मुश्किल काम को सहजता से करने में पोस्टल बैलेट की अहम भूमिका, महिला कर्मी ममता के साथ निभा रही निर्वाचन दायित्व

बालाघाट. लोकसभा निर्वाचन के तहत 19 अप्रैल को मतदान होना है. इस दिन सामान्य मतदाता तो मतदान केंद्रों पर जाकर मतदान करेंगे, लेकिन ऐसे कई और भी मतदाता है जो उस दिन निर्वाचन के अलग-अलग कार्यो में अपना दायित्व निभा रहे होंगे. ऐसे मतदाताओं को आयोग ने एक अलग प्रक्रिया और अलग श्रेणी मानते हुए वास्तविक मतदान दिवस से पूर्व मतदान कराने की सुविधा दी है. इसके लिए पोस्टल बैलेट, ईडीसी, इटीपीबीएस, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता, दिव्यांग मतदाता तथा विशेष श्रेणी के मतदाताओ को मतदान कराने का जिम्मा दिया गया है. इस व्‍यवस्‍था की गंभीरता इस बात से भी समझ सकते है कि टीम में लगी कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर स्‍वाति परिहार अपनी दो वर्षीय बालिका मानवी को भी लेकर आती है. ताकि उनके काम में व्‍यवधान न हो. वो निर्वाचन कार्य को गंभीरता से भी निभा रहीं है और अपनी ममता भी बालिका को दे रही है.  

पोस्टल बैलेट नोडल अधिकारी ने बताया कि यह कार्य थोड़ा पेचीदा जरूर है लेकिन आयोग के निर्देश स्पष्ट है. पोस्टल बैलेट एवं ईडीसी की सुविधा उन मतदाताओं के लिए है जो 19 अप्रैल को निर्वाचन के कार्यो में व्यस्त होंगे. अनुपस्थित मतदाताओं की श्रेणी 85 वर्ष से अधिक आयु व दिव्यांग तथा अनिवार्य सेवा में नपा अमला, स्वास्थ्य, एमपीईबी और मीडिया को इस बार इस श्रेणी में शामिल किया गया है.

पोस्टल बैलेट के माध्यम से ही ऐसे मतदाताओं का डेटा संकलित किया जाता है. जो अनुपस्थित मतदाताओ के श्रेणी में आते है. ये 85 वर्ष से अधिक आयु के और दिव्यांग मतदाता है. पहले इनका मतदाता सूची से मिलान किया जाता है. मिलान करने के बाद निर्धारित प्रारूप में चलित मतदान केंद्र या मतदान केंद्र पर मतदान करने की सहमति ली जाती है. फिर उनका ईपिक नम्बर, भाग संख्या और मतदान केंद्र से मिलान किया जाता है. ये सब होने के बाद एआरओ को जानकारी दी जाती हैं, ताकि निर्धारित तिथि में चलित मतदान केंद्र बनाने की पूरी व्यवस्था की जा सके. दो चरणों में इस व्‍यवस्‍था का क्रियांवयन किया गया. जिसमें प्रथम चरण में 1875 मतदाताओं ने मतदान किया.

पीवीसी में पोस्टल बैलेट की भूमिका

पोस्टल बैलेट दो तरह के मतदाताओं को जारी होते है. एक जो उसी संसदीय सीट के मतदाता हो और दूसरे वे जो अन्य संसदीय सीट के है. उनसे प्रारूप-12-डी में जानकारी ली जाती है. साथ ही सहमति पत्र भी भरवाया जाता है. फिर पोस्टल बैलेट की टीम उन प्रारूप से मतदाता सूचियों का मिलान या जानकारी मैच करते है. इसके बाद संबंधित एआरओ को जानकारी भेज कर उनका पोस्टल बैलेट जारी करवाया जाता है. ये सब होने के बाद निर्धारित नियमानुसार पीवीसी सुविधा केंद्र बनाकर मतदान कराया जाता है. इसमें स्‍वास्‍थ्‍य, नपा, एमपीईबी और मीडिया के कुल 109 मतदाताओं ने मतदान किया है.

ईडीसी में पोस्टल बैलेट का दायित्व

ईडीसी उन कर्मचारी मतदाताओ को जारी किया जाता है. जो मतदान मतदान दिनांक को निर्वाचन की ड्यूटी में होते हैं. ऐसे मतदाताओ से प्रारूप 12-क भरवाकर निर्धारित प्रारूप 12-ख में ईडीसी जारी किया जाता है. ईडीसी जारी होने के बाद संबंधित मतदान दिनांक को उस मतदान केंद्र को छोड़कर जिसका की वो मतदाता है, संसदीय क्षेत्र के किसी भी मतदान केंद्र में ईवीएम मशीन के माध्‍यम से मतदान कर सकता है. 16 अप्रैल तक ऐसे कुल 630 मतदाताओं को ईडीसी जारी किया गया है. जिसमें से 16 अप्रैल तक 352 ने मतदान किया है. यह कार्य एसडीएम कार्यालय में 18 अप्रैल तक चलेगा. वहीं मतदान दिवस के दिन मतदान दलों को 12134 ईडीसी जारी की गई है. जो मतदान केंद्र में ही मतदान करेंगे. इस तरह पोस्‍टल बैलेट का एक पैरेलल निर्वाचन कार्य है. जिसमें जिले में कुल 12595 मतदाताओं को पीबी या ईडीसी जारी कर मतदान कराना सुनिश्चित किया गया.  


Web Title : POSTAL BALLOT PLAYS AN IMPORTANT ROLE IN DOING DIFFICULT WORK SMOOTHLY, WOMEN WORKERS ARE PERFORMING ELECTION RESPONSIBILITIES WITH MAMATA