दहेज प्रताड़ना मामले में पति, ससुर और जेठानी को दो वर्ष का कारावास

बालाघाट. आरक्षी केन्द्र कटंगी के दहेज प्रताड़ना मामले में जिले के कटंगी न्यायालय की माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुधा पांडेय की अदालत ने आरोपी पति, ससुर और जेठानी को दोषी पाते हुए दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है. हालांकि इस मामले में अन्य तीन आरोपियों को न्यायालय उठने तक की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है. मामले में अभियोजन की ओर से तत्कालीन सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कुलदीपसिंह बैस ने पैरवी की थी, जबकि मामले में अंतिम तर्क सहायक जिला अभियोजन सुनील पहेरिया ने पैरवी की.

मीडिया प्रभारी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमलसिंह ने बताया कि फरियादी विवाहिता महिला का विवाह 28 जून 2013 को रीति-रिवाज के साथ नागपुर निवासी विकास पिता लक्ष्मणप्रसाद गुप्ता के साथ नागपुर में हुआ था. विवाह के दौरान माता-पिता एवं अन्य रिश्तेदारो ने अपनी ओर से गृहस्थी के सामान सहित जेवर और कपड़े दिये थे. यही नहीं बल्कि लड़को के 5 लाख रूपये नहीं देने पर बारात नहीं ले जाने की जिद पर किसी तरह लड़की के पिता ने बारात विदाई के दूसरे दिन समधी लक्ष्मणप्रसाद के हाथ में पांच लाख रूपये दिये थे. चूंकि शादी तय करने के दौरान महिला के ससुराल की तरफ से आये ससुरालपक्ष ने 10 लाख रूपये की मांग की थी. जिसके आगे विवश होकर लड़की के पिता ने बेटी की विदाई बारात के दौरान लड़की के ससुर लक्ष्मणप्रसाद को 5 लाख रूपये दिये थे.  

विवाह के बाद फरियादी अपने ससुराल चले गई, लेकिन शादी के तीसरे ही दिन पति विकास शराब पीकर घर आया और पत्नी से मारपीट की. इसके साथ ही फ्लैट और दुकान की मांग को लेकर उसे परेशान किया जाना लगा. जहां उसके पति और ससुर ने उसे गालियां दी, वहीं सास और जेठानी ने उसके साथ मारपीट की. जिसके बाद उनकी डिमांड कर तक होने लगी और इसी को लेकर वह लगातार उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगे. जिसके बाद जब महिला पहले बार मायके आई तो परिजनों को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद जब पति उसे लेने ससुराल आया तो वहां भी उसने उसके माता-पिता के सामने दहेज की मांग रखी. जब वह मायके से ससुराल पहुंची तो वहां एक दिन आपत्तिजनक हालत में पति और जेठानी को देखा. जिसके बाद उन्होंने इस घटना की किसी को जानकारी देने पर जान से मारने की बात कही. जिससे वह घबरा गई. जिसके बाद भी लगातार इस घटना के साथ ही दहेज के लिए उसे ससुरालवाले मानसिक रूप से परेशान करते रहे. जिससे व्यथित होकर फरियादी ने इसकी शिकायत कटंगी थाने में की थी. जिसमें कटंगी पुलिस ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 3/4, भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 498क, 323, 34, 294 एवं 506 बी के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया था. जिसमें संपूर्ण विवेचना उपरांत पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया. जिसमंे विचारण चल रहा था. जिस पर गत दिवस माननीय न्यायालय ने विचारण उपरांत साक्ष्य, परिस्थिति और अभियोजन के तर्को के आधार पर पति विकास पिता लक्ष्मणप्रसाद गुप्ता को दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4 में एक वर्ष का कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदंड, धारा 498ए में दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रूपये अर्थदंड, धारा 323,34 में एक वर्ष का कारावास एवं 1 हजार रूपये अर्थदंड, धारा 506 बी में एक वर्ष का कारावास एवं 1 हजार रूपये अर्थदंड, ससुर लक्ष्मणप्रसाद पिता छगनलाल गुप्ता को दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4 में एक वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदंड, धारा 498 ए में दो वर्ष का कठोर कारावास एवं 5 हजार रूपये अर्थदंड, ननद कीर्ति पति कमल गुप्ता को धारा 498ए में न्यायालय उठने तक की सजा एवं 5 हजार रूपये अर्थदंड, भारती पति अवधेश गुप्ता को न्यायालय उठने तक की सजा एवं 5 हजार रूपये अर्थदंड, सास मधुबाला पति लक्ष्मणप्रसाद गुप्ता को न्यायालय उठने तक की सजा एवं 5 हजार रूपये अर्थदंड तथा जेठानी प्रतिमा पति हेमंत गुप्ता को धारा 498ए में दो वर्ष के कठोर कारावास एवं 5 हजार रूपये अर्थदंड, धारा 323,34 में एक वर्ष के कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदंड एवं 506बी में एक वर्ष के कारावास एवं एक हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है.


Web Title : HUSBAND, FATHER IN LAW AND JETHANI JAILED FOR TWO YEARS IN DOWRY HARASSMENT CASE