आज पहला सावन सोमवार, मंदिरों में होगी पूजा अर्चना,शिवसांई मंदिर से नहीं निकलेगी कांवड़ यात्रा

बालाघाट/कटंगी. रविवार 25 जुलाई से सावन मास प्रारंभ हो गया है. सावन मास में भगवान शिव का पूजन फलदायी माना जाता है, इसलिए हर वर्ष सावन मास के प्रत्येक सोमवार पर कांवड़ यात्रा निकाली जाती है. जिला मुख्यालय स्थित शिवसांई मंदिर से प्रतिवर्ष सावन मास में अरसो से कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है, यही नहीं बल्कि लांजी में भी शिवभक्त बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रा के माध्यम से भगवान कोटेश्वर का जलाभिषेक करने पहुंचते है. लेकिन इस वर्ष कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए माननीय न्यायालय और सरकार के निर्देश के बाद कांवड़ यात्रा को कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए प्रतिबंधित किया गया है. जहां गत दिनों लांजी में शिवभक्तों ने कांवड़ यात्रा को मना कर दिया था. 25 जुलाई को भी शिवसांई मंदिर समिति द्वारा मंदिर से परंपरानुसार निकाली जाने वाली कांवड़ यात्रा को कोरोना से बचाव को लेकर स्थगित कर दिया है. जिसकी जानकारी शिवसांई मंदिर समिति पुजारी ने देते हुए बताया कि मंदिर में स्थित भगवान शिव के शिवलिंग का जलाभिषेक, कोरोना गाईडलाईन के अनुसार ही किया जायेगा.

हिन्दू धर्म के मुताबिक गुरूपूर्णिमा के बाद सावन मास की शुरूआत हो चुकी है. वहीं हिन्दू धर्म में सावन का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने हिन्दू धर्मावलंबी भगवान शिव (भोलेनाथ) और माता पार्वती की पूजा आराधना में अपना समय व्यतीत करते है. मान्यता है कि भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय है. बता दें कि सावन माह में पूरे दिन धर्मप्रेमी भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते है. वहीं भाई बहनों के पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन के एक दिन पूर्व सावन मास की समाप्ति होती है. सावन मास में आने वाले प्रत्येक सोमवार को धर्मप्रेमी भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते है.

गौरतलब हो कि सावन का आज पहला सोमवार होने से तमाम शिवालयों में पूजा अर्चना होगी. इसी तरह मान्यता है कि सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का व्रत रखने से भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है. पं. उमाशंकर तिवारी ने बताया कि सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का व्रत रखने से भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है. हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है. यह महीना भगवान शिव को समर्पित है. इस साल सावन 25 जुलाई से शुरू हो गया है. हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ के महीने के बाद सावन का माह आता है. सावन के महीने को श्रावण मास भी कहते हैं.   26 जुलाई को पहला सावन सोमवार पड़ेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामना पूरी होती हैं. माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती है.


Web Title : FIRST SAWAN MONDAY, TEMPLES TO BE WORSHIPPED, KANWAR YATRA NOT TO LEAVE SIVASAI TEMPLE