राजाभोज जयंती पर निकली शोभयात्रा, बड़ी संख्या में जुटे स्वजातीय बंधु, नगर भाजपा ने शोभयात्रा का पुष्पवर्षा कर किया स्वागत

बालाघाट. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी बसंत पंचमी 16 फरवरी को पंवार समाज के आराध्य एवं प्रेरणास्त्रोत पंवार वंश के नवें राजा राजा भोज परमार की जयंती पर नगर में शोभायात्रा निकाली गई. नगर के भटेरा नाके से प्रारंभ होकर यह शोभायात्रा रानी अवंतीबाई चौक, काली पुतली चौक, मेनरोड होते हुए हनुमान चौक से सर्किट हाउस रोड, आंबेडकर चौक होते हुए मोती तालाब स्थित राजाभोज प्रतिमा स्थल पर आयोजित कार्यक्रम स्थल पहुंची.  

जहां राजाभोज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया. इस दौरान समाज के जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ नागरिकों द्वारा राजाभोज परमार के जीवन चरित्र पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें उनके बताये गये मार्गो पर चलकर समाज का उत्थान और सर्वांगीण विकास करना है. नगर में पंवार समाज द्वारा निकाली गई समाज के आराध्य एवं प्रेरणास्त्रोत राजाभोज परमार जयंती पर सामाजिक लोगों द्वारा निकाली गई राजाभोज परमार की शोभयात्रा का भाजपा नगर की ओर से नगर के काली पुतली चौक और हनुमान चौक में पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया.  

शोभायात्रा में पूर्व मंत्री एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन, पूर्व विधायक मधु भगत, पूर्व नपाध्यक्ष विवेक पटेल, लोचनसिंह देशमुख, चित्ररंजन बिसेन, शेषराम राहंगडाले, राज हरिनखेडे़, महिला नेत्री श्रीमती भारती पारधी, श्रीमती मौसम हरिनखेड़े, श्रीमती पुष्पा बिसेन सहित समाज के वरिष्ठ, युवा और महिलायें बड़ी संख्या में मौजूद थी.

मोती तालाब राजाभोज प्रतिमा स्थल पर समाज के आराध्य राजाभोज की प्रतिमा और मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की गई. इस दौरान वक्ताओं ने चक्रवती महाराज राजाभोज के जीवन वृतांत पर विस्तृत विचार रखते हुए समाज को साथ लेकर चलने की बात कही.  

गौरतलब हो कि राजा भोज परमार, पंवार वंश के नवें राजा थे. परमार वंशीय राजाओं ने मालवा की राजधानी धारानगरी (धार) से आठवीं शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक राज्य किया था. जिन्हें कई युद्ध किये और अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की. जिससे सिद्ध होता है कि उनमें असाधारण योग्यता थी. यद्यपि े अधिकांश जीवन उनका युद्धक्षेत्र में बीता तथापि उन्होंने अपने राज्य की उन्नति में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न होने दी. मालवा के नगरों व ग्रामों में बहुत से मंदिर बनवाए, हालाकि उनमें से अब बहुत कम का पता चलता है.

कहा जाता है कि वर्तमान मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को राजा भोज ने ही बसाया था. तब उसका नाम भोजपाल नगर था, जो कि कालान्तर में भूपाल और फिर भोपाल हो गया. राजा भोज ने भोजपाल नगर के पास ही एक समुद्र के समान विशाल तालाब का निर्माण कराया था, जो पूर्व और दक्षिण में भोजपुर के विशाल शिव मंदिर तक जाता था. आज भी भोजपुर जाते समय, रास्ते में शिवमंदिर के पास उस तालाब की पत्थरों की बनी विशाल पाल दिखती है.  

उन्होंने बताया कि राजा भोज स्वयं बहुत बड़े विद्वान थे और कहा जाता है कि उन्होंने धर्म, खगोल विद्या, कला, कोशरचना, भवननिर्माण, काव्य, औषधशास्त्र आदि विभिन्न विषयों पर पुस्तकें लिखी हैं, जो अब भी विद्यमान हैं. इनके समय में कवियों को राज्य से आश्रय मिला था. धार में भोज शोध संस्थान में भोज के गं्रथों का संकलन आज भी पढ़ा जा सकता है. वे एक बहुत बड़े वीर, प्रतापी, और गुणग्राही थे. वे बहुत अच्छे कवि, दार्शनिक और ज्योतिषी थे.  

राजाभोज जयंती पर निकली शोभायात्रा का पुष्पवर्षा कर नगर भाजपा ने किया स्वागत

बसंत पंचमी 16 फरवरी को पंवार समाज के आराध्य एवं प्रेरणास्त्रोत पंवार वंश के नवें राजा राजा भोज परमार की जयंती पर नगर में शोभायात्रा निकाली गई. नगर में पंवार समाज द्वारा निकाली गई समाज के आराध्य एवं प्रेरणास्त्रोत राजाभोज परमार जयंती पर सामाजिक लोगों द्वारा निकाली गई राजाभोज परमार की शोभयात्रा का भाजपा नगर की ओर से नगर के काली पुतली चौक और हनुमान चौक में पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया.  

इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता राजकुमार रायजादा, सत्यनारायण अग्रवाल, दिलिप चौरसिया, अरूण राहंगडाले, संजय मिश्रा, अजय सोनी नगर अध्यक्ष सुरजीतसिंह ठाकुर, भाजयुमो जिलाध्यक्ष, रमाकान्त डहाके, मोनू श्रीवास्तव, राजेश लिल्हारे, मनोज हरिनखेरे, भरत चौधरी, राजेन्द्र गुडडू चौधरी, जितेन्द्र चौधरी, महेन्द्र अजीत, मोनिल जैन, मुन्ना सरदार,खिमेन्द्र गौतम, योगेश पप्पू बिसेन, भूरू कटरे, कक्की बाजपेयी, अंकुश बाजपेयी, अखिलेश चौरे, गुरूदत्त तुरकर,सुमित यादव, सचिन चौधरी, सोनू कसार सहित अन्य भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे.


Web Title : SHADHANBHAYATRA ON RAJBHOJ JAYANTI, A LARGE NUMBER OF SELF ETHNIC BROTHERS, CITY BJP WELCOME SHADHANBHAYATRA BY FLORAL SHOWERS