बालाघाट. सिक्ख समाज के पांचवे गुरु अर्जुन सिंह का शहीदी दिवस के अवसर पर सिक्ख समाज द्वारा 4 जून को ठंडे एवं मीठे छबिल (शरबत) का वितरण किया गया. धर्मावलंबियों ने गुरु अर्जुन सिंह को स्मरण किया और लोगों को ठंडे एवं मीठे पेय पदार्थ का वितरण किया. जिसे राहगीरों ने ग्रहण कर पुण्यलाभ अर्जित किया. गौरतलब हो कि गुरु अर्जुन देव सिखों के पांचवें गुरु थे. गुरु अर्जुन देव जी गुरु परंपरा का पालन करते हुए कभी भी गलत चीजों के आगे नहीं झुके. उन्होंने शरणागत की रक्षा के लिए स्वयं को बलिदान कर देना स्वीकार किया. वे हमेशा मानव सेवा के पक्षधर रहे. 30 मई 1606 को सिख गुरु अर्जन सिंह शहीद हो गए थे. मुगल शासक जांहगीर के आदेश पर सिख गुरु अर्जुन सिंह को लाहौर में जेठ मास में लोहे के गर्म तवे में बैठाकर शहीद कराया गया. सिख गुरु अर्जुन सिंह का संदेश था कि परमेश्वर की रजा में संगत को राजी रहना चाहिए.
गुरु अर्जन सिंह के स्मरण में 4 जून गुरु अर्जुन सिंह के शहीदी दिवस पर राहगीरों को ठंडा शरबत पिलाया गया. इस दौरान अनुयायियों ने लोगों में शरबत का वितरण किया. इसमें पैदल चलने वाले राहगीर, बाइक सवार के साथ बस के यात्रियों को शरबत पिलाया गया. गुरूद्धारा श्री गुरूसिंघ सभा ध्यक्ष जसबीरसिंघ सौंधी ने बताया कि शहीदों के सरताज गुरू अर्जुनसिंह शहीदी दिवस पर गुरूद्धारा श्री गुरूसिंघ सभा, सिक्ख समाज और सिक्ख युथ फेडरेशन द्वारा ठंडे, मीठे पानी छबिल (शरबत) की सेवा की गई. उन्होंने कहा कि इस दौरान कबिर जयंती पर सामाजिक अनुयायियों की शोभायात्रा का भी स्वागत मीठे एवं ठंडे शरबत के साथ किया जायेगा. उन्होंने कहा कि कबिर की वाणी, गुरूग्रंथ साहिब में दर्ज है. उन्होंने बताया कि सिक्खो के पांचवे गुरू अर्जनदेवसिंघ शहीदी गुरूपर्व को मुख रखते हुए लगातार एक महिने तक छबिल की सेवा की जाती है.