कांवड़ियों को पूर्व विधायक मधु भगत ने पार कराई मनकुंवर नदी, पुल के टूट जाने से कांवड़ियो ने जोखिम उठाकर जलधारा को पार कर पहुंचे शिवधाम

बालाघाट. सावन मास, भगवान शिव के उपासना और आराधना का मास होता है, चूंकि इस वर्ष अधिमास होने के कारण सावन मास पूरे दो महिने का है, 28 अगस्त को सावन मास का अंतिम सोमवार है, सावन मास के प्रत्येक सावन सोमवार में बड़ी संख्या में शिवभक्त, कांवड़ यात्रा के माध्यम से भगवान शिव का जलाभिषेक करने शिवधाम जाते है.

प्रतिवर्षानुसार लामता क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन ग्राम  देवसर्रा, पादरीगंज, पाटा दाह,सोनखार, गुडरु, सकरी एवं घंघरिया के शिवभक्त, खैरगांव स्थित शिवधाम जाते है और भगवान शिव का जलाभिषेक कर मनोकामना पूर्ति और क्षेत्र की सुख-शांति की कामना करते है. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी उक्त ग्रामों के शिवभक्तों द्वारा कांवड़ यात्रा निकाली गई थी. इस कावड़ यात्रा में क्षेत्र के पूर्व विधायक मधु भगत भी कांवड़ियों के साथ कांवड़ लेकर शिवधाम पहुंचे. लेकिन इस वर्ष शिवभक्त कांवड़ियों को खैरगांव शिवधाम पहुंचने मनकुंवर नदी के पुल टूटने से बहती जलधारा से जान जोखिम में डालकर पार करना पड़ा. जिसमें पूर्व विधायक मधु भगत, ने कांवड़ियों को बहती जलधारा के बीच खड़े होकर पार कराया. इस कांवड़ यात्रा में बच्चे, युवा, जवान और बुजुर्ग भी शामिल थे, लेकिन बहती जलधारा से लोगों के आवागमन को रोकने वाला कोई जिम्मेदार प्रशासनिक अमला यहां मौजूद नहीं था. इस दौरान यदि किसी बच्चे, युवा, जवान या बुजुर्ग का पांव फिसल जाता या वह बहती जलधारा में बह जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता? जबकि इस पुल में पानी होने की दशा में लोगों के पार करने पर तत्कालीन समय पर एसडीएम ने यहां पुलिस जवान तैनात किये जाने की बात कही थी लेकिन यहां ऐसा कोई दिखाई नहीं दिया. हालांकि शिवभक्त, भगवान भोलेनाथ की कृपा से बहती जलधारा को सकुशल पार गये और खैरगांव शिवधाम पहुंचकर भगवान शिव का जल से अभिषेक किया.  

गौरतलब हो कि मनकुंवर नदी के पुल को लेकर बीते दिनों आयुष मंत्री ने अगस्त तक पूरा करने के निर्देश दिये थे लेकिन वर्तमान हालत को देखकर नहीं लगता था कि आयुष मंत्री के निर्देश पर कोई गंभीरता दिखाई दी जा रही है. वहीं प्रशासन ने बारिश तक पुल बनाने को लेकर पहले ही हाथ खड़े कर दिये है. ऐसे में इस मार्ग पर वैकल्पिक पुल टूटने के बाद से ही आवागमन दुश्वर हो गया है, बावजूद इसके लोग रोजाना ही जान जोखिम में उठाकर पार करत है लेकिन यहां लोगो के पुल पार करने पर कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है. जिससे लगता है कि प्रशासन, शायद किसी घटना का इंतजार कर रहा है. वही दूसरी ओर कांवड़ियों को बहती जलधारा में खड़े होकर टूटे पुल से कांवड़ यात्रा में शामिल शिवभक्तों को पार करने में लगे रहे पूर्व विधायक मधु भगत ने भाजपा के विकास पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बारिश की शुरूआत में वैकल्पिक पुल ढह जाने के बावजूद अब तक शासन, प्रशासन कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर सका है और ना ही बहती जलधारा से लोगों को पार करने से रोकने वाला यह कोई नहीं है. ऐसे में यदि कोई दुर्घटना हो जाये तो कौन जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि बहती जलधारा से सावन मास मंे अपने आराध्य भगवान शिव को जलाभिषेक करने कांवड़ियों को जान जोखिम में डालकर पार करना, हमेशा याद रखा जायेगा और यह क्षेत्र के काले इतिहास के रूप में देखा जायेगा, क्योंकि शिवभक्तों को कठिनाईयों का सामना करना पड़, अपने आराध्य से मिलना पहुंचने पड़ा. उन्होंने ऐसे हालातो में भाजपा की विकास यात्रा को खोखली और बेमानी बताया है.


Web Title : FORMER MLA MADHU BHAGAT CROSSES MANKUNWAR RIVER, KANWARIYAS TAKE RISK AFTER BRIDGE COLLAPSES