धान खरीदी केन्द्र परिवर्तन करने से किसान आक्रोशित, आंदोलन की राह में जाने मजबूर किसान, कलेक्टर से जागपुर केन्द्र को यथावत रखने की मांग

बालाघाट. किसानों को उनकी उपार्जित धान को समर्थन मूल्य में खरीदी करके शासन किसानों को सुविधा देने की बात तो कर रही है लेकिन शासन की नीति और प्रशासन की अदूरदर्शिता के कारण किसानों को धान खरीदी प्रारंभ होने के शुरूआत में ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रेंगाटोला के जागपुर धान खरीदी केन्द्र को परिवर्तन करने से पांच गांवो के किसान आक्रोशित है और उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने किसानो की सुविधा की दृष्टि से कोई प्रयास नहीं किया गया तो वह आंदोलन की राह पकड़ने मजबूर होंगे.  

गौरतलब हो कि बीते धान खरीदी वर्ष में रेंगाटोला के जागपुर धान खरीदी केन्द्र को परिवर्तन कर उसे डोंगरिया ओपन कैप में कर दिया था. जिसके बाद जब इस मामले में किसानों ने आवाज उठाई तो बाद में रेंगाटोला जागपुर केन्द्र में ही धान खरीदी प्रारंभ की गई. इस वर्ष फिर बीते वर्ष की गलती दोहराते हुए रेंगाटोला के जागपुर खरीदी केन्द्र को हटाकर उसे डोंगरिया ओपन कैप में कर दिया गया है. जिससे क्षेत्र के पांच गांव पिपरिया, भांडी, रंेगाटोला, जागपुर और केरा के किसान नाराज और आक्रोशित है.  

जबकि जागपुर सेवा सहकारी समिति में धान खरीदी के बाद धान के संग्रहण के लिए 12 से 13 लाख रूपये की लागत से पक्का कैंप भी निर्मित किया गया है, बावजूद इसके केन्द्र को बंद कर उसे डोंगरिया ओपन कैंप में मर्ज कर दिया गया है, जिससे क्षेत्र के पांच गांवो को अपनी उपार्जित फसल को बेचने के लिए उबड-खाबड़ रास्ते वाले 15 से 20 किलोमीटर दूर फसल लेकर जाना होगा. जिससे किसान नाराज है, नाराज किसानों ने जागपुर धान खरीदी केन्द्र को यथावत रखने डोंगरिया ओपन कैंप की दूरी, रास्ते के जर्जर और धान को रखने एवं किसानों को ठहरने होने वाली असुविधाओं का हवाला देते हुए पूर्व वर्ष की तरह जागपुर में ही धान खरीदी केन्द्र को यथावत रखे जाने की मांग की है अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है.

पूर्व सोसायटी अध्यक्ष पिपरिया निवासी धरमचंद पटले ने बताया कि वर्ष 2020 में भी धान खरीदी के दौरान जागपुर के धान खरीदी केन्द्र को निरस्त कर डोंगरिया कर दिया गया था. जिसकी शिकायत और किसानों की नाराजगी से जिला प्रशासन को अवगत कराये जाने के बाद प्रशासन ने जागपुर में ही धान खरीदी केन्द्र को प्रारंभ करवाकर खरीदी को प्रारंभ किया था, जहां धान के संग्रहण के लिए लाखो रूपये से पक्का कैप का भी निर्माण कराया गया है. लेकिन बीते वर्ष की गई गलती को फिर दोहराकर जागपुर खरीदी केन्द्र को बदलकर फिर डोंगरिया ओपन कैप कर दिया गया है. जो क्षेत्र के किसानों के साथ अन्याय है और किसानों को परेशान करना है. जिससे क्षेत्र के किसान आक्रोशित है. डोंगरिया कैप में न तो धान रखने की व्यवस्था है और न ही किसानो के लिए कोई व्यवस्था. इसलिए हमारी मांग है कि जागपुर धान खरीदी केन्द्र को यथावत रखा जायें.  

वरिष्ठ अधिवक्ता और कृषक हरीश नगपुरे ने कहा कि डोंगरिया कैप के आसपास कांटे वाली घास है, जहां यदि किसान धान का जमाव करता है तो उसकी धान खराब हो सकती है. वहीं क्षेत्र के किसानों के लिए डोंगरिया ओपन कैप तक धान ले जाना रास्ते और लंबी दूरी के हिसाब से कतई सही नहीं है. जबकि जागपुर धान खरीदी केन्द्र, क्षेत्र के पांच गांवो के किसानों के लिए उपयुक्त और सुविधाजनक है यही नहीं बल्कि मुख्यालय से लगा होने के कारण यह एक उचित स्थान है, बावजूद इस केन्द्र को डोंगरिया स्थानांतरित कर दिया गया है, जो किसानों के साथ छलावा है. जिसे किसान बर्दाश्त नहीं करेगा और यदि जल्द ही प्रशासन ने जागपुर केन्द्र को यथावत नहीं किया तो किसान सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए मजबूर होगा. इस दौरान काफी संख्या में किसानों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा और जागपुर धान खरीदी केन्द्र को यथावत रखने की मांग की.


Web Title : FARMERS OUTRAGED BY CHANGE OF PADDY PROCUREMENT CENTRE, FARMERS FORCED TO GO IN THE WAY OF AGITATION, COLLECTOR DEMANDS JAGPUR CENTRE TO REMAIN INTACT