गणेश विसर्जन करने जा रहे लोगो पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज!,जनाक्रोश के बाद बैकफुट पर पुलिस, एएसआई, दो प्रधान आरक्षक और आरक्षक पर मामला दर्ज

बालाघाट. बीती रात लांजी मुख्यालय में लांजी पुलिस ने न केवल लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया अपितु भक्तिभाव से गणेश विसर्जन करने जा रहे मासुम महिला, पुरूष और बच्चों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया. लांजी पुलिस द्वारा किये गये लाठीचार्ज का जो विडियो वायरल हो रहा है, उसमें साफ है कि पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लोगों पर लाठीचार्ज किया किया. जनसेवा का दंभ भरने वाली पुलिस की इस कायरना हरकत के बाद आज 14 सितंबर को लांजी में सुबह ही जनाक्रोश देखने को मिला. जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा धार्मिक संगठन, गणमान्य नागरिक और लांजी की जनता ने अपनी एकजुटता के साथ वर्दी वाले गुंडो की खिलाफत की. बताया जाता है कि विवाद डीजे की बात को लेकर हुआ था, हालांकि शिकायतकर्ताओं का कहना है कि पुलिस के कहने के बाद डीजे बंद कर दिया गया था.  

लांजी में 13 सितंबर की रात हुए लाठीचार्ज के खिलाफ आज सुबह से ही लांजी में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर लोगों का आक्रोश भड़क उठा. जिसे देखते हुए डीआईजी, एडीएसपी, एसडीओपी और लांजी सहित बहेला, बालाघाट रक्षित केन्द्र का बल और हट्टा पुलिस ने पूरे नगर को छावनी में तब्दील कर दिया था. पुलिस की भारी भरकम फौज के बाद भी घटना को लेकर जनाक्रोश में कोई कमी देखने को नहीं मिली और सभी ने एकसाथ, एकस्वर में पुलिसिया कार्यप्रणाली की तीव्र निंदा करते हुए लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज करने की मांग की.  

लांजी में सुबह से पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ जनाक्रोश सड़को पर देखने को मिला. जिससे लांजी दिन के आधे समय पूरी तरह से बंद रहा और प्रदर्शनकारियों ने लांजी से होकर गुजरने वाले सभी मार्गो पर टायर जलाकर और धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज किया. बढ़ते जनाक्रोश को देखकर बैकफुट पर आते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज मामले में पीड़ित लोगों के बयानो के आधार पर एएसआई देवराम पटले, प्रधान आरक्षक परमानंद भगत, मंगल मानेश्वर और आरक्षक नवीन कुल्हाड़े के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर जांच में लिया है. बताया जाता है कि मामला दर्ज होने के बाद चारों पुलिसकर्मियो को सस्पैंड भी कर दिया गया है. इस मामले मंे पुलिस ने लाठीचार्ज से इंकार किया है लेकिन पुलिस यह जरूर कबुल कर रही है कि गणेश विसर्जन के दौरान ड्युटी कर रहे चारो पुलिसकर्मी नशे में थे.  

मिली जानकारी के अनुसार तिथियों में अंतर के कारण प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी लांजी में घरों और सार्वजनिक स्थानों पर भगवान गणेश की प्रतिमा विराजित की गई थी. जिसका विसर्जन का सिलसिला गत 12 सितंबर से प्रारंभ हो गया था, जो 13 सितंबर को जारी रहा. लांजी नगर के मरारी मोहल्ला वार्ड क्रमांक 06 सार्वजनिक नव गणेश उत्सव समिति और मित्रमंडल गणेश उत्सव समिति चांदनी चौक की सार्वजनिक गणेश प्रतिमाओ को समिति और वार्ड के लोग बीती रात विसर्जन करने धूमधाम से गणेशी तालाब की ओर बढ़ रहे थे. अभी भक्त, गणेश प्रतिमाओं को लेकर थाने से कुछ ही दूर पहुंचे थे कि डीजे बंद कराने को लेकर हुई मामुली कहासुनी में विसर्जन ड्युटी में तैनात एएसआई, प्रधान आरक्षक और आरक्षको ने लाठीचार्ज कर दिया. लाठीचार्ज करते समय पुलिसकर्मियों ने यह नहीं देखा कि गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान महिला और बच्चें भी है, जिन्हें भी लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियो ने नहीं बख्शा और बेरहमीपूर्वक लाठीचार्ज कर लोगों को वहां से खदेड़ दिया. जिससे आक्रोशित गणेश उत्सव समिति ने बिना विसर्जन किये ही गणेश प्रतिमाओं को लेकर वापस लौट गये. जिसको लेकर आज दूसरे दिन 14 सितंबर को जनाक्रोश सुबह से ही सड़को पर देखने को मिला.  

वायरल वीडियो में बेरहमी से मारते दिख रहे पुलिसकर्मी

13 सितंबर को लांजी में गणेश विसर्जन करने जा रहे लोगों पर पुलिस द्वारा किये गये लाठीचार्ज का वीडियो, घटना के बाद से तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें पुलिस बेरहमी से लोगों को मारते हुए नजर आ रही है. लगभग एक मिनट से ज्यादा के इस वीडियो में पुलिस के लाठीचार्ज के बाद मौका स्थल पर अफरातफरी का माहौल भी नजर आ रहा है.

पुलिस सुरक्षा में किया गया प्रतिमा का विसर्जन

सुबह जनाक्रोश के बाद पुलिस द्वारा पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हंे निलंबित किये जाने के बाद लोगांे का आक्रोश शांत पड़ा. जिसके बाद दोनो ही गणेश उत्सव समिति द्वारा संयुक्त रूप से धूमधाम से गणेश प्रतिमाओ का विसर्जन गणेशी तालाब में किया गया. इस दौरान भारी, भरकम पुलिस सुरक्षा रही.  

आखिर किसके आदेश पर किया लाठीचार्ज

कानून व्यवस्था और जनसेवा की जिम्मेदारी पुलिस पर है और यदि रक्षक ही भक्षक बन जायें तो स्थिति विपरित हो जाती है और बीती रात ऐसा ही कुछ लांजी मुख्यालय में देखने को मिला. जहां मामुली बात पर  विसर्जन ड्युटी कर रहे पुलिसकर्मियो ने गणेश उत्सव समिति और उसमें शामिल महिला, पुरूष और बच्चों पर लाठीचार्ज कर दिया. जिसमें कई लोगों को चोटे आई है. अमूमन पुलिस ऐसे ही लाठीचार्ज नहीं करती है बिना वरिष्ठ अधिकारियों के लाठीचार्ज करना भी पुलिस कर्तव्य के विपरित है, फिर आखिर उन पुलिसकर्मियों को किसने लाठीचार्ज के लिए आदेशित किया? यह सवाल खड़े हो रहा है. बहरहाल घटना के बाद से पुलिस बैकफुट पर है.  

कॉल जाने पर फोन नहीं उठा रहे पुलिस अधिकारी

इस मामले में पुलिस का पक्ष जानने और लाठीचार्ज के खिलाफ की जा रही कार्यवाही की जानकारी लेने जब वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनके तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया. जिससे लगता है कि पुलिस अधिकारी, अपने मातहतों द्वारा की गई शर्मनाक घटना पर बोलने से बच रहे है.  


Web Title : POLICE LATHICHARGE ON PEOPLE GOING TO DISCHARGE GANESH!, AFTER PUBLIC OUTCRY, POLICE, ASI, TWO SHERIFFS AND CUSTODIANS BOOKED ON THE BACKFOOT