बसंत पंचमी पर सरस्वती शिशु मंदिर में किया गया शिक्षांरभ संस्कार

बालाघाट. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सरस्वती शिशु मंदिर में बसंत पंचमी के पावन पर्व संस्कारित रूप से श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया. जहां सर्वप्रथम मां सरस्वती का पूजन कर हवन और महाआरती की गई. वहीं परंपरानुसार विद्या की देवी मां सरस्वती की उपासना के तौर पर शिक्षा की शुरुआत करने वाले बच्चों का शिक्षा आरंभ संस्कार करवाया गया. जिसमें बच्चों की जिव्हा पर शहद से ओम की आकृति मनाई गई और बच्चों से स्लेट-पटटी पर कलम से ओम की आकृति बनाकर इन बच्चों का शिक्षा संस्कार किया गया.  

चूंकि पौराणिक मान्यता अनुसार सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा के मुख से वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. जिस पावन अवसर पर मां के उपासकों ने आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर नव संस्कारित बच्चों उज्जवल भविष्य और जगत के कल्याण की कामना मां सरस्वती से की.  

कार्यक्रम का आयोजन पूर्व छात्र डॉ. अविनाश सहारे के मुख्य आतिथ्य, डॉक्टर नरेंद्र बोकडे की अध्यक्षता और आरएसएस संघचालक वैभव कश्यप डॉ. वेदप्रकाश लिल्हारे, डॉ. दीपांकर रामटेक्कर, सुरजीतसिंह ठाकुर, श्रीमती भारती ठाकुर, रामेश्वर मटाले, सुशील सिंहासने, भूपेश शर्मा के विशिष्ट आतिथ्य में किया गया.  

इस अवसर पर बाल विकास समिति उपाध्यक्ष समीर जायसवाल, सचिव प्रदीप गुप्ता, सहसचिव श्रीमती अर्चना गुप्ता, सदस्य वागिश कश्यप, दिनेश असाटी, अशोक बिसेन, सुरेन्द्र राहंगडाले, जे. डी. पटेल, श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव सहित पालको, बालक, बालिकाओं और प्रबुद्धजनों की प्रमुख उपस्थिति में बसंत पंचमी का विधि-विधान विधान से अनुष्ठान सफल रहा.  


Web Title : ON BASANT PANCHAMI, SHIKSHANRAB SANSKAR PERFORMED AT SARASWATI SHISHU MANDIR