बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हो रही हैवानियत-रमेश भटेरे,बिना अनुमति भाजपा ने दिया धरना, कांग्रेस ने कोरोना कर्फ्यू में धरने पर जताई आपत्ति

बालाघाट. बंगाल में मुख्यमंत्री के ईशारे पर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हैवानियत किये जाने का आरोप भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश भटेरे ने लगाया. केन्द्रीय नेतृत्व के आव्हान पर प्रदेश के सभी जिलो और जिले के सभी मंडलो में भाजपा नेताओं, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हो रही हिंसा के खिलाफ सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया.  

मुख्यालय में भाजपा कार्यालय के सामने 5 मई को भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश भटेरे, पूर्व अध्यक्ष रमेश रंगलानी, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती लता एलकर, उपाध्यक्ष अभय सेठिया, महामंत्री भारती पारधी, कोषाध्यक्ष महेन्द्र सुराना, नगर अध्यक्ष सुरजीतसिंह ठाकुर, दिलीप चौरसिया, सत्यनारायण अग्रवाल, संजय खंडेलवाल, राकेश सेवईवार, सुमित यादव सहित अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने धरना दिया.  

इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश भटेरे ने कहा कि 2 मई को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गये है. जिसमें 2 राज्यों में भाजपा, केरल में एलडीएफ, तमिलनाडु में डीएमके और पश्चिम बंगाल में तुणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की है, लेकिन बंगाल को छोड़कर सभी राज्यो में शांति है और व्यवस्था सुचारू है, लेकिन पश्चिम बंगाल में जब से तूणमूल कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया है, तूणमूल कांग्रेस को अहंकार हो गया है और पश्चिम बंगला में सरकार बनने के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के ईशारे पर भाजपा कार्यकर्ताओं की नृशंस हत्यायें की जा रही है, जो हमें सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से जानने, सुनने, देखने मिल रहा है और वह हमें समझ भी आ रहा है. जहां भाजपा कार्यकर्ताओं के घरो में घुसकर कार्यकर्ताओं को निकाला जा रहा है, मारा जा रहा है, उनके घरों को जलाया जा रहा है, भाजपा कार्यालय को जलाया जा रहा है, मां-बहनों की इज्जत को सरेआम नीलाम कर उनकी हत्यायें की जा रही है, हैवानियत का खेल पश्चिम बंगाल में खेला जा रहा है. जो घोर निंदनीय है. जिसके चलते केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पूरे भारत में प्रत्येक मंडल स्तर पर भाजपा सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन कर पश्चिम बंगाल की हिंसा का विरोध कर रही है.  

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व के आव्हान पर जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी 23 मंडलो में पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओ के साथ की जा रही हिंसा के खिलाफ भाजपा सांकेतिक आंदोलन कर रही है. कोरोना महामारी को देखते हुए सीमित संख्या में सोशल डिस्टेंस का पालन कर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया.  

कोरोना कर्फ्यू में भाजपा के धरना आंदोलन पर खड़े हो रहे सवाल

पूरे प्रदेश सहित जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, ऐसी स्थिति में शासन के निर्देशानुसार पूरे जिले में आपदा प्रबंधन समिति द्वारा कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है, वहीं बालाघाट जिले में भी आगामी 7 मई तक कोरोना कर्फ्यू प्रभावशील है, ऐसे में किसी भी आंदोलन और कार्यक्रम को प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही अनावश्यक घूमने वालों पर जुर्माना, समाज के दुश्मन पाम्पलेट और जेल भेजे जाने की कार्यवाही हो रही है. बावजूद 5 मई को एक दर्जन से ज्यादा संख्या में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हिंसा का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो धरना प्रदर्शन के लिए कोई भी अनुमति नहीं दी गई है. वहीं कांग्रेस ने कोरोना से बचाव को लेकर लगाये गये कर्फ्यू पर अनावश्यक घूमने पर की जा रही कार्यवाही के बीच भाजपा के धरना प्रदर्शन पर सवाल उठाये है. कांग्रेस ने कहा कि जिस पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री प्रदेश में कोरोना से बचाव को लेकर सख्ती बरत रहे है, उस पार्टी द्वारा शासन और प्रशासन के नियमों का उल्लंघन कर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा कोरोना कॉल में भी राजनीति कर रही है. जिनके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर कार्यवाही किया जाना चाहिये. कांग्रेस ने प्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर ईलाज, दवायें और संसाधन को उपलब्ध करवाने कांग्रेस नेता पी. सी. शर्मा और विगत दिनों बरघाट में कोविड सेंटर खोलने किये गये विधायक काकोड़ियो के अकेले किये गये धरना प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा पार्टी नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता घर में बैठकर अपना विरोध दर्ज करा सकते थे.  


इनका कहना है

हमें धरना प्रदर्शन की सूचना नहीं है, हमसे कोई अनुमति नहीं ली गई. मामला संज्ञान में आयेगा तो जांच की जायेगी. वर्तमान में कोरोना कर्फ्यू के चलते धरना प्रदर्शन, आंदोलन और अनावश्यक बाहर निकलने पर पूर्णतया प्रतिबंध है.  

के. सी. बोपचे, एसडीएम


एक तरफ प्रदेश की भाजपा सरकार और उनके मुख्यमंत्री लोगों से कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन करने की नसीहत दे रहे है. वहीं पार्टी के लोग कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन कर रहे है. इस आपदा के समय भी जहां लोगों को बीमारी को रोकने घरो में कैद कर दिया गया है, वहां भाजपा राजनीति कर रही है. राजनीति के लिए अभी और भी अवसर आयेंगे. भाजपा के इस धरना आंदोलन को मिली छूट के बाद ऐसे माहौल बनेगा और अन्य संगठन भी ऐसा करेंगे. जब आम आदमी को घर से निकलने मनाही है तब कैसे भाजपा के धरना प्रदर्शन में एक दर्जन से ज्यादा लोग जुट गये. यह निंदनीय है, गलत है और इसके खिलाफ प्रशासन को निश्चित कार्यवाही करना चाहिये.

राजा सोनी, कार्यकारी अध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी


Web Title : BJP STAGED DHARNA IN BENGAL WITHOUT PERMISSION, CONGRESS OBJECTS TO HOLDING CORONA CURFEW