श्रमिकों की 64 हजार रूपयेे की मजदूरी का सुपरवाईजर ने किया गबन!

कटंगी. अपना घर परिवार, नाते-रिश्तेदार और घर घर बार सबकुछ गांव में छोड़कर अपना और अपने परिवार को पेट पालने के लिए महानगरों की 45 डिग्री तापमान की तेज धूप और आंधी तुफान ओलावृष्टि के बीच मजदूरी करने वाले मजदूरों का जिले के बाहर जाने पर ठेकेदार और सुपरवाईजरों के द्वारा शोषण किया जा रहा है. इन मजदूरों को ना तो समय पर मजदूरी भुगतान दिया जाता है और ना ही बुनियादी सुविधाये दी जाती है. ऐसा ही एक मामला फिर एक बार सामने आया है. जिसमें मजदूरों का करीब 64 हजार रुपए से अधिक का मजदूरी भुगतान का सुपरवाईजर ने गबन कर लिया है और अब मजदूरों का फोन तक नहीं उठा रहा है. पीड़ित मजदूर अब पूरे मामले की पुलिस में शिकायत करने की तैयारी में है.

पूरा मामला कटंगी और खैरलांजी थाना क्षेत्र के आधा दर्जन श्रमिकों की मजदूरी के भुगतान से जुड़ा है. जो सुपरवाईजर ने गबन कर लिया है. प्राप्त जानकारी अनुसार कटंगी थाना क्षेत्र के ग्राम बनेरा निवासी राजेन्द्र चंडीमेश्राम और खैरलांजी थाना क्षेत्र के ग्राम मुरझड़ निवासी सुनील मेश्राम, सीमा मेश्राम, अनिल मेश्राम, रतन कड़पती और सुमित मर्सकोले का 64 हजार से अधिक का मजदूरी भुगतान कटंगी थाना क्षेत्र के ग्राम अगासी निवासी प्रमोद बोरकर ने गबन कर लिया है.

श्रमिकों ने बताया कि प्रमोद बोरकर सुपरवाईजर का काम करता है. जिसने इन सभी मजदूरों से आंधप्रदेश के विजयवाड़ा में मजदूरी कार्य करवाया था, किन्तु कंपनी से भुगतान मिलने के बाद भी इन मजदूरों को मजदूरी नहीं दी है. सुपरवाईजर ने इन मजदूरों की मजदूरी गबन कर ली है. मजदूरों ने बताया कि उन्होनें कई बार सुपरवाईजर से बात कर मजदूरी देने की मांग की लेकिन वह मजदूरी नहीं दे रहा है और अब फोन भी नहीं उठा रहा है.

वैसे तो पूरे देश में मनरेगा योजना का ढिंढोरा पीटा जाता है कि इस योजना के तहत गांव में ही रोजगार दिया जा रहा है मगर, एक हकीकत तो यह भी है कि इस योजना में समय पर काम और मजदूरी नहीं मिलने की वजह से कटंगी ही नहीं बल्कि समूचे बालाघाट जिले के मजदूर महानगरों की ओर अपना पेट पालने के लिए पलायन करते है. जिन मजदूरों की मजदूरी का सुपरवाइजर ने गबन किया है, वह मजदूर भी, अपने घर से करीब 950 किमी. दूर विजयवाड़ा (आंधप्रदेश) मजदूरी करने के लिए गए थे. जहां मजदूरी करने के बावजूद सुपरवाईजर ने उनके मजदूरी का भुगतान नहीं किया है और अपने घर अगासी आने के बाद भी आंधप्रदेश लौट गया है. श्रमिक परेशान है और पुलिस से न्याय दिलाने की उम्मीद लगाए बैठे है.


Web Title : THE SUPERVISOR EMBEZZLED THE WAGES OF THE WORKERS OF 64 THOUSAND RUPEES!