बोधसिंह भगत की भाजपा में वापसी फिफ्टी-फिफ्टी!, आज नाम वापसी का अंतिम दिन, बोधसिंह भगत पर टिकी निगाहे

बालाघाट. भाजपा सांसद बोधसिंह भगत, अपनी टिकिट काटे जाने के बाद से नाराज चल रहे है, जहां उनके कार्यकर्ताओं ने टिकिट काटे जाने के बाद उग्र तेवर दिखाते हुए भाजपा कार्यालय मंे प्रदर्शन किया था, वहीं कार्यकर्ताओं और जनता के सम्मान की बात कहते हुए भाजपा सांसद बोधसिंह भगत ने गत दिवस कार्यकर्ताओं के जमावड़े के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. हालांकि आज 12 अप्रैल को नाम वापसी का अंतिम समय है और भाजपा लगातार अपने रूठे सांसद को मनाने के प्रयास में है, जिससे आज नाम वापसी के समय तक बोधसिंह भगत की ओर सबकी निगाहे है. भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भाजपा सांसद को पार्टी स्तर पर प्रयास जारी है और उनकी पार्टी में वापसी अब तक की चर्चा अनुसार फिफ्टी-फिफ्टी है. हालांकि बोधसिंह भगत के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नाम वापसी की संभावनायें उनके चुनाव लड़ने के ऐलान के दौरान दिखाये गये तेवर से कम ही नजर आती है लेकिन राजनीति और क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, जिसमें कब बाजी पलट जायें, कहा नहीं जा सकता. नामांकन के दौरान जिस तरह से बालाघाट की राजनीति में परिवर्तन देखने को मिला है, उससे किसी भी संभावनायें से इंकार नहीं किया जा सकता.  

हालांकि अब तक भाजपा के सांसद बोधसिंह भगत को मनाने के प्रयास विफल ही साबित हुए है. भाजपा के प्रत्याशी चयन के बाद से नाराज चल रहे सांसद बोधसिंह भगत को मनाने के लिए शुरूआत पार्टी प्रयासरत है, जहां सबसे पहले उन्हें मनाने के लिए प्रदेश महामंत्री सुहास भगत बालाघाट पहुंचे तो उसके बाद सांसद बोधसिंह को मनाने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी बालाघाट पहुंचकर सांसद बोधसिंह भगत से चर्चा की. जिसके बाद बालाघाट में विगत दिनों से लगातार पार्टी बैठकें ले रहे मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव प्रभारी और यूपी शासन के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी सांसद बोधसिंह भगत से पार्टी के लिए हठ छोड़कर पार्टी प्रत्याशी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए साथ आने को लेकर चर्चा की, लेकिन उसका भी असर होता दिखाई नहीं दे रहा है.  

हालांकि पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो वरिष्ठ स्तर पर स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों को सांसद बोधसिंह भगत से चर्चा करने अधिकृत कर दिया गया है. यदि स्थानीय स्तर पर सांसद बोधसिंह भगत से चर्चा सकारात्मक होती है तो संभवत सांसद बोधसिंह भगत, आज अपना निर्दलीय नामांकन वापस ले सकते है, जिसकी संभावनायें पार्टी पदाधिकारियों ने जाहिर की है. चूंकि चुनाव मैदान में सांसद बोधसिंह भगत के खड़े होने से निश्चित ही इसका नुकसान भाजपा को होगा और फायदा कांग्रेस प्रत्याशी को मिलेगा. हालांकि सांसद बोधसिंह भगत के निर्दलीय खड़े होने से भाजपा को कितना नुकसान और कांग्रेस को कितना फायदा होगा, यह तो आगामी समय और चुनाव संघर्ष के बाद चलेगा.  

भाजपा पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दर्ज करने वाले सांसद बोधसिंह भगत को पार्टी स्तर पर मनाने का प्रयास जारी है, जिसके चांस फिफ्टी-फिफ्टी है. पार्टी चाहती है कि सांसद बोधसिंह भगत पार्टी के कार्यकर्ता है और वह पार्टी के साथ रहे. पार्टी के इस प्रयास के बाद बोधसिंह भगत क्या आज अपना नाम वापस लेंगे? या फिर वह चुनाव मैदान में रघुकुल रीत सदा चली आई की तर्ज पर बने रहेंगे? इसका जवाब आज नामांकन वापसी के बाद मिल जायेगा. हालांकि इस मामले में सांसद बोधसिंह भगत या उनसे जुड़े समर्थकों से फोन पर पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन सांसद बोधसिंह भगत का मोबाईल आउट ऑफ कवरेज एरिया बता रहा तो समर्थको के मोबाईल में रिंग जाने के बावजूद उन्होंने अटैंड करना उचित नहीं समझा. जिससे बोधसिंह भगत के चुनाव में बने रहने की संभावना आज नामांकन वापसी तक फिफ्टी-फिफ्टी बनी हुई है.


Web Title : SUBODH SINGH BHAGATS RETURN TO BJP WAS FIFTY FIFTY! TODAY, ON THE LAST DAY OF WITHDRAWAL, SUBODH SINGH BHAGAT