बालाघाट. आरक्षी केन्द्र कोतवाली मामले में माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार प्रजापति की अदालत ने थाना लांजी अंतर्गत सोनेसरार आरोपी 26 वर्षीय नंदू पिता महारिया पांचंे को धारा 457 भादसं. में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन सौ रूपयें के अर्थदंड, धारा 380 भादसं. में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन सौ रूपयें के अर्थदंड से दंडित किया गया. मामले में अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमल सिंह ने पैरवी की थी.
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी विमल सिंह ने बताया कि नगर के वार्ड क्रमांक 25 निवासी कैलाश फुटानी की महावीर चौक में जनरल स्टोर्स की दुकान थी. 18 मई 2015 को रात्रि में 09. 30 बजे वह अपनी दुकान बंद कर अपने घर चला गया था. लगभग 12ः12 बजे उसके मित्र राजेश गंगवानी ने मोबाईल से फोन कर बताया कि दुकान के लेण्डलाईन फोन के नम्बर से उसके मोबाईल पर फोन आया किन्तु किसी ने बात नहीं किया है. तब फरियादी एवं उसका मित्र राजेश गंगवानी आये और देखे तो दुकान का पीछे वाले दरवाजे का ताला टूटा था तथा दुकान के अंदर जाकर देखा तो गल्ले में रखे 10-10 रूपये के नोट की 100-100 की तीन गड्डी एवं ए. टी. एम. नहीं थे. जो चोर द्वारा पीछे का दरवाजा तोड़कर गल्ले में रखे रूपये एवं ए. टी. एम. चोरी कर ले गये थे. चोर ने पुलिस पूछताछ के दौरान यह बताया कि वह फरियादी के लैण्डलाइन फोन को हड़बड़ाहट में उठाया और उसकी बटन उससे गलती से दब गई जिससे फोन फरियादी के मित्र के पास चला गया. चोर को रंगे हाथ दुकान के बाथरूम से रात में ही पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया था. फरियादी की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना कोतवाली बालाघाट में धारा 457, 380 भा. द. सं. के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया. विवेचना पूर्ण होने पर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया. माननीय न्यायालय नेे विचारण उपरांत आरोपी को दोषी पाते हुए कारावास और अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है.