जांच पर अटका कांग्रेस प्रवक्ता और उसके भाई एवं साथी का अपराधिक मामला. जनता का भड़क रहा आक्रोश

बालाघाट. गर्रा में सार्वजनिक स्थान पर की गई जितेन्द्र मोनु भगत के साथ मारपीट की घटना से उपजे विवाद में कांग्रेस प्रवक्ता विशाल बिसेन, वैभव बिसेन और राईस मिल एशोसिएशन जिलाध्यक्ष के खिलाफ गर्रा की एक युवती ने घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ करने, लूट और उसे जातिगत रूप से अपमानित करने के मामले में शिकायत की एक दिन बाद देररात मामला वारासिवनी थाने में पंजीबद्व किया गया. हालांकि युवती ने कोतवाली थाना में मीडिया को शिकायत के पूर्व बयान दिया था. युवती का कहना था कि वह जितेन्द्र भगत के साथ मारपीट मामले में आरोपी बनाये गये एक युवक से परिचित है और कांग्रेस प्रवक्ता, जनपद सदस्य और राईस मिल एशोसिएशन जिलाध्यक्ष घर आकर उसका नाम पूछते हुए तलाश करने आये थे. तभी मेरे साथ छेड़छाड़, लूट और मुझे जातिगत रूप से अपमानित किया. जिसके बाद पुलिस ने मामले में युवती की शिकायत पर उक्त लोगों के खिलाफ संबंधित धाराआंे के तहत अपराध दर्ज किया. जिसके बाद से मामला गर्माने लगा है, राईस मिल एशोसिएशन जिलाध्यक्ष के साथ की गई मारपीट से उपजे यह आपसी विवाद अब सार्वजनिक हो गया है और लगातार इस मामले में पुलिस द्वारा दर्ज किये गये अपराध को गलत साबित करते हुए जनता उन्हें निर्दोष बताने में लगी है और यदि जांच जल्द नहीं हुई और पुलिस मामले में अपनी कोई कार्यवाही नही की तो जिस तरह से कांग्रेस और ग्रामीण इस मामले को लेकर अपना आक्रोश जाहिर कर रहे है, उससे कभी भी यह मामला सड़क पर आकर आंदोलन का रूख अख्तियार कर सकता है.

धीरे-धीरे हाईप्रोफाईल मामले में जिस तरह से कांग्रेस पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों आरोपी बनाये गये है, उससे यह मामला अब धीरे-धीरे राजनीतिक रंग लेने लगा है. कांग्रेस कह चुकी है कि षडयंत्र के तहत राजनीतिक दबाववश मामला दर्ज किया गया है तो क्या पुलिस ने दबाव में मामला दर्ज किया है? यह यक्ष प्रश्न भी धीरे-धीरे मामले के गर्माने और लगातार मामले को लेकर निर्दोष बताये जा रहे बिसेन बंधु और राईस मिल एशोसिएशन जिलाध्यक्ष पर बनाये गये मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग से खड़े होने लगा है.  

फिलहाल पुलिस इस मामले में किसी भी सवाल का जवाब केवल जांच जारी होने के एकमात्र जवाब से खत्म करते नजर आ रही है, लेकिन जांच कब तक पूरी हो जायेगी, यह तय नहीं है. केवल जांच जारी है, जबकि इस पूरे मामले में जनता केवल जल्द और निष्पक्ष जांच चाहती है, बहरहाल यह मामला अब गर्माने लगा है और निश्चित ही इस मामले में बिसेन बंधु और जितेन्द्र मोनु भगत के चरित्र को लेकर दर्ज किये गये मामले को लेकर लोगो में विश्वास नहीं है.  

जबकि कानून के जानकार बताते है कि जिस गंभीर धाराओं के तहत पुलिस ने अपराध दर्ज किया है, उन धाराओं में पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. या फिर मामले में गिरफ्तारी से बचने अग्रिम जमानत की मांग शेषन न्यायालय से कर सकते है. जिन्हें गिरफ्तारी के पूर्व जमानत का लाभ मिल सकता है. यह सब दर्ज किये गये मामले और माननीय न्यायालय के विवेक पर निर्भर करता है.

बहरहाल अब तक पुलिस ने इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की है, वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. प्रवक्ता विशाल बिसेन, जनपद सदस्य वैभव बिसेन और राईस मिल एशोसिएशन जिलाध्यक्ष जितेन्द्र मोनु भगत के समर्थन में गर्रा के ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर बिसेन बंधु और भगत के खिलाफ मामले की निष्पक्ष जांच किये जाने की मांग की. बालाघाट सहित लालबर्रा में भी ज्ञापन सौंपकर, मामला दर्ज होने के बाद से मामले की निष्पक्ष जांच करके दूध का दूध और पानी का पानी करने की मांग की जा रही है, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके.  

पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचे ग्रर्रा के ग्रामीणो में बुजुर्ग, महिला, युवती, युवक सहित पुरूष बड़ी संख्या में शामिल थे. विशाल बिसेन, वैभव बिसेन और जितेन्द्र मोनु भगत के मामले में बनाये गये अपराधिक मामले को झूठा और मनगढ़ंत बताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच किये जाने की मांग की. जिसमंे शामिल उरकुड़ बिसेन, महिला सुमनबाई चौहान, वृद्ध कलाबाई यादव और रेमेश टेंभरे का कहना है कि ग्राम की जनता जानती है कि तीनों का चरित्र ऐसा नहीं है, जो युवती द्वारा की शिकायत की गई है वह झूठी और मनगढ़ंत है, जिसकी पुलिस निष्पक्ष जांच करें.  

गौरतलब हो कि इस मामले को लेकर अब तक जिला कांग्रेस, महिला कांग्रेस, वैनगंगा मजदूर यूनियन और ट्रांसपोर्ट एशोसिएशन मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर चुके है और आगामी दिनो में सामाजिक और राजनैतिक तौर से भी इस मामले मंे पुलिस से मांग करने लोगों के पहुंचने की संभावना है, जिससे मामला लगातार खींचते जा रहा है. हालांकि पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द की जायेगी.


इनक कहना है

ग्राम गर्रा के ग्रामीणों द्वारा विशाल बिसेन, वैभव बिसेन और जितेन्द्र मोनु भगत के खिलाफ वारासिवनी थाने में दर्ज मामले की शिकायत पर निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर पहुंचे थे. जिसमें एसडीओपी वारासिवनी जांच कर रहे है, तथ्य के आधार पर कार्यवाही की जायेगी. अभी जांच जारी है अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई हैं, जल्द ही जांच को कंपलीट कर लिया जायेगा.

गौतम सोलंकी, एडीएसपी


Web Title : A CRIMINAL CASE OF A CONGRESS SPOKESPERSON AND HIS BROTHER AND ACCOMPLICE STUCK ON THE INVESTIGATION. PUBLIC OUTRAGE