नवरात्र के सजने लगे देवी मंदिर, प्रज्जलवित किये जायेंगे मनोकामना कलश

बालाघाट. कोरोना बीमारी में कमी आने के बाद इस वर्ष नवरात्र का पर्व जिले में श्रद्वाभाव से उत्साहपूर्वक मनाया जायेगा. सर्वपितृ अमावस्या के साथ 6 अक्टूबर को श्राद्ध समाप्त हो रहे हैं. इसके अगले दिन यानि 7 अक्टूबर गुरुवार से नवरात्रि प्रारंभ हो जायेंगें, साथ ही घटस्थापना या कलश स्थापना भी की जायेगी. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जायेगी. भक्त माता रानी की विशेष कृपा पाने के लिए उपवास भी रखते हैं. मान्यता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों के कष्टों को दूर करती हैं और मन की मुरादें पूरी करती हैं.  

जिले में नवरात्र पर न केवल सार्वजनिक स्थानों पर मातारानी की प्रतिमा विराजित करने के लिए तैयारियां की जा रही है बल्कि देवीमंदिरों में नवरात्र के लिए सजाया जा रहा है, जहां मंदिर और भक्तो द्वारा रखे जाने वाले ज्योति कलश को प्रज्जलवित किया जायेगा.

आज से ठीक 3 दिन बाद मां दुर्गा का उपासना और आराधना के पर्व नवरात्र प्रारंभ हो जायेगा. सार्वजनिक स्थलो में मां दुर्गा की प्रतिमा को विराजित करने के लिए दुर्गा पंडालों का निर्माण के साथ ही देवी मंदिरो में रखे जाने वाले ज्योतिकलश और ज्वारें को लेकर भी तैयारिया प्रारंभ कर दी गई है. नवरात्र में मंदिरो और घरो मंे ज्वारे भी रखे जाते है, ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में ज्वारे के बिना मां दूर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है. शारदीय नवरात्रि हो या फिर गुप्त नवरात्रि या फिर चैत्र नवरात्रि, सभी नवरात्रि में ज्वारे का काफी महत्व होता है. मान्यता है कि कलश या घट स्थापना के साथ ही जौ बोये जाते हैं, क्योंकि इसके बिना मां दूर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है.

बालाघाट मुख्यालय में ही मां कालीपाठ मंदिर, त्रिपुर सुंदरी मंदिर और हनुमान चौक स्थित मां दुर्गा मंदिर में नवरात्र को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है, साथ ही नवरात्र पर मां के दर्शन करने और मां से मनोकामना पूर्ति के लिए रखे जाने वाले ज्योतिकलश की स्थापना को लेकर मंदिरो में तैयारियां अंतिम दौर में है.

नवरात्र को लेकर मंदिरो में विराजित किये जाने वाले मनोकामना ज्योति कलश को लेकर की गई चर्चा में मां कालीपाठ मंदिर पुजारी ने बताया कि बीते वर्ष मंे कोरोना के कारण मंदिरों के पट बंद थे, लेकिन इस वर्ष कोरोना में कमी आने के कारण मंदिरों के पट खोल दिये गये है, इस बार कालीपाठ मंदिर समिति द्वारा मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश को प्रज्जलवित किये जाने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत घी के 150 एवं तेल के 551 ज्योति कलश रखे जायेंगे. उन्होंने बताया कि इस बार मातारानी का दर्शन कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद लेने आने वाले के लिए मंदिर समिति द्वारा तैयारी की गई है ताकि भक्तों को मां के दर्शन में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो. वहीं त्रिपुर सुंदरी मंदिर का संचालन देखने वाले श्री नामदेव ने बताया कि चूंकि संभावित तीसरी लहर और कोरोना के प्रशासन की गाईडलाईन की दृष्टि से इस बार त्रिपुर सुंदरी मंदिर समिति द्वारा रखे जाने वाले 501 कलश की बजाये 13 कलश स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है. जिसमें 11 कलश भक्तों की ओर से और 2 कलश मंदिर समिति की ओर से रखे जायेंगे. मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले भक्तों के लिए प्रशासन के निर्देशानुसार कोविड गाईडलाईन का पालन करना अनिवार्य होगा. हनुमान चौक स्थित दुर्गा मंदिर पुजारी संतोष पांडे ने बताया कि इस वर्ष कोरोना में कमी के कारण मंदिर में ज्योति कलश प्रज्जलवित किये जायेंगें. मंदिर समिति के निर्णयानुसार 400 ज्योति कलश की स्थापना की जायेगी. इसके अलावा 9 सार्वजनिक कलश रखे जायेंगे. उन्होंने कहा कि नवरात्र पर मंदिर में ज्योतिकलश और मातारानी के दर्शनार्थ आने वाले भक्तों को कोविड नियमों का पालन करना होगा.


Web Title : NAVRATRI DECORATED DEVI TEMPLES, MANOKAMNA KALASH TO BE LIT