डीएफओ बंगले में चौकीदारी करने गये स्थाईकर्मी की संदेहास्पद मौत,परिजनों ने डीएफओ पर लगाये आरोप

बालाघाट. गर्रा बांस डिपो में कार्यरत स्थाई कर्मी 55 वर्षीय कन्हैया पिता रतनलाल सिंगेश्वर को विगत कुछ समय से डीएफओ अथर्व गुप्ता द्वारा अपने बंगले में चौकीदारी के लिए बुलाया लिया था. जिसके बाद से कन्हैया सिंगेश्वर, डीएफओ साहब के बंगले में चौकीदारी का कार्य कर रहे थे. बीते 18 नवंबर को रात्रि खाना खाने के बाद कन्हैया डीएफओ बंगले चले गया था. आज 19 नवंबर की सुबह जब साथी कर्मी शुभम कुशराम बंगले में सुबह की ड्युटी में पहुंचा तो पाया कि कन्हैया की हालत खराब है, जिसके बाद इसकी सूचना डीएफओ और साथी कर्मियों को दी गई. जिसे तत्काल ही आनन-फानन में जिला चिकित्सालय लाया गया. जहां भर्ती किये जाने के एक घंटे में ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.  

वनविभाग में स्थायी कर्मी कन्हैया की मौत के बाद परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा. परिजनों ने डीएफओ पर जबरदस्ती ड्युटी से घर में चौकीदार करने और कन्हैया के बीमार होने पर इसकी जानकारी नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय पर जानकारी मिलती तो परिजन उसे बेहतर उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराते लेकिन इसकी जानकारी समय पर परिजनों को नहीं दी गईं.

फिलहाल इस मामले में परिजनो ने पीएम से इंकार कर दिया है. वहीं मृतक कन्हैया की मौत भी संदेहास्पद है, कन्हैया की ठंड से या अन्य कारणों से मौत हुई है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है.  सुबह के समय में कन्हैया की रात्रि ड्युटी से उन्हें रिलिव करने पहुंचे शुभक कुशराम की मानें तो वह रात्रि में जब बंगले आये तो पूर्णतया स्वास्थ्य थे. आज सुबह जब वह पहुंचा तो देखा कि वह अस्वस्थ्य थें. जिसके बाद डीएफओ साहब और अन्य कर्मियों को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद उन्हें जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे थे.  

परिजन शोभेलाल सिंगेश्वर की मानें तो डिपो से अधिकारी द्वारा घर में चौकीदारी के लिए ड्युटी लगाई गई थी. जो रात्रि में ड्युटी में गये थे. जिनके बीमार होने की सूचना तक परिजनों को नहीं दी गईं. वहीं भतीजे की मौत के बाद लगभग दो घंटे तक डीएफओ के आने का इंतजार परिजन करते रहे लेकिन वह नहीं आये. हमारा आरोप है कि डीएफओ साहब की लापरवाही से भतीजे की जान गई है.


Web Title : PERMANENT EMPLOYEE DIES AFTER GOING TO GUARD DFO BUNGALOW, FAMILY ACCUSES DFO