लगातार तीन विधानसभा में अजेेय रहे थे दिलीप भटेरे, आज स्व. दिलीप भटेरे की 15 वीं पुण्यतिथी, बोलेगांव मेें दी जायेगी श्रद्वाजंलि

बालाघाट. क्षेत्र के पूर्व विधायक व मप्र शासन के पूर्व मंत्री स्व. दिलीप भटेरे की 15 पूण्यतिथी पर श्रद्धांजली पुण्य स्मरण कार्यक्रम आज 6 मई को स्व. भटेरे स्मृति स्थल बोलेगांव में आयोजित किया गया है. इस पुण्य तिथी अवसर में प्रात 10 बजे से दीप प्रजवलन के साथ माल्यार्पण, पूजा अर्चनाए पुण्य स्मरण एवं श्रद्धांजली तथा 11 बजे से ठाकुर ब्रदर्स बालाघाट ग्रूप द्वारा संगीतमय भजनों की प्रस्तुति दी जावेगी. सम्पूर्ण कार्यक्रम में गंभाण्धारेश्वरी भटेरेए जागेश भटेरेए राजेश भटेरेए राकेश भटेरेए पूर्व विधायक रमेश भटेरे ने सभीजनों से उपस्थित होने की अपील की है.  

श्री दिलीप भटेरे का जन्म 5 मार्च 1948 को बालाघाट जिले के लांजी क्षेत्र के ग्राम बोलेगांव में एक छोटे से कृषक परिवार में हुआ. आपके पिताजी का नाम भैयालालजी मंडल तथा माताजी श्रीमती समोतिन बाई है. भटेरेजी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी थे. 1967. 68 में लांजी हाईस्कूल से कक्षा 11 वी बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण कीए तत्पश्चात उन्होने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर से एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. श्री भटेरे मप्र के पहले कृषि विवि के प्रथम बेच के छात्र रहे और उनकी लगनशीलता तथा मेहनत और दृढ़ संकल्प को देखते हुये तत्कालीन सरकार ने उन्हे बिना डिग्री मिले सीधे द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के रूप में उनको सरकार ने अपनी सेवा देने का अवसर प्रदान किया. आपका विवाह मंडला जिले के तहसील भुआ बिछिया के एक छोटे से ग्राम घुटास में धारेश्वरी के साथ 12 फरवरी 1972 को सम्पन्न हुआ व उनके 2 पुत्री व 3 पुत्र है. कृषक परिवार से होने के कारण वे किसानों का दुख दर्द जानते थे. कि एक किसान मेहनत करके किस प्रकार अपना जीवन यापन करता है. अपना जीवन किस प्रकार किसानों की सेवा में लगाऊए यही सोच मन में लिये दिसम्बर 1973 में सरकारी नौकरी से त्यागपत्र देकर अपने गृह ग्राम बोलेगांव आ गये. 1975 में लांजी में किसानों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुये कृषि सेवा केन्द्र की स्थापना की. 1978 से 1983 तक श्री भटेरे कृषि उपज मंडी बालाघाट में लांजी के संचालक रहे. 1983 से 1988 तक आप ग्राम पंचायत बोलेगांव के सरपंच रहकर ग्राम के लोगो की भरपूर मदद की. 1985 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन किस्मत उनके साथ नही थी और उन्हे पराजय का सामना करना पड़ा. चूंकि श्री भटेरे किसानों की सेवा के प्रति दृढ़संकल्पित थेए अतरू उन्होने हार नही मानी और निरंतर गरीब मजदूर किसानों की सेवा में लगे रहे. 1986 में भारतीय जनता पार्टी बालाघाट ने उनके परिश्रम को देखते हुये जिला भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में पार्टी की सेवा का अवसर प्रदान किया. 1990 में लांजी विधानसभा की भाजपा सीट जनता दल के साथ समझौते में चले जाने के कारण श्री भटेरे को चुनाव लडने का मौका नही मिला. लेकिन क्षेत्रीय जनता की जिद के आगे झुककर बकरी छाप से निर्दलीय चुनाव लड़ा एवं भारी मतों से चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे. श्री भटेरे जी लगनशीलता, मेहनत, दृढ़संकल्प और सेवाभाव को देखते हुये तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा ने दो तिहाई की अपनी सरकार होने के बावजूद भी एक निर्दलीय विधायकय श्री भटेरे को अपनी सरकार में स्थान देकर दिसंबर 1990 में संसदीय सचिव के रूप में शपथ ग्रहण की. लेकिन दल बदल कानून के कारण अगस्त 1991 में विधानसभा से सदस्यता समाप्त हो गई. फिर भी उन्होने हार नही मानी एवं निरंतर संघर्षरत रहे. 1992 में पुनः लांजी में उपचुनाव हुआ और क्षेत्रीय जनता ने अपना विश्वास जताते हुये पुनः दुसरी बार भारी मतो से विजयी बनाया. दिसम्बर 1992 में तत्कालीन पटवा सरकार के बर्खास्त होने के कारण 1993 में पुनः जनता के बीच जाना पड़ा एवं क्षेत्रीय जनता का अगाध प्रेम और विश्वास के चलते तीसरी बार विधानसभा में पहुंचे. श्री भटेरे एक मात्र ऐसे नेता रहे जिन्होने 4 साल के भीतर लगातार 3 विधानसभा चुनाव 90, 92, 93 का सामना किया और तीनों चुनाव में उन्हे विजयश्री हासिल हुई. 1993 में बीज निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया. 1996 से 1998 तक दूरसंचार परिमंडल के सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दूरसंचार विभाग को दी. जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि के गौरव होने के कारण कृषि विवि जबलपुर ने 1994 से 1997 तक श्री भटेरे ने अपनी सेवाए दी. 1996 से 1998 में आपको किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सभालने का अवसर दिया. 1996 से 1997 तक जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि के कमेटी चेयरमेन रहे. 1998 में पुनः 11 वी विधानसभा में पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा और बहुत ही कम मतो से पराजय का सामना करना पड़ा. वर्ष 2000 में आपको मंडला बालाघाट ग्रामीण बैंक के नामित निर्देशक के रूप में बैंक को अपनी सेवाएं देते रहे. वर्ष 2001 में पुनः दूरसंचार परिमंडल ने सलाहकार सदस्य बनाया. भाजपा ने वर्ष 2000 से 2003 तक जिला बालाघाट के भाजपा जिला अध्यक्ष का दायित्व सौपा. नवम्बर 2003 में पुनः 12 वी विधानसभा चुनाव में पार्टी ने चुनाव में उतारा व भारी मतो से जीत दर्ज की. आपके व्यक्तित्व को देखते हुये तत्कालीन मुख्यमंत्री उमाभारती ने उन्हे अपनी सरकार में राजस्व, पिछड़ावर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री के रूप में जिम्मेदारी सौपी. 6 मई 2007 को आपने अपने जीवन की अंतिम सांस लेकर इस दुनिया से अलबिदा हो गये. आज 15 वीं पुण्यतिथी पर स्मृतिधाम बोलेगांव में स्व. दिलीप भटेरे को श्रद्धांजली अर्पित कर पुण्य स्मरण कार्यक्रम आयोजित किया गया है.  


Web Title : DILIP BHATRE WAS INVINCIBLE IN THREE CONSECUTIVE ASSEMBLY SEGMENTS, TODAY SELF. DILIP BHATERES 15TH DEATH ANNIVERSARY TO BE PAID IN BOLEGAON