बालाघाट. जिले में कांग्रेस जिला प्रभारी बनाये जाने के बाद प्रथम नगरामन पर आलोक मिश्रा का विधायक एवं कांग्रेस अध्यक्ष संजयसिह उईके, विधायक सुश्री हिना कावरे, पूर्व विधायक विश्वेश्वर भगत, प्रदेश महासचिव श्रीमती पुष्पा बिसेन, पूर्व विधायक मधु भगत, वरिष्ठ कांग्रेसी इंदरचंद जैन, सुशील पालीवाल, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष राजा सोनी, महिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष श्रीमती रचना लिल्हारे सहित कांग्रेस नेताओं, पदाधिकारियों और अनुषांगिक संगठनों के जिलाध्यक्षों द्वारा स्वागत किया गया.
इसके बाद जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित बैठक में भी उनका स्वागत किया गया. बैठक में अपने संबोधन की शुरूआत बालाघाट विधानसभा में हर हाल में कैसे भी हो पार्टी की जीत को लेकर कांग्रेस में उर्जा का संचार करते हुए प्रभारी आलोक मिश्रा ने कहा कि चुनाव तक स्वागत की परंपरा को बंद रखे. उन्होंने कहा कि स्वागत और पेपर में नाम ही हम लोगों के बीच आपस मंे लड़ाई कराता है. हम उस दिन स्वागत करेंगे, जिस दिन जिले की हर विधानसभा से कांग्रेस प्रतिनिधि जीतकर आयेगा और प्रदेश में कमलनाथजी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनेगी. उस दिन स्वागत का महत्व होगा. अपना निज अनुभव सुनाते हुए उन्होंने कहा कि मैनें दो बार कैंट विधानसभा से चुनाव लड़ा और दोनो ही बार हारा, जबकि मुझे पार्टी अन्य जगह से भी टिकिट देने तैयार थी लेकिन मैं भागा नहीं और अब भी नहीं जाउंगा, जब तक बालाघाट की हर विधानसभा में कांग्रेस की जीत न हो जाये.
उन्होंने कहा कि अब हमें ऐसे लोगों को साथी बनाना है, जो जिम्मेदारी लेने तैयार है वह भी बूथ की वह जिम्मेदारी, जिससे कांग्रेस की सरकार बनाने का रास्ता पूरा होता हो. उन्होंने कहा कि विगत लंबे समय से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं है, जिससे युवा पीढ़ी, सरकार को सरकार का महत्व नहीं पता है. उन्होंने कहा कि जिले मंे पुनः कांग्रेस के गढ़ को स्थापित करने के लिए हमें पुराने कांग्रेसियों के पास लौटना होगा. हम उन घरो मंे जायें, जहां हमारे पुरानी कांग्रेसी साथी हैं, उनसे बात करें, चर्चा करें. यह सही है कि हम भाजपा जैसे केडरबेस पार्टी से नहीं है हम जनता की पार्टी वाले है. जब हम पुराने कांग्रेसी और जनता के बीच जायेंगे तो लोग हमें जुड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि हममें एक और व्याप्त कमी को दूर करना है और वह है एकदूसरे के खिलाफ लड़ने की कमी. आज भले ही हम संगठित नजर आते है लेकिन फिर वह अपने ही साथी से लड़ने की बात करते है, विधानसभा टिकिट, परिश्रम और भाग्य का खेल है, जिसे मिला, उसे हम जीताने के लिए जुट जायें, यह नहीं कि हम उसकी खिलाफत करें और घर बैठ जाये. यदि हम यह छोड़कर पार्टी के प्रति विचार कर हम कांग्रेस को जीताने का प्रयास करेंगे तो निश्चित ही जिले की 6 सीटों को हम जीत सकते है, यही नहीं बल्कि लोकसभा सदस्य भी हमारा होगा. उन्हांेने कहा कि देश में ऐसी दो ही चिजे सभी जगह आपको मिलेगी, एक हनुमान जी की मढ़िया और कांग्रेस का मेंबर. कांग्रेस को भाजपा नहीं हरा रही, हम खुद इसका कारण हैं. उन्होंने बताया कि बतौर प्रभारी वे यहां की परिस्थिति, हालत की जानकारी कमलनाथजी तक पहुंचायेंगे और जरूरत पड़ी तो बालाघाट को प्रदेश और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से क्या मदद या जरूरत है, उसे भी दिलाने का प्रयास करेंगे. हम सब मिलकर यदि कांग्रेस के लिए लड़ंेगे तो निश्चित ही हम जीतेंगे.