वीरांगना रानी अवंतीबाई की जयंती पर लोधी समाज ने किया नमन, रानी अवंतीबाई केवल समाज की नहीं पूरे देश की वीरांगना थी-सम्राटसिंह

बालाघाट. आज भी भारत की पवित्र भूमि ऐसे वीर-वीरांगनाओं की कहानियों से भरी पड़ी है, जिन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश के आजाद होने तक भिन्न-भिन्न रूप में अपना अहम योगदान दिया, लेकिन भारतीय इतिहासकारों ने हमेशा से उन्हें नजरअंदाज किया है. देश में सरकारों या प्रमुख सामाजिक संगठनों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए लोगों के जो कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं वो सिर्फ और सिर्फ कुछ प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के होते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं जिनके अहम योगदान को न तो सरकारें याद करती हैं न ही समाज याद करता है, लेकिन उनका योगदान भी देश के अग्रणी श्रेणी में गिने जाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से कम नहीं है. ऐसी ही स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख सूत्रधार रहीं वीरांगना अवंतीबाई लोधी का जन्म पिछड़े वर्ग के लोधी राजपूत समुदाय में 16 अगस्त 1831 को ग्राम मनकेहणी, जिला सिवनी के जमींदार राव जुझार सिंह के यहां हुआ था. वीरांगना अवंतीबाई लोधी की शिक्षा दीक्षा मनकेहणी ग्राम में ही हुई. अपने बचपन में ही इस कन्या ने तलवारबाजी और घुड़सवारी करना सीख लिया था. लोग इस बाल कन्या की तलवारबाजी और घुड़सवारी को देखकर आश्चर्यचकित होते थे. वीरांगना अवंतीबाई बाल्यकाल से ही बड़ी वीर और साहसी थीं. जैसे-जैसे वीरांगना अवंतीबाई बड़ी होती गयीं वैसे-वैसे उनकी वीरता के किस्से आसपास के क्षेत्र में फैलने लगे और 1857 की लड़ाई में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी का दिया गया बलिदान, देश की आजादी में एक अमिट इतिहास बनकर रह गया. जिनकी जन्म जयंती और बलिदान दिवस प्रतिवर्ष लोधी समाज द्वारा मनाया जाता है. इसी कड़ी में 16 अगस्त को उनकी जयंती, बालाघाट मुख्यालय में मनाई गई. इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राटसिंह सरस्वार, उपाध्यक्ष योगेश उर्फ राजा लिल्हारे, पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस नेता उम्मेद लिल्हारे सहित काफी संख्या में लोधी और सर्वसमाज के लोगो ने उन्हें पुष्पांजली देकर नमन किया.

इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राटसिंह सरस्वार ने कहा कि वीरांगना रानी अवंतीबाई, केवल लोधी समाज की नहीं बल्कि देश की वीरांगना थी. जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया. आज हर देशवासी उनके संघर्षो और देश के लिए दिये गये बलिदान को याद कर आजादी के परिवेश पर उनका आभार व्यक्त करता है.

जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे ने कहा कि वीरांगना रानी अवंतीबाई ने दबे, कुचलो लोगों की लड़ाई लड़ी और देश को आजादी दिलाने के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया. जिन्हें आज हम सब नमन करने यहां आये है. उन्होंने बताया कि जयंती कार्यक्रम सादे समारोह में मनाया जा रहा है, चूंकि पूरे जिले में बाढ़ जैसे हालत है, ऐसे में हमारी सभी लोगों से अपील है कि अपने गांव में ही वीरांगना रानी अवंतीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद करें.

जिला पंचायत पूर्व सदस्य एवं कांग्रेस नेता उम्मेद लिल्हारे ने कहा कि देश के शहीदों को किसी जाति में नहीं बांधा जा सकता, वह सर्वसमाज के होते है, प्रतिवर्ष लोधी समाज, वीरांगना रानी अवंतीबाई को उनकी जयंती और बलिदान दिवस पर याद करता है. हमारी जिले के लोगों से अपील है कि जहां-जहां भी रानी अवंतीबाई की प्रतिमा है, वहां वीरांगना रानी अवंतीबाई की जयंती उल्लासपूर्वक मनाये.


Web Title : ON THE BIRTH ANNIVERSARY OF RANI AVANTIBAI, THE LODHI COMMUNITY BOWED, RANI AVANTIBAI WAS NOT ONLY THE HEROINE OF THE SOCIETY BUT OF THE WHOLE COUNTRY SAMRAT SINGH