बालाघाट. घर में घुसकर जेवरात एवं नगद चोरी करने के आरोपी ग्रामीण थाना अंतर्गत एफसीआई गोदाम के पास नवेगांव निवासी 30 वर्षीय युवक नितेश पिता डेलचंद टेेंभरे को बालाघाट न्यायालय के माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार प्रजापति की अदालत ने आरक्षी केन्द्र नवेगांव के मामले में दोषी पाते हुए धारा 457 भा. दं. सं. में 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन सौ रूपये अर्थदंड, धारा 380 भा. दं. सं. के तहत दोषी पाते हुए 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन सौ रूपये अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है. न्यायालय में अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमलसिंह ने पैरवी की थी.
सहायक जिला अभियोजन विमलसिंह ने बताया कि 27 दिसंबर 2017 की दोपहर में फरियादी गौरव के माता-पिता घर में ताला बंद कर गोंदिया उसके बड़े पिताजी के यहां चले गये थे. जिसके बाद 04 जनवरी की सुबह करीब 09. 30 बजे गौरव के मौसी के लड़के शुभम ने फोन कर बताया कि उनके घर का दरवाजा खुला है और लगता है कि उनके घर में चोरी हो गई है. जिस पर फरियादी गौरव अपनी मां दुर्गा को साथ लेकर नवेगांव अपने घर आया तो देखा कि दरवाजा खुला था और दरवाजे के कुंदे टूटे थे. घर के अंदर रखा सामान बिखरा पड़ा था. अलमारी का ताला और दरवाजा टूटा था और अलमारी में रखे 25 हजार रूपये नगद तथा उसकी मॉ के सोने-चांदी के जेवरात और पड़ोसी कटरे के जेवरात कुल कीमत एक लाख 90 हजार के उनके पास रखे थे, उन्हें कोई अज्ञात व्यक्ति चोरी कर ले गया था. जिसकी रिपोर्ट फरियादी द्वारा थाना ग्रामीण में की गई थी. जिसमें ग्रामीण पुलिस ने धारा 457, 380 भादसं. के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया था. जिसमेें विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था. जिस मामले में विचारण उपरांत न्यायालय ने अभियोजन के तर्को एवं प्रमाणों से सहमत होकर आरोपी को दोषी पाते सजा और अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है.