किसान अन्नदाता हीं नहीं बल्कि हमारा जीवनदाता भी है-कृषि मंत्री पटेल, तुलसीधाम (लेंडेझरी) में कृषि मेले का शुभारंभ किया

बालाघाट. कोरोना काल में जहां सभी उद्योग धंधे बंद हो गये थे और रोजगार के साथ नहीं बचे थे, ऐसे हालत में भी किसानों ने काम किया है और मानव को जीवित रखने के लिए अन्न पैदा करना बंद नहीं किया. हमारा किसान कोरोना काल में भी खेती में जुटा रहा है. किसान केवल अन्नदाता ही नहीं बल्कि मानव जीवन का रखवाला जीवनदाता भी है. किसानों के दम पर ही हमारा जीवन निर्भर है. यह बातें किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने आज 04 नवंबर को तुलसीधाम (लेंडेझरी) में आयोजित विशाल कृषि मेले में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कही.

ग्राम तुलसीधाम (लेंडेझरी) में आयोजित इस विशाल कृषि मेले में आयोग अध्यक्ष एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन, आयुष मंत्री रामकिशोर नानो कावरे, पूर्व विधायक रमेश भटेरे, के. डी. देशमुख, लोचनलाल ठाकरे, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीत सिंह ठाकुर, जनपद पंचायत लालबर्रा अध्यक्ष श्रीमती देवीलता ग्वालवंशी, भाजपा नेत्री श्रीमती मौसम हरिनखेड़े, कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, ग्राम पंचायतों के सरपंच, बड़ी संख्या में जिले के विभिन्न स्थानों से आये किसान एवं आम जन उपस्थित थे.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि मंत्री पटेल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति ने बालाघाट जिले को घने वन, खनिज संपदा, अच्छी जलवायु व पर्यावरण और सबसे अच्छी माटी की सौगात दी है. यहां की माटी में धान, गेहूं, चना, गन्ना, फल, सब्जियां सभी प्रकार की फसलें पैदा की जा सकती है. प्रकृति ने बालाघाट जिले को सब कुछ दिया है. जरूरत है तो यहां के किसानों को प्रोत्साहन देने की और उनकी उपज के लिए बाजार उपलब्ध कराने की. प्रदेश का कृषि विभाग किसानों के हित में निरंतर काम कर रहा है. बालाघाट जिले की चिन्नौर को जी. आई. टैग मिलने से यह पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गई और इसका लाभ बालाघाट जिले के किसानों को मिलेगा.

कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार किसानों के हित में योजनायें बनाकर किसानों को प्रोत्साहन दे रही है. हमारा पूरा प्रयास है कि किसानों को फसलों के अच्छे दाम देकर आत्म निर्भर बनाया जाये. हमारा किसान आत्मनिर्भर बनेगा तो निश्चित रूप से भारत सोने की चिड़िया बनेगा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर किसानों को प्रधनमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में तीन किश्तों में 06 हजार रुपये की राशि दी जा रही है. मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में किसानों को 04 हजार रुपये की राशि दो किश्तों में दी जा रही है. इस प्रकार किसानों को एक वर्ष में 10 हजार रुपये की राशि मिल रही है. किसानों की मेहनत और प्रदेश सरकार के प्रोत्साहन से आज मध्यप्रदेश कृषि उत्पादन में पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों को पीछे छोड़कर देश का अग्रणी राज्य बन गया है. कृषि मंत्री श्री पटेल ने किसानों से कहा कि वे जैविक खेती को अपनायें. कीटनाशकों एवं उर्वरक के अत्यधिक उपयोग से हमारी उपजाऊ माटी बंजर होने लगी है और अनाज प्रदूषित हो गया है. जिसके कारण गंभीर बीमारियां होने लगी है. इससे बचने के लिए हमें गौवंश पर आधारित जैविक एवं प्राकृतिक खेती करने की जरूरत है.

आयोग अध्यक्ष एवं विधायक श्री गौरीशंकर बिसेन ने इस अवसर पर  अपने संबोधन में कहा कि यह‍ हमारा सौभाग्य है कि हमारे जिले की मिट्टी में चिन्नौर जैसा धान पैदा होता है. चिन्नौर केवल अपने नाम से लोकप्रिय नहीं, बल्कि यह अपने स्वाद एवं गुणवत्ता के कारण प्रसिद्ध है. चिन्नौर को जीआई टैग मिलने से बालाघाट जिले को विश्व में एक नई पहचान मिली है. जिले की चिन्नौर को विश्व के बाजार में पहुंचाने के लिए प्रयास किया जायेगा. अब हम चनोली को जीआई टैग दिलाने के लिए प्रयास कर रहे है. इसके साथ ही जिले में सीताफल एवं आम की खेती की भी असीम संभावना है. बालाघाट जिले को आम की खेती से मैंगा हब बनाया जा सकता है. श्री बिसेन ने किसानों से कहा कि वे उर्वरकों का कम से कम उपयोग करें और जैविक खाद का अधिक से अधिक उपयोग करें.

कार्यक्रम में आयुष मंत्री  कावरे ने भी किसानों को संबोधित किया और कहा कि इस क्षेत्र के विधायक गौरीशंकर बिसेन के प्रयासों से कृषि के क्षेत्र में अनेकों सौगातें मिली है. वे हकीकत में विकास पुरूष है. कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों के अधिक उत्पादन, जैविक खेती, मशरूम उत्पादन, फलों की खेती एवं उन्नत कृषि यंत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

इस कृषि मेले में कृषि, उद्यान, मत्स्योद्योग, डेयरी, पशुपालन, हाथकरघा, महिला एवं बाल विकास, कृषि मंडी, कृषि विज्ञान केन्द्र, वन विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा स्टाल लगाये गये थे. मेले में जिले में पैदा होने वाली धान की विभिन्न किस्मों, फल एवं सब्जियों, उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं का प्रदर्शन किया गया और उन्नत कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई थी. कृषि मंत्री श्री पटेल ने अतिथियों के साथ स्टालों का निरीक्षण किया और धान की विभिन्न प्रजातियों के बीज देखकर प्रसन्न्‍ा हुए. मेले में ड्रोन से फसलों पर कीटनाशक छिड़काव करने, धान का रोपा लगाने एवं धान की कटाई करने, मिट्टी की जुताई करने वाले उपकरणों का प्रदर्शन किया गया. इस मेले में युवाओं को रोजगार देने के लिए रोजगार मेला का भी आयोजन किया गया था. जिसमें 11 कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा 443 युवाओं का चयन किया गया है. इस रोजगार मेले में 645 युवाओं का पंजीयन किया गया था. इस रोजगार मेले में माह अक्टूबर में 1468 युवाओं को स्वरोजगार के लिए 18 करोड़ 62 लाख रुपये का ऋण वितरण किया गया.


Web Title : FARMERS ARE NOT ONLY ANNADATAS BUT ALSO OUR LIFE GIVERS AGRICULTURE MINISTER PATEL INAUGURATES KRISHI MELA AT TULSIDHAM (LENDAJHARI)