वात्सल्य साधना और पुष्प ग्रुप ने दो आंगनबाड़ियोें को लिया गोद, किशोरी बालिकाओं और बच्चों को समर कैंप में दी जा रही आत्मनिर्भरता की सीख

बालाघाट. वात्सल्य साधना और पुष्प ग्रुप ने प्रदेश शासन के आओ आंगनबाड़ी गोद ले के साथ जुड़कर नगर के आकाशवाणी और सागौन वन की आंगनबाड़ी को गोद लिया है.  

इसके साथ ही आंगनबाड़ी के पात्र हितग्राही 10 से 15 साल के किशोरियों के लिए तीन दिवसीय समर कैंप लगाया है, जहां ग्रुप से जुड़ी महिलायें उन्हें आत्मनिर्भरता की सीख दे रही है. समर कैंप में किशोरी बालिकाओं को कागज से पैकेट, दीपावली के लिए दिये, मटका सजाना, सिलाई में कांच करना औैर बटन लगाना के साथ ही पेपर वर्क सीखा रही है ताकि तीन दिवसीय समर कैंप मंे प्रशिक्षित बालिकायें गर्मी के समय इन प्रशिक्षण का उपयोग कर स्वयं आत्मनिर्भर बन सके.  

प्लास्टिक बैग पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदायक होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता था. जिस पर पुर्ण प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है. प्लास्टिक के बैग के विकल्प के रूप में पेपर बैग का उपयोग करके पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. जिसको देखते हुए वात्सल्य आराधना ग्रुप बालाघाट द्वारा मदर्स-डे के अवसर पर बाल शिक्षा केंद्र आंगनवाड़ी वार्ड-11 में एक से बढ़कर एक सुंदर पेपर बैग के थैले बनाकर उपयोग करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें 10 से 15 साल की किशोरी बालिकाओं को अखबार और पेपर से बैग बनाने के एक-एक पहलू को बेहद बारीकी से समझाते हुए सिखाया गया. साथ ही इसे बनाकर कैसे बाजार में विक्रय किया जा सकता है इस बारे में जानकारी दी गई. जिससे पर्यावरण की रक्षा के साथ ही दुकानदारों को कम कीमत में बेहतर पेपर बैग मिल सकें. इसके अलावा छात्रों को मिट्टी के दिए और छोटी-छोटी मटकी को सजाना, मोम से दिए बनाना और रोज लगने वाली चीज जैसे कांच बटन, हुक लगाना, तुरपाई करने का प्रशिक्षण दिया गया. शिविर में बालिकाओं को बाहर जाने पर सेल्फ डिफेंस और हाईजीन से बचाव को लेकर जानकारी दी गई.

कच्छ गुर्जर क्षत्रिय समाज अध्यक्ष मीना बेन चावड़ा ने बताया कि वे बच्चे जिनके पास मोबाइल की सुविधाएं हैं वे गूगल से सब कुछ सीख लेते हैं परंतु अर्थिक रूप से कमजोर परिवार के  बच्चे जिनके पास मोबाइल की सुविधाएं नहीं है वह बच्चे यह सब बनाना नही सिख पाते. इसलिए हमने ऐसे बच्चों के लिए निःशुल्क शिविर लगाया ताकि गर्मियों में बच्चे अपने समय का सदुपयोग करके दो पैसे जुटा सके जो बच्चे ये काम सिख कर करना चाहेंगे, उनके लिए उनके ग्रुप द्वारा मदद भी की जाएगी.  

कच्छ गुर्जर क्षत्रि समाज महिला अध्यक्ष श्रीमती मीना चावड़ा ने बताया कि हमारा उद्ेश्य आंगनबाड़ी के पात्र हितग्राहियों के लिए आवश्यकता अनुरूप सामग्री की उपलब्धता के साथ ही किशोरी बालिकाओं को ना केवल आत्मनिर्भर बनाना है बल्कि आत्मरक्षा और हाईजिन से सुरक्षा के प्रति भी जागरूक करना है, उन्होंने बताया कि हमारें ग्रुप में 30 महिलायें है, जो सामाजिक सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं. यहां प्रशिक्षित होने वाली किशोरी बालिकाओं की आगामी समय में उनके द्वारा बनाये जाने वाली सामग्री और उसकी कम दरो पर सामानो की उपलब्धता एवं उनके सामानोें को विक्रय करने में भी उनकी मदद करेगी.  

उन्होंने बताया कि बालिकाओं में सीखने की बहुत ही उत्सुकता देखी गई. सभी खुशी से नई-नई चीजें सीखने के लिए तैयार है. इस दौरान कैंप में श्रीमती शांता तिवारी, शशि तिवारी, वंदना माहुले,नेहा वेगड, पुजा राठोड, निशा टाक, अर्चना चावडा सभी ने अपना योगदान दिया. वहीं प्रशिक्षण शिविर को सफल बनाने में योगिता कावड़े, आंगनबाड़ी केंद्र कार्यकर्ता गीता बागड़े, सहायिका बिंदु उपस्थित सहित सहयोगियों का भरपूर सहयोग मिला.


Web Title : VATSALYA SADHANA AND PUSHPA GROUP ADOPT TWO ANGANWADIS, LEARN SELF RELIANCE BEING IMPARTED TO ADOLESCENT GIRLS AND CHILDREN AT SUMMER CAMP