दो दिनों की जांच में दो वार्डो में ही मिला कम प्रेशर?, ना तुम जीते ना हम हारे की तर्ज पर सिमट कर जलावर्द्धन योजना की जांच, अधिकारी बोले गहराई सही, कहीं प्रेशर कम तो वाल्व से हो जाएगी समस्या ठीक

बालाघाट. जिले के बालाघाट नगरपालिका में करोड़ो रूपए की जलावर्द्धन योजना, अपने तय समय सीमा के सालों बाद, आज भी अधूरी पड़ी है. जिस योजना में बिछाई गई पाईप लाईन की गहराई कम होने और नल से प्रेशर के साथ पानी नागरिकों को उपलब्ध नहीं होने पर विधायक अनुभा मंुजारे के विधानसभा में सवाल उठाया था. जिसमें नगरीय प्रशासन मंत्री ने जांच कराने की बात कही थी. जिसके परिपालन में गत 08 मई को बालाघाट पहुंची भोपाल और जबलपुर नगरीय प्रशासन के इंजीनियरों की  टीम ने नगर के कई वार्डो का निरीक्षण किया. जिसके बाद अधिकारियों का जवाब ना तुम जीते ना हम हारे की तर्ज की तरह रहा.

दो दिन की जांच के बाद कार्यपालन यंत्री श्री रावत ने मीडिया से चर्चा में बताया कि योजना में बिछाई गई पाईप लाईन की गहराई और प्रेशर को देखा गया. जिसमें महज दो ही जगह पर प्रेशर कम मिला, जबकि अन्य वार्डो में ऐसे कोई शिकायत नहीं मिली. वहीं उनका कहना है कि गहराई को लेकर कोई इश्यु नहीं है. अधिकारियों के जलावर्द्धन योजना की जांच के बाद मीडिया को दिए गए इस बयान की मानें तो जलावर्द्धन योजना में लंबे समय से नगरपालिका में कांग्रेसी पार्षदों का हो-हल्ला बेमानी था.  बालाघाट पहुंचे जांच टीम के अधिकारी श्री रावत की बताया कि दो दिनो मंे हमने नगर के कई वार्डो का निरीक्षण किया. जिसमें वार्ड क्रमांक 09 और 33 में पानी का प्रेशर कम दिखाई दिया. चूंकि यह उंचाई वाले क्षेत्र है, जिससे यह समस्या वाल्व लगाने से दुरूस्त हो जाएगी. जिसके निर्देश हमने ठेकेदार को दिए है. ठेकेदार ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर इस समस्या को ठीक कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पुरानी पाईप लाईन को ब्रेक करने के भी निर्देश दिए गए है. ताकि नई पाईप लाईन से नागरिकों को जल प्रदाय किया जा सके. उन्होंने कहा कि यदि कोई कमी रह गई है तो इसे अमृत-2 योजना में पूरा कर लिया जाएगा.  

जिस बयान से साफ है कि दो दिनों की जांच में केवल अधिकारियों को दो ही वार्डो में पानी के कम प्रेशर दिखाई दिया. जिस पर सवाल यह उठ रहा है कि जांच टीम, केवल नपा इंजीनियरों और कांग्रेसी पार्षदो के बताई गई जगहो पर ही निरीक्षण किया जाना था, या फिर जांच की कोई प्रक्रिया तैयार की गई थी, जिसमें जांच किया जाना था. चूंकि जानकारों की मानें तो और भी ऐसे वार्ड है, जहां प्रेशर कम है और नल के बावजूद पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.  विधायक के विधानसभा सवाल पर जांच करने पहुंची टीम ने अपने विवेक से अन्य ऐसे किसी वार्ड की जांच क्यो नहीं की. चूंकि अधिकारी की मानें तो जांच टीम ने नपा टीम और कांग्रेसी पार्षदों के कहने पर उनके वार्डो का निरीक्षण किया. जिसमें केवल दो ही वार्डो में प्रेशर कम दिखाई दिया. वहीं गहराई कम का इश्यु उन्हें मिला ही नहीं.  


Web Title : IN TWO DAYS OF INVESTIGATION, LOW PRESSURE WAS FOUND IN TWO WARDS?, NEITHER YOU WON NOR WE LOST ON THE LINES OF WATER AUGMENTATION SCHEME INVESTIGATED