जब तक टेस्ट मिलिंग नहीं, तब तक कस्टम मिलिंग नहीं, राईस मिलर्स ने सुनाया फैसला, जिला प्रशासन पर मिलिंग के लिए दबाव का आरोप

बालाघाट. कहते है दूध का जला, छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है, राईस मिलर्स एशोसिएशन द्वारा टेस्ट मिलिंग के लिए बनाये जा रहे दबाव से यह कहावत चरितार्थ होती नजर आती है. कस्टम मिलिंग के बाद चावल को लेकर सवालो के घेरे में खड़े रहने वाले राईस मिलर्स ने एकजुटता के साथ अब टेस्ट मिलिंग के लिए शासन पर दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया है. राईस मिलर्स का कहना है जब तक टेस्ट मिलिंग नहीं, तब तक वह कस्टम मिलिंग नहीं करेंगे.  

टेस्ट मिलिंग की बात को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता में मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के कार्यकारी अध्यख आशीष अग्रवाल ने महासंघ के पदाधिकारियों ने गत 2 दिसंबर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मुलाकात कर शासन द्वारा उपार्जित धान की टेस्ट मिलिंग करवाने का निवेदन किया था. जिसमें मुख्यमंत्री महोदय द्वारा आश्वस्त किया गया था कि धान की मिलिंग से जितना चावल प्राप्त होगा, उतना ही गुणवत्ता का चावल कस्टम मिलिंग करवाने वाले राईस मिलर्स से लिया जायेगा. जिसके परिपालन में मध्यप्रदेश शासन द्वारा 10 दिसंबर को आदेश जारी किया गया और 14 जनवरी 2021 तक मिलिंग करवाकर परिणाम से शासन को अवगत करवाये जाने की बात कही है. बावजूद इसके प्रदेश के सभी जिलो में, जिला प्रशासन द्वारा दबाव बनावकर मिलर्स को रजिस्ट्रेशन करवाकर मिलिंग करने का दबाव बनाया जा रहा है और मिलिंग नहीं करने पर एफआईआर दर्ज किये जाने की बात कही जा रही है. जो न्यायसंगत नहीं है.

कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार राईस मिलर्स की वास्तविक परेशानियों को समझते हुए अधिकारियों के दबाव से उन्हें मुक्त कराये. महासंघ आश्वस्त करता है कि धान की टेस्ट मिलिंग के पश्चात जिस गुणवत्ता का जितना चावल उपार्जित धान से प्राप्त होगा, उसी अनुसार पूरे प्रदेश में राईस मिलर्स उपार्जित धान की मिलिंग करके देंगे. मिलर्स द्वारा एक राय होकर यह तय किया गया कि जब तक शासन द्वारा शासन द्वारा उपार्जित की जा रही धान की टेस्ट मिलिंग नही करवाई जायेगी, तब तक प्रदेश के मिलर्स मिलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन एवं अनुबंध नही करेंगे और यदि प्रशासन द्वारा दबाब बनाने के लिए मिलिंग एक्ट का डर बताकर किसी भी मिलर के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जाती है, तो प्रदेश के सभी मिलर्स अपनी मिलो में ताला लगाकर चाबी प्रशासन को सौंप देंगे.

इस दौरान जिलाध्यक्ष जितेन्द्र मोनु भगत के अलावा चेंबर ऑफ कामर्स अध्यक्ष अभय सेठिया, प्रकाश सचदेव सहित अन्य व्यापारी मौजूद थे.


Web Title : NO CUSTOM MILLING UNTIL TEST MILLING, RICE MILLERS PRONOUNCES VERDICT, ACCUSES DISTRICT ADMINISTRATION OF PRESSURING MILLING