बालाघाट. नगर में कॉलोनियां बसाकर घरों का निर्माण तो बहुत जोरो शोरो से चल रहा है, परंतु कॉलोनियों के मालिकों ने जनमानस को मूलभूत सुविधाओं से लंबे समय से वंचित कर रखा है. ऐसे में वार्डवासियों को सड़क, पानी, बिजली जैसे समस्या से तो जूझना ही पड़ता है, पर सबसे बड़ी समस्या वार्डो में होने वाले जलभराव से है. जिससे अनेक बीमारियो का खतरा बना रहा है. स्वच्छता सर्वेक्षण के अंतर्गत प्रतिदिन नपा अध्यक्ष अपने पार्षदों के साथ नगर के अलग-अलग वार्डो में भ्रमण कर शहर को स्वच्छ करने की मुहिम चला रही है, और वार्डवासियों की समस्या को सुनकर उसका निराकरण करने का भी प्रयास अपने स्तर पर कर रही है. ऐसे में रेलवे पटरी के किनारे बसी कॉलोनियों में और वार्डो के कई ऐसे क्षेत्रों में जलभराव की समस्या देखने को मिली. जिसको निराकरण को लेकर नपा लंबे समय से प्रयासरत थी.
18 अप्रैल को नगर पालिका परिषद अध्यक्ष भारती सुरजीत सिंह ठाकुर सहित पार्षदों एवं नपा की टीम ने रेलवे के अधिकारियों के साथ भटेरा चौकी, रेल्वे स्टेशन से वार्ड नं. 06 से होने वाली जल निकासी के दोनो ओर निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान नपा अमले ने रेलवे के अधिकारियों को बताया कि पटरी किनारे कई रहवासियों के घर के आस पास जलभराव की समस्या है जिसकी निकासी के लिए रेलवे नपा की सहायता से वैकल्पिक तौर पर कच्चे वृहद नालों का निर्माण कराकर जमे हुए पानी को शहर के बाहर निकालने की व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रही है.
नपा अध्यक्ष भारती सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि भटेरा चौकी पर निर्माण होने वाले रेलवे ओवरब्रिज के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था बनाने के लिए विधायक गौरीशंकर बिसेन एवं सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन के निर्देश पर रेल्वे के तकनीकी अधिकारियों एवं लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के इंजीनियर के साथ स्थल निरीक्षण किया जाकर स्थल चिन्हित किया गया. जिसमें डॉ. शिशिर खरे के सामने बैहर रोड से आने वाली बोदा पाढ़न रोड पर बनाये जाने विचार विमर्श किया गया. पूर्व में उक्त रेल मार्ग छोटी लाइन होने की दशा में पानी की निकासी कच्चे नाले के माध्यम से आसानी से हो जाती थी,किंतु वर्तमान में ब्रॉडगेज बनने के बाद से वार्ड नं 1, 2, 3, 4, 5, 6, 10, 11 और 29 से कच्चे नाले से पानी की समुचित निकासी न होने के कारण जलभराव की समस्या बनी रहती है जिससे जल संक्रमण उत्पन्न होने से रहवासियों को बरसात के दिनों में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. और कई बार अत्यधिक जलभराव जैसी स्थिति में जान माल की हानि का भी खतरा बना रहता है. जिसको संज्ञान में लेकर सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन ने रेलवे डीआरएम को शीघ्र कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखा था. जिसके चलते रेलवे अधिकारियों ने निरीक्षण कर पानी निकासी की व्यवस्था बनाने को लेकर निरीक्षण किया. निरीक्षण करने पहंुचे रेल अधिकारियों ने कहा कि अभी केवल स्थानो का निरीक्षण किया है, जिसमें किसी भी प्रकार का निर्णय डिवीजन स्तर पर होगा. जिसके निर्देश के बाद ही कार्य प्रारंभ किया जायेगा.