कांग्रेस में प्रत्याशी की घोषणा नहीं, हीना, कंकर और सम्राट ने कांग्रेस के नाम से लिया नामांकन, 25 अभ्यार्थियों ने लिया नामांकन, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक एलायंस से कोर्राम लड़ेगे निर्दलीय चुनाव

बालाघाट. 20 मार्च से संसदीय निर्वाचन की प्रक्रिया के साथ नामांकन फार्म लेने और जमा करने का क्रम भी शुरू हो गया हैं. 20 मार्च को संसदीय निर्वाचन की अधिसूचना जारी होते ही पहले दिन 25 लोगों ने लोकसभा चुनाव का नामांकन लिया. जिसमें दो  प्रमुख राजनीतिक दल में भाजपा से भारती पारधी और कांग्रेस से हीना, कंकर और सम्राट ने कांग्रेस पार्टी के नाम से नामांकन लिया. जबकि स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भुवनसिंह कोर्राम सहित 20 नामांकन अन्य पार्टी और निर्दलीय के रूप में लिए गए. खास बात यह है कि अब तक कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन बिना नाम घोषणा ही कांग्रेस की टिकिट की दावेदारी कर रहे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे, पूर्व विधायक हीना कावरे और जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राटसिंह सरस्वार ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के नाम से अपना नामांकन फार्म लिया है.  

संसदीय निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के बाद भी प्रत्याशी का नाम सामने नहीं आने से आमजन मानस यह विचार करने लगा है कि क्या कांग्रेस चुनाव लड़ेगी भी या नहीं है. फिलहाल कांग्रेस के केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद आज शाम या कल तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान किए जाने की बात कही जा रही है.  चूंकि भाजपा ने चुनाव घोषणा के पहले ही भाजपा प्रत्याशी के रूप में भारती पारधी का नाम घोषित कर दिया है. जिसके बाद से भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी ने अपना जनसंकर्प भी प्रारंभ कर दिया है. जबकि अब भी कांग्रेस में प्रत्याशी का इंतजार है. फिलहाल अब देखना है कि कांग्रेस अपना प्रत्याशी की घोषणा कब करती है, लेकिन बिना नाम घोषणा के तीन जनप्रतिनिधियों द्वारा कांग्रेस पार्टी के नाम से नामांकन लिए जाने को लेकर चर्चा होने लगी है.  

दूसरी ओर एससी, एसटी और अल्पसंख्यक एलायंस से चुनाव लड़ने की मन बनाए आदिवासी नेतृत्व भुवनसिंह कोर्राम ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन लिया है. उन्होंने कहा कि ससदीय क्षेत्र के 14 ब्लॉक के सामाजिक संगठनो ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है, यह सही है कि बसपा, आप, गोंगपा और अन्य पार्टी, उनसे संपर्क में है लेकिन उन्होंने तय किया है कि वह स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे. यदि यह पार्टियां उनका समर्थन करती है तो उनका स्वागत है. उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर आदिवासियो की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 

संसदीय क्षेत्र में आदिवासी समाज का एक बड़ा वोट बैंक होने के बावजूद कभी भी दोनो ही प्रमुख राजनीतिक दल ने आदिवासी को प्रतिनिधित्व करने का अवसर संसदीय क्षेत्र में नहीं दिया. देश की आजादी के 75 साल भी आदिवासियों को उनका संवैधानिक अधिकार नहीं मिल सका है. बल्कि संविधान मंे संशोधन कर आदिवासियों को और कमजोर करने का काम किया गया. जिसके कारण आदिवासी समाज आज भी अपने अधिकारों से वंचित है और उन पर लगातार अत्याचार, शोषण और जुल्म बढ़ रहा है, जिस पर दोनो ही बड़ी पार्टियों ने अंकुश लगाने का कोई काम नहीं किया है. हम आदिवासी समाज सहित अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यकों के हक और अधिकारों के संरक्षण और संवर्द्धन के मुद्दे पर चुनाव मैदान में जाएंगे.

इन्होंने लिया नामांकन

अधिसूचना जारी होने के पहले दिन 25 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र लिया है. जिसमें निर्वाचन क्षेत्र-15 के लिए भाजपा से भारती पारधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सम्राट अशोकसिंह सरसवार, कंकर मुंजारे, सुश्री हीना कावरे और धनंजय देशमुख तथा पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक से धनीलाल मानेश्वर, दिलीप कुमार, कागुराम बाहेश्वर, अमरसिंह मर्सकोले, भारतीय शक्ति चेतना से श्रीमती प्रियंका भंडारकर, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से अधि. रोशनलाल तुरकर, अधिवक्ता रामबिहारी शुक्ला, मप्र जनविकास पार्टी से सत्यनारायण शुल्के तथा निर्दलीय प्रत्याशियों में सम्राट अशोकसिंह सरसवार, अधिवक्ता सुजीत कश्यप, मीर हामिद अली, रवि सेमसन, मंजुर खान, डॉ. मिरश्याम लिल्हारे, मोहनकुमार राउत, भुवनसिंह कोर्राम, सुकचंद उइके, भरतलाल मडावी, विकासकिर्ती बौद्ध और रघुवीर सिंह राहंगडाले ने चुनावी नामांकन फार्म लिया है.


Web Title : CONGRESS CANDIDATE NOT DECLARED, HEENA, KANKAR AND SAMRAT TAKE NOMINATION IN CONGRESS, 25 CANDIDATES TAKE NOMINATION, KORRAM WILL CONTEST INDEPENDENT ELECTION FROM SC ST AND MINORITY ALLIANCE