मंत्री मंडल पर जिले की नजर, विधानसभा में शपथ के बाद जिले के विकास के लिए एक साथ आए विधायक

बालाघाट. 03 दिसंबर को मध्यप्रदेश चुनाव की मतगणना के बाद प्रदेश में पांचवी बार भाजपा सरकार बनाने, प्रदेश की जनता ने एक बार फिर भाजपा को बहुमत दिया है. जिसके बाद केन्द्रीय नेतृत्व के निर्णय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री के रूप में जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ल बनाए गए है. वहीं प्रदेश की विधानसभा में निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण भी पूरा हो गया है. जिले के सभी 06 विधानसभा सीटो से निर्वाचित विधायकों ने विधानसभा में विधायक पद की शपथ ली. शपथ के बाद जिले के सभी 06 विधायकों का एक फोटो सामने आया है, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि दलगत राजनीति से उठकर जिले के विकास को लेकर विधायको एक साथ है.

इसके साथ ही अब प्रदेश के नई सरकार में मंत्रीमंडल की ओर बालाघाट की निगाहे है, चूंकि इस बार प्रदेश में भले ही भाजपा की सरकार बन गई हो लेकिन बालाघाट से कद्दावर भाजपाईयो को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं जिन विधायकों ने जिले में भाजपा की लाच बचाई है, वह पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे है.  मंत्रीमंडल में बालाघाट को स्थान मिलेगा की नहीं, यह हर किसी की जुबान पर है, चूंकि अब तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार से लेकर तत्कालीन शिवराज सरकार तक बालाघाट को मंत्रीमंडल में स्थान मिला है. वर्ष 1980 से लेकर 2023 तक कांग्रेस और भाजपा की प्रदेश सरकार में नंदकिशोर शर्मा, तेजलाल टेंभरे,  नर्मदाप्रसाद श्रीवास्तव, लिखिराम कावरे, तामलाल सहारे, गनपतसिंह उईके, डॉ. निर्मल हीरावत, विश्वेश्वर भगत, गौरीशंकर बिसेन, प्रदीप जायसवाल और रामकिशोर कावरे मंत्री रहे है, जिससे जिला कभी भी मंत्री पद से अछूता नहीं रहा है.

मीडिया की खबरों के अनुसार,  प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वी. डी. शर्मा और प्रदेश संगठन मंत्री के साथ ही भाजपा के बड़े नेताओं ने दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मंत्रीमंडल को लेकर चर्चा की. जिससे जो खबरे छानकर आ रही है, उससे प्रदेश में दो चरणो में मंत्रीमंडल के गठन की बात कही जा रही है, जिसमें एक अभी किया जाएगा, जबकि दूसरे मंत्रीमंडल का गठन लोकसभा चुनाव के बाद किया जाएगा. सूत्र बताते है कि इस मंत्रीमंडल मंे पुराने मंत्रियों के अलावा नए विधायकों को भी मौका दिया जा सकता है, जिसका निर्णय केन्द्रीय नेतृत्व से होना है, हालांकि जिस तरह से केन्द्रीय नेतृत्व का फैसला सरकार के मुखिया को लेकर रहा है, उससे सारे कयास और अटकलों, झूठी साबित हुई है. जिससे मंत्रीमंडल में कौन शामिल होगा, इस पर अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगा. लेकिन जिस तरह से प्रदेश की सभी 29 लोकसभा क्षेत्रो को मंत्रीमंडल मंे प्रतिनिधित्व देने, मंत्रीमंडल में जातिगत समीकरण बनाए जाने और नवनिर्वाचित विधायकों को भी अवसर दिए जाने की जानकारी मिल रही है, उससे लगता है कि जिले को मंत्री पद जरूर मिल सकता है, यह और बात है कि केबिनेट की जगह, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में बालाघाट को समायोजित किया जा सकता है. चंूंकि बालाघाट जिला, भाजपा संगठन की दृष्टि से एक अहम जिला है और जिस तरह से बालाघाट के विधानसभा परिणाम रहे है, उससे यह भाजपा के लिए एक संवेदनशील जिला हो गया है, ऐसे में संसदीय क्षेत्र के 06 विधानसभा वाले बालाघाट की अनदेखी, लगता नहीं कि भाजपा करेगी. अब बालाघाट से किसको मंत्रीमंडल मंे जगह मिलेगी या इस सरकार में बालाघाट जिला, मंत्रीमंडल से अछूता रहेगा, इसको लेकर सभी की नजर मंत्रीमंडल की ओर बनी हुई है.


Web Title : DISTRICT EYES CABINET, MLAS COME TOGETHER FOR DEVELOPMENT OF DISTRICT AFTER OATH IN ASSEMBLY