कटंगी. कोरोना महामारी में दिवंगत उपासक एवं उपासिकाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए बौद्ध समाज द्वारा 21 नवबंर को इंदौर के रविंद्र नाट्यगृह में चलो बुद्ध की ओर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां थाइलैंड से आई अष्ठधातु से निर्मित 111 बुद्ध प्रतिमाओं का निःशुल्क वितरण किया गया. इस कार्यक्रम में कटंगी के युवा नेता प्रंशात मेश्राम ने शिरकत की.
डॉ. उपगुप्त महाथेरो और शाक्यपुत्र सागर भंते ने इसका शुभारंभ किया. बाबा साहेब आंबेडकर के 65 वें धम्मचक्र प्रवर्तक दिवस एवं 72 वें संविधान दिवस के उपलक्ष्य में बुद्ध समाज द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब अंबेडकर के पड़पौत्र भीमराव अंबेडकर, अभिनेता डॉ. गगन मलिक, नितिन गजभिये, दीपक मेश्राम, अंतरसिंह दरबार, राजेश माहोर, डॉ. मुकुल बौद्ध की उपस्थिति में बुद्ध प्रतिमाओं का वितरण किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में सम्राट अशोक, भगवान बुद्ध, बाबा साहेब आंबेडकर और मृत्यु अंतिम सत्य है नाटक का मंचन किया गया. कार्यक्रम के अंत में कोरोना काल में मारे गए विश्व के सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. इसके साथ ही कोरोना काल के दौरान जिन्होनें मानव सेवा का कार्य किया ऐसे चिन्हित समाजसेवियों को बुद्ध प्रतिमा का भेंट किया गया.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए भंतो ने कहा कि गौतम बुद्ध के उपदेश आज भी मानव कल्याण के लिए प्रासंगिक हैं. बुद्ध ने समाज में नैतिक मूल्यों को महत्व दिया है. उनका धर्म ज्ञान-प्रधान होने से अंधविश्वास का कोई स्थान नहीं. आज समाज को इसी की जरूरत है. समता, बंधुत्व, अहिंसा के मार्ग से ही समाज का कल्याण हो सकता है. जब तक बुद्ध भारत में रहे, किसी शत्रु ने हमला नहीं किया. उनका धर्म शांति, करुणा और मैत्री का संदेश देता है.