश सचिव श्री सराफ और प्रदेश पदाधिकारी श्री सुराना ने कहा कि हॉलमार्किंग की अनिवार्यता के चलते आज विषम परिस्थिति निर्मित हो गई है, पिछले 2 वर्षो से कोविड-19 संक्रमण के कारण व्यापार की स्थिति डांवाडोल हो चुकी है और भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जारी तुगलकी आदेश के कारण व्यापार की सरलता पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी है और साथ ही साथ किसी भी विषय पर जानकारी मांगने पर भारतीय मानक ब्यूरो के किसी भी ऑफिस से कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती है, जबकि आगामी त्यौहारी सीजन को देखते हुए इस तरह के स्टॉक डिक्लेरेशन के मांग पत्र जारी करना उचित नहीं है.  

पदाधिकारियों ने बताया कि पुराने स्टॉक को हॉलमार्क करने के लिए यथोचित समय दिया जाये. देश में केवल 933 हॉलमार्क सेंटर है, जिनकी प्रतिदिन की क्षमता 300 पीस जेवर को हॉलमार्क करने की है. जबकि 59390 ज्वेलर्स अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके है. सरकार की निर्धारित अवधि में केवल 36 कार्यदिवस बाकी हैं, यदि प्रति ज्वेलर आंकलन किया जाए तो मात्र 170 पीस प्रति ज्वेलर ही हॉलमार्क हो पायेगा. ऐसे में सभी चिंतित हैं कि, 01 सितंबर के बाद क्या  वैधानिक रूप से व्यापार संभव हो पायेगा ? चूंकि अलग-अलग शहरों में क्षमता भी अलग-अलग है. सराफा एशोसिएशन का कहना है कि एकतरफ जहां व्यापारी अपने स्टॉक को शीघ्रता से हॉलमार्क करा कर कानूनी दायरे में व्यापार करने के लिए तत्पर है, वहीं दूसरी तरफ विभाग ने नोटिसों का सिलसिला शुरू कर दिया है. जिस से व्यापरियों में असंतोष व्याप्त है. जिसकी एशोसिएशन ने निंदा की है. सराफा एशोसिएशन ने मांग की है कि पुराने स्टॉक को हॉलमार्क कराने के लिए समय सीमा को कम से कम 1 वर्ष तक बढ़ाने के लिए हरस्तर पर प्रयास किया जायें. एचयूआईडी को कम से कम एक वर्ष के लिए स्थगित किया आ जाये, क्योंकि इसकी वजह से हॉलमार्किंग प्रक्रिया धीमी हुई है.


Web Title : HUID PROCESS TO BE POSTPONED FOR ONE YEAR MAHENDRA SURANA, STATE SARAFA ASSOCIATION DEMANDS INADEQUATE TIME FRAME