बालाघाट. भारत में पहली महिला क्रांतिकारी रामगढ़ की रानी अवंतीबाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध ऐतिहासिक निर्णायक गोरिल्ला युद्ध किया, जिसका भारत की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है, जिसके बाद रामगढ़ की रानी अवंतीबाई उनका नाम पूरे भारत मैं अमर शहीद वीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम से प्रसिद्ध है. जिनका बलिदान दिवस प्रतिवर्ष बालाघाट में लोधी समाज कार्यक्रमों के साथ मनाता है, इस वर्ष भी बलिदान दिवस से पूर्व लोधी महासभा द्वारा इसे व्यापक रूप से मनाने का निर्णय लिया गया था, किन्तु विश्व में महामारी बन चुकी नोवेल कोरोना वायरस बीमारी के चलते लोधी महासभा ने अपने सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर कर दिया है.
लोधी महासभा द्वारा निर्णय लिया गया है कि आगामी 20 मार्च को भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली प्रथम महिला शहीद वीरांगना रानी अवंतीबाई का बलिदान दिवस सादगी से मनाया जायेगा. सर्वसमाज द्वारा वीरांगना रानी अवंतीबाई के बलिदान दिवस मनाये जाने के कारण सामाजिक संगठन माल्यार्पण करेगा.
सर्किट हाउस में आयोजित प्रेसवार्ता में लोधी क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष उम्मेद लिल्हारे ने बताया कि सर्व समाज द्वारा मनाये जाने वाले वीरांगना रानी अवंतीबाई के बलिदान दिवस को, लोधी महासभा द्वारा व्यापक रूप से मनाये जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन जूझ रहे कोरोना वायरस की बीमारी को लेकर सरकार और प्रशासन के निर्देश के साथ, महासभा इस वर्ष वीरांगना रानी अवंतीबाई के बलिदान दिवस पर कार्यक्रमो का आयोजन नहीं करेगी. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर बलिदान दिवस कार्यक्रम सादगी से मनाया जायेगा. जिसके तहत 20 मार्च को रानी अवंतीबाई का बलिदान दिवस, नगर में उनके नाम से स्थित चौक पर सादगी पूर्ण मनाते हुए माल्यार्पण किया जायेगा. जिसके बाद दोपहर में लोधी महासभा वीरांगना रानी अवंतीबाई के बलिदान दिवस पर जिला चिकित्सालय में पीड़ित मानवता के सेवार्थ रक्तदान करेगी. इसी दिन दोपहर ट्वेझरी में वीरांगना रानी अवंतीबाई दिवस मनाया जायेगा. और 21 मार्च को ग्राम बोदा में स्थापित वीरांगना रानी अवंतीबाई की प्रतिमा का लोकार्पण किया जायेगा.
इस दौरान लोधी महासभा गुड्डु नगपुरे, सुखदेव मुनी कुतराहे, राजेश लिल्हारे, गगन नगपुरे, सुरेश दमाहे, रितुराज मोहारे और सौरभ लोधी सहित अन्य युवा मौजूद थे. ज्ञात हो कि गत दिवस ही सिंधी समाज ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर भगवान झूलेलाल की जयंती पर आयोजित सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया था.